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Amroha News: बीएलओ बोले-काम का तनाव, फटकार का डर, लोगों का गुस्सा झेलना भी मजबूरी
संवाद न्यूज एजेंसी, अमरोहा
Updated Mon, 01 Dec 2025 01:32 AM IST
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अमरोहा। मुरादाबाद में बीएलओ सर्वेश सिंह के खुदकुशी करने से जिले के शिक्ष नाराज हैं। कुछ बीएलओ का कहना है कि एसआईआर फॉर्म भरवाकर जमा कराना उनके लिए किसी चुनौती से कम नहीं है।
तमाम मतदाता इसकी अहमियत नहीं समझ रहे तो बहुत से ऐसे भी हैं जो बीएलओ को समय पर फॉर्म भरकर नहीं दे रहे हैं। जिले में कई जगह बीएलओ से अभद्रता भी हुई।
यह कहना है कि जिले में बीएलओ की भूमिका निभा रहे कई िशक्षकों का। कुछ बीएलओ ने बताया कि फार्म में मांगी गई जानकारियां लोगों के समझ में नहीं आ रही है। 2003 का डाटा लोग नहीं जुटा पा रहे हैं।
अगर लोगों को समझाते हैं तो वह बीएलओ पर भड़क जाते हैं। कम का दबाव झेल रहे बीएलओ को अफसर की डांट पड़ने का भी डर है। इस तरह की दिक्कत ग्रामीण इलाकों को ज्यादा हैं। एसआईआर फॉर्म भरवा रहीं महिला बीएलओ ने बताया कि ग्रामीण इलाकों में मतदाताओं एसआईआर फॉर्म के बारे में समझाना बड़ा ही चुनौतीपूर्ण काम है। कुछ समझ रहे तो कुछ भड़क जा रहे हैं, चूंकि सभी का फॉर्म भरवाना अनिवार्य है, इसलिए उनसे निवेदन तक करना पड़ रहा है जो मतदाता गांव के बाहर अन्य राज्यों में नौकरी कर रहे हैं, ऐसे मतदाताओं की जानकारी जुटाने में दिक्कत आ रही है जो शिक्षक बीएलओ के रूप में काम कर रहे हैं उन्हें एक घंटा स्कूल में पढ़ाना भी है और फिर फॉर्म भी भरवाने हैं। व्यक्तिगत जीवन भी प्रभावित हो रहा है। शिक्षक बीएलओ ने बताया कि संसाधन की कमी है। तमाम लोग घरों में नहीं मिल रहे हैं। कृषि के काम में लगे हैं। एप सही से काम नहीं करता, जिससे अपडेट करने में दिक्कत होती है। हालांकि फाॅर्म फीड करने के लिए तहसील में कर्मचारी तैनात है जो रात में यही काम करते हैं। अब समय अवधि बढ़ने से कुछ राहत मिली है।
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तमाम मतदाता इसकी अहमियत नहीं समझ रहे तो बहुत से ऐसे भी हैं जो बीएलओ को समय पर फॉर्म भरकर नहीं दे रहे हैं। जिले में कई जगह बीएलओ से अभद्रता भी हुई।
यह कहना है कि जिले में बीएलओ की भूमिका निभा रहे कई िशक्षकों का। कुछ बीएलओ ने बताया कि फार्म में मांगी गई जानकारियां लोगों के समझ में नहीं आ रही है। 2003 का डाटा लोग नहीं जुटा पा रहे हैं।
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अगर लोगों को समझाते हैं तो वह बीएलओ पर भड़क जाते हैं। कम का दबाव झेल रहे बीएलओ को अफसर की डांट पड़ने का भी डर है। इस तरह की दिक्कत ग्रामीण इलाकों को ज्यादा हैं। एसआईआर फॉर्म भरवा रहीं महिला बीएलओ ने बताया कि ग्रामीण इलाकों में मतदाताओं एसआईआर फॉर्म के बारे में समझाना बड़ा ही चुनौतीपूर्ण काम है। कुछ समझ रहे तो कुछ भड़क जा रहे हैं, चूंकि सभी का फॉर्म भरवाना अनिवार्य है, इसलिए उनसे निवेदन तक करना पड़ रहा है जो मतदाता गांव के बाहर अन्य राज्यों में नौकरी कर रहे हैं, ऐसे मतदाताओं की जानकारी जुटाने में दिक्कत आ रही है जो शिक्षक बीएलओ के रूप में काम कर रहे हैं उन्हें एक घंटा स्कूल में पढ़ाना भी है और फिर फॉर्म भी भरवाने हैं। व्यक्तिगत जीवन भी प्रभावित हो रहा है। शिक्षक बीएलओ ने बताया कि संसाधन की कमी है। तमाम लोग घरों में नहीं मिल रहे हैं। कृषि के काम में लगे हैं। एप सही से काम नहीं करता, जिससे अपडेट करने में दिक्कत होती है। हालांकि फाॅर्म फीड करने के लिए तहसील में कर्मचारी तैनात है जो रात में यही काम करते हैं। अब समय अवधि बढ़ने से कुछ राहत मिली है।