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Azamgarh News: हिस्ट्रीशीटर है बिपेंद्र सिंह, विकास के साथ थी उसकी घनिष्ठ मित्रता
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40 : कोडीन कप सिरप के आरोपी विकास सिंह (ब्लू टीशर्ट) और बिपेंद्र सिंह (एलो शर्ट)।
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आजमगढ़। कोडीनयुक्त कफ सिरप की जांच में दिन प्रतिदिन नए खुलासे हो रहे हैं। सबसे पहले जिले से दीदारगंज थाना क्षेत्र के नरवे गांव निवासी विकास सिंह का नाम सामने आया। वहीं, अब जेठारी गांव निवासी बिपेंद्र सिंह की संलिप्तता सामने आई है। इस मामले में औषधि निरीक्षक ने बुधवार को दीदारगंज थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है। बिपेंद्र सिंह नरवे गांव निवासी विकास सिंह का अभिन्न मित्र था और दीदारगंज थाने का हिस्ट्रीशीटर भी है। उस पर कुल 11 प्राथमिकी दर्ज हैं।
कोडीनयुक्त कफ सिरप के मामले में थाना दीदारगंज में औषधि निरीक्षक सीमा वर्मा की तहरीर पर प्राथमिकी दर्ज की गई है। ड्रग इंस्पेक्टर सीमा वर्मा ने पुलिस को तहरीर देकर बताया कि दीदारगंज थाना क्षेत्र के जेठारी नरवे निवासी बिपेंद्र सिंह की मार्टीनगंज के बनगांव में एएस फार्मा के नाम से मेडिकल स्टोर है। उन्होंने आजमगढ़ की दो, बस्ती की तीन और जौनपुर की एक फर्म से कोडीन कफ सिरप की कुल 3 लाख 28 हजार बोतल खरीदी थी। 28 नवंबर को निरीक्षण के दौरान दुकान बंद मिली थी। पूछताछ के दौरान मकान मालिक ने बताया कि एक साल पहले ही वह दुकान छोड़ चुका है। उसके घर जाने पर भी वह नहीं मिला। कई बार फोन किया गया, लेकिन फोन रिसीव नहीं हुआ। व्हाट्सएप नंबर और ईमेल के जरिये भी खरीद-बिक्री का विवरण मांगा गया, लेकिन उपलब्ध नहीं कराया गया। जीएसटी विवरण अकाउंट नहीं उपलब्ध कराया गया। ऐसे में कफ सिरप के दुरुपयोग की आशंका है। बिपेंद्र सिंह पर 11 प्राथमिकी दर्ज हैं। इसमें गैंगस्टर एक्ट, आर्म्स एक्ट, मारपीट, हत्या के प्रयास आदि के मुकदमे दर्ज हैं। बिपेंद्र कुमार पर प्रयागराज और जौनपुर में भी एक-एक प्राथमिकी दर्ज है।
एक साल से दुकान बंद फिर भी चलता रहा कारोबार
मार्टीनगंज से सटे बनगांव में बिपेंद्र सिंह ने एएस फार्मा नाम से मेडिकल स्टोर चलाता था। एक साल से इस दुकान पर ताला लटक रहा है। इसके बाद भी तीन लाख 28 हजार बोतल कोडीन कफ सीरप की बिक्री बड़ा सवाल है। औषधि विभाग किस प्रकार निगरानी करता है, यह भी सवालों के घेरे में है। हालांकि इस बारे में औषधि निरीक्षक कुछ बता नहीं रही हैं।
रुपये के लिए विकास से हुआ विवाद
कोडीनयुक्त कफ सिरप मामले में शामिल विकास सिंह और बिपेंद्र सिंह में बहुत घनिष्ठता थी। लोगों की मानें तो लगभग चार माह पहले विकास सिंह ने बिपेंद्र सिंह के खाते में 40 लाख रुपये भेजे थे। बिपेंद्र सिंह ने रुपये देने में आनाकानी तो मामला थाने पहुंच गया। हालांकि इस मामले में कोई मुकदमा थाने में दर्ज नहीं हुआ। इसके बाद से दोनों में अलगाव हो गया।
