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Amethi News: ईश्वर की भक्ति ही मनुष्य के जीवन का उत्तम मार्ग
संवाद न्यूज एजेंसी, अमेठी
Updated Wed, 31 Dec 2025 12:43 AM IST
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.जामों के गोगमऊ में भागवत कथा सुनते श्रद्धालु।स्रोत-आयोजक
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जामों। श्रीमद्भागवत कथा केवल धार्मिक ग्रंथ ही नहीं बल्कि जीवन के पापों से मुक्ति दिलाने का एकमात्र सरल उपाय है। ईश्वर की भक्ति ही मनुष्य के जीवन का उत्तम मार्ग है। ध्रुव चरित्र से भगवान के प्रति अटूट विश्वास की शिक्षा लेनी चाहिए। ये बातें गोगमऊ गांव में श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन मंगलवार को प्रवाचक आचार्य औचित्यानंद महाराज ने कहीं।
प्रवाचक ने बताया कि जिस तरह ध्रुव ने कम उम्र में कड़ी मेहनत और तपस्या के बल पर भगवान को प्रसन्न कर लिया, यह उनका ईश्वर के प्रति अटूट विश्वास का परिणाम है। बिना मेहनत के किसी भी काम में सफलता नहीं प्राप्त की जा सकती है। ईश्वर की भक्ति ही मनुष्य के जीवन के लिए उत्तम साधन है। इसी से मनुष्य में सुधार आता है।
प्रवाचक ने कहा कि निर्मल मन से भगवान का भजन-कीर्तन करने पर परिवार सुखमय जीवन व्यतीत कर सकता है। अहंकार ही मनुष्य जीवन को इधर-उधर भटकाव करने के लिए मजबूर कर देता है। मनुष्य को कभी घमंड नहीं करना चाहिए। इस अवसर पर मुख्य यजमान मंदिर के महंत शिवकुमार पांडेय, अंबे सहाय मिश्र, मनोज कुमार, रणधीर, डाॅ. अनिल कुमार मिश्र, सुरेश मिश्र आदि मौजूद रहे।
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प्रवाचक ने बताया कि जिस तरह ध्रुव ने कम उम्र में कड़ी मेहनत और तपस्या के बल पर भगवान को प्रसन्न कर लिया, यह उनका ईश्वर के प्रति अटूट विश्वास का परिणाम है। बिना मेहनत के किसी भी काम में सफलता नहीं प्राप्त की जा सकती है। ईश्वर की भक्ति ही मनुष्य के जीवन के लिए उत्तम साधन है। इसी से मनुष्य में सुधार आता है।
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प्रवाचक ने कहा कि निर्मल मन से भगवान का भजन-कीर्तन करने पर परिवार सुखमय जीवन व्यतीत कर सकता है। अहंकार ही मनुष्य जीवन को इधर-उधर भटकाव करने के लिए मजबूर कर देता है। मनुष्य को कभी घमंड नहीं करना चाहिए। इस अवसर पर मुख्य यजमान मंदिर के महंत शिवकुमार पांडेय, अंबे सहाय मिश्र, मनोज कुमार, रणधीर, डाॅ. अनिल कुमार मिश्र, सुरेश मिश्र आदि मौजूद रहे।
