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Amroha News: ढाई महीने में जन औषधि केंद्र पर बने सिर्फ 100 डिजिटल हेल्थ कार्ड
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गजरौला(अमरोहा)। ढाई महीने में प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र पर महज सौ डिजिटल हेल्थ कार्ड बन सके हैं। प्रचार-प्रसार के अभाव में लोग कार्ड बनवाने के लिए तेजी से आगे नहीं आ रहे। जबकि डिजिटल हेल्थ कार्ड से 50 फीसदी छूट पर सभी दवाइयां मिलती हैं। मरीजों का दवाइयों पर होने वाला आधा खर्चा कम हो सकता है।
नगर के मोहल्ला बस्ती स्थित प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र जिले में इकलौता केंद्र है। सांसद कंवर सिंह तंवर व मंडी धनौरा विधायक राजीव तरारा ने पांच अक्तूबर को डीएम निधि गुप्ता वत्स की मौजूदगी में इसका उद्घाटन किया। इस केंद्र पर सभी दवाएं बाजार भाव से 50 फीसदी कम कीमत पर मिलती हैं। दवाइयां कोई भी ले सकता है चाहे आम नागरिक हो या डिजिटल हेल्थ कार्ड धारक। जो दवाई केंद्र पर नहीं होती, उसे मंगाकर मरीज को मुहैया कराई जाती है। मगर हैरत की बात यह है कि इसे जागरूकता का अभाव कहें या प्रचार-प्रसार की कमी, जो ढाई महीने बाद भी महज 100 डिजिटल हेल्थ कार्ड बन पाए हैं। इसके अलावा यहां पर दवाइयां लेने के लिए भी गिने चुने मरीज ही आते हैं, जबकि दवाइयां बेहद सस्ते दाम पर मिलती हैं।
केंद्र संचालक फार्मासिस्ट विजेंद्र सिंह ने बताया कि प्रतिदिन यहां पर 10 से 15 मरीज दवाइयां लेने आते हैं। अभी तक 100 ही डिजिटल हेल्थ कार्ड बन पाए हैं, जबकि यहां पर 50 फीसदी छूट पर सभी दवाइयां मिलती हैं, मगर लोग कार्ड बनवाने में दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं।
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कार्ड धारक को वर्चुअल परामर्श देंगे लखनऊ में बैठे चिकित्सक
गजरौला। प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र पर डिजिटल हेल्थ कार्ड बनाए जाते हैं। एक कार्ड बनवाने के लिए कार्ड धारक से 125 रुपये लिए जाते हैं। इसके लिए आधार कार्ड और फोन नंबर देना होता है। डिजिटल हेल्थ कार्ड बन जाने पर मरीज को काेई गंभीर बीमारी हो जाने पर लखनऊ में बैठे चिकित्सक निशुल्क परामर्श देंगे। उसे बीमारी से बचाव के बारे में बताएंगे, जबकि निजी अस्पतालों में परामर्श या पर्ची बनवाने पर मरीज के हजारों रुपये खर्च हो जाते हैं। संवाद
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नगर के मोहल्ला बस्ती स्थित प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र जिले में इकलौता केंद्र है। सांसद कंवर सिंह तंवर व मंडी धनौरा विधायक राजीव तरारा ने पांच अक्तूबर को डीएम निधि गुप्ता वत्स की मौजूदगी में इसका उद्घाटन किया। इस केंद्र पर सभी दवाएं बाजार भाव से 50 फीसदी कम कीमत पर मिलती हैं। दवाइयां कोई भी ले सकता है चाहे आम नागरिक हो या डिजिटल हेल्थ कार्ड धारक। जो दवाई केंद्र पर नहीं होती, उसे मंगाकर मरीज को मुहैया कराई जाती है। मगर हैरत की बात यह है कि इसे जागरूकता का अभाव कहें या प्रचार-प्रसार की कमी, जो ढाई महीने बाद भी महज 100 डिजिटल हेल्थ कार्ड बन पाए हैं। इसके अलावा यहां पर दवाइयां लेने के लिए भी गिने चुने मरीज ही आते हैं, जबकि दवाइयां बेहद सस्ते दाम पर मिलती हैं।
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केंद्र संचालक फार्मासिस्ट विजेंद्र सिंह ने बताया कि प्रतिदिन यहां पर 10 से 15 मरीज दवाइयां लेने आते हैं। अभी तक 100 ही डिजिटल हेल्थ कार्ड बन पाए हैं, जबकि यहां पर 50 फीसदी छूट पर सभी दवाइयां मिलती हैं, मगर लोग कार्ड बनवाने में दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं।
कार्ड धारक को वर्चुअल परामर्श देंगे लखनऊ में बैठे चिकित्सक
गजरौला। प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्र पर डिजिटल हेल्थ कार्ड बनाए जाते हैं। एक कार्ड बनवाने के लिए कार्ड धारक से 125 रुपये लिए जाते हैं। इसके लिए आधार कार्ड और फोन नंबर देना होता है। डिजिटल हेल्थ कार्ड बन जाने पर मरीज को काेई गंभीर बीमारी हो जाने पर लखनऊ में बैठे चिकित्सक निशुल्क परामर्श देंगे। उसे बीमारी से बचाव के बारे में बताएंगे, जबकि निजी अस्पतालों में परामर्श या पर्ची बनवाने पर मरीज के हजारों रुपये खर्च हो जाते हैं। संवाद
