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Amethi News: रामप्रसाद मरे हैं या जिंदा...हाईकोर्ट के निर्देश पर हुई बैठक
संवाद न्यूज एजेंसी, अमेठी
Updated Wed, 31 Dec 2025 12:39 AM IST
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अमेठी के जंगल रामनगर में स्थित पंचायत भवन में बैठक के दौरान मौजूद प्रधान व अफसर। स्रोत : ग्राम
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अमेठी सिटी। ब्लॉक अमेठी की ग्राम पंचायत जंगलरामनगर के सेमरहवां गांव में पांच बीघा जमीन के लिए विवाद चल रहा है। रामप्रसाद मृतक हैं या जिंदा, इसके लिए मंगलवार को गांव स्थित पंचायत भवन में हाईकोर्ट के निर्देश पर यह साबित करने के लिए बैठक हुई। पंचायती राज विभाग की ओर से वर्ष 2012 में मृत्यु प्रमाणपत्र जारी हो चुका है।
बैठक में शामिल ग्रामीणों से अफसरों ने पक्ष-विपक्ष का बयान भी दर्ज किया। पत्नी अपने पति की 13 वर्ष पूर्व मौत होने की बात भी कह रही है। गांव निवासी प्रेमा देवी और बेटी रोशनी का दावा है कि पति व पिता रामप्रसाद उर्फ शिव प्रसाद की वर्ष 2012 में उनकी मृत्यु हो चुकी है।
आरोप है कि देवर रामू अपने को राम प्रसाद उर्फ शिव प्रसाद बताकर पांच बीघा जमीन हड़पना चाहते हैं। एक पक्ष अपने को जिंदा तो दूसरा पक्ष अपने पति की मृत्यु होने का दावा कर रहा है। मामले की जड़ रामप्रसाद उर्फ शिव प्रसाद नाम के व्यक्ति की पहचान है।
सरकारी दस्तावेजों के अनुसार रामप्रसाद की मृत्यु तीन जनवरी 2012 को हो चुकी है और उनका मृत्यु प्रमाणपत्र भी जारी है। लेकिन रामू नामक व्यक्ति का दावा है कि वही असल रामप्रसाद है और वह जीवित है। उच्च न्यायालय के आदेश पर जिला पंचायत अधिकारी मनोज त्यागी ने बीडीओ को बैठक के निर्देश दिए। मंगलवार को कार्यवाहक एडीओ पंचायत अनुराग यादव, सचिव विपिन तिवारी की मौजूदगी और ग्राम प्रधान राहुल वर्मा की अध्यक्षता में पंचायत भवन में ग्रामीणों की बैठक हुई।
न्यायालय के आदेश पर खुली बैठक कर ग्रामीणों के बयान दर्ज किए गए हैं। सभी हस्ताक्षर और रिपोर्ट उच्च न्यायालय को सौंपी जाएगी। प्रभारी एडीओ पंचायत अनुराग यादव ने बताया कि मृतक के संबंध में बैठक की गई थी।
पक्ष-विपक्ष के लोगों के हस्ताक्षर कराकर रिपोर्ट जिला प्रशासन के माध्यम से न्यायालय भेजी जाएगी। पंचायत के दौरान पुलिस बल तैनात रहा। जांच टीम ने ग्रामीणों के पक्ष सुने, जिसमें 250 से अधिक लोगों ने हस्ताक्षर किए हैं। (संवाद)
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बैठक में शामिल ग्रामीणों से अफसरों ने पक्ष-विपक्ष का बयान भी दर्ज किया। पत्नी अपने पति की 13 वर्ष पूर्व मौत होने की बात भी कह रही है। गांव निवासी प्रेमा देवी और बेटी रोशनी का दावा है कि पति व पिता रामप्रसाद उर्फ शिव प्रसाद की वर्ष 2012 में उनकी मृत्यु हो चुकी है।
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आरोप है कि देवर रामू अपने को राम प्रसाद उर्फ शिव प्रसाद बताकर पांच बीघा जमीन हड़पना चाहते हैं। एक पक्ष अपने को जिंदा तो दूसरा पक्ष अपने पति की मृत्यु होने का दावा कर रहा है। मामले की जड़ रामप्रसाद उर्फ शिव प्रसाद नाम के व्यक्ति की पहचान है।
सरकारी दस्तावेजों के अनुसार रामप्रसाद की मृत्यु तीन जनवरी 2012 को हो चुकी है और उनका मृत्यु प्रमाणपत्र भी जारी है। लेकिन रामू नामक व्यक्ति का दावा है कि वही असल रामप्रसाद है और वह जीवित है। उच्च न्यायालय के आदेश पर जिला पंचायत अधिकारी मनोज त्यागी ने बीडीओ को बैठक के निर्देश दिए। मंगलवार को कार्यवाहक एडीओ पंचायत अनुराग यादव, सचिव विपिन तिवारी की मौजूदगी और ग्राम प्रधान राहुल वर्मा की अध्यक्षता में पंचायत भवन में ग्रामीणों की बैठक हुई।
न्यायालय के आदेश पर खुली बैठक कर ग्रामीणों के बयान दर्ज किए गए हैं। सभी हस्ताक्षर और रिपोर्ट उच्च न्यायालय को सौंपी जाएगी। प्रभारी एडीओ पंचायत अनुराग यादव ने बताया कि मृतक के संबंध में बैठक की गई थी।
पक्ष-विपक्ष के लोगों के हस्ताक्षर कराकर रिपोर्ट जिला प्रशासन के माध्यम से न्यायालय भेजी जाएगी। पंचायत के दौरान पुलिस बल तैनात रहा। जांच टीम ने ग्रामीणों के पक्ष सुने, जिसमें 250 से अधिक लोगों ने हस्ताक्षर किए हैं। (संवाद)