बिपेंद्र सिंह से कई बार संपर्क करने की कोशिश की गई। मेडिकल स्टोर बंद मिला, मोबाइल उठा नहीं, ई-मेल और व्हाट्सएप पर मेसेज करने के बाद भी कोई जवाब नहीं मिला। अगर उसके द्वारा खरीद फरोख्त की जानकारी दी गई होती तो यह मुकदमा दर्ज नहीं कराना पड़ता। - डाॅ. सीमा वर्मा, औषधि निरीक्षक।
आरोपी बिपेंद्र सिंह पहले से ही थाने का हिस्ट्रीशीटर है। उस पर कुल 11 प्राथमिकी दर्ज हैं। इसके बैंक खातों के अलावा सिरप की बिक्री कहां-कहां की गई है, इसकी जानकारी की जा रही है। जो तथ्य सामने आएंगे, उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी। - डॉ. अनिल कुमार, एसपी।
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कोडीनयुक्त कफ सिरप के मामले में थाना दीदारगंज में औषधि निरीक्षक सीमा वर्मा की तहरीर पर प्राथमिकी दर्ज की गई है। ड्रग इंस्पेक्टर सीमा वर्मा ने पुलिस को तहरीर देकर बताया कि दीदारगंज थाना क्षेत्र के जेठारी नरवे निवासी बिपेंद्र सिंह की मार्टीनगंज के बनगांव में एएस फार्मा के नाम से मेडिकल स्टोर है। उन्होंने आजमगढ़ की दो, बस्ती की तीन और जौनपुर की एक फर्म से कोडीन कफ सिरप की कुल 3 लाख 28 हजार बोतल खरीदी थी। 28 नवंबर को निरीक्षण के दौरान दुकान बंद मिली थी। पूछताछ के दौरान मकान मालिक ने बताया कि एक साल पहले ही वह दुकान छोड़ चुका है। उसके घर जाने पर भी वह नहीं मिला। कई बार फोन किया गया, लेकिन फोन रिसीव नहीं हुआ। व्हाट्सएप नंबर और ईमेल के जरिये भी खरीद-बिक्री का विवरण मांगा गया, लेकिन उपलब्ध नहीं कराया गया। जीएसटी विवरण अकाउंट नहीं उपलब्ध कराया गया। ऐसे में कफ सिरप के दुरुपयोग की आशंका है। बिपेंद्र सिंह पर 11 प्राथमिकी दर्ज हैं। इसमें गैंगस्टर एक्ट, आर्म्स एक्ट, मारपीट, हत्या के प्रयास आदि के मुकदमे दर्ज हैं। बिपेंद्र कुमार पर प्रयागराज और जौनपुर में भी एक-एक प्राथमिकी दर्ज है।
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एक साल से दुकान बंद फिर भी चलता रहा कारोबार
मार्टीनगंज से सटे बनगांव में बिपेंद्र सिंह ने एएस फार्मा नाम से मेडिकल स्टोर चलाता था। एक साल से इस दुकान पर ताला लटक रहा है। इसके बाद भी तीन लाख 28 हजार बोतल कोडीन कफ सीरप की बिक्री बड़ा सवाल है। औषधि विभाग किस प्रकार निगरानी करता है, यह भी सवालों के घेरे में है। हालांकि इस बारे में औषधि निरीक्षक कुछ बता नहीं रही हैं।
रुपये के लिए विकास से हुआ विवाद
कोडीनयुक्त कफ सिरप मामले में शामिल विकास सिंह और बिपेंद्र सिंह में बहुत घनिष्ठता थी। लोगों की मानें तो लगभग चार माह पहले विकास सिंह ने बिपेंद्र सिंह के खाते में 40 लाख रुपये भेजे थे। बिपेंद्र सिंह ने रुपये देने में आनाकानी तो मामला थाने पहुंच गया। हालांकि इस मामले में कोई मुकदमा थाने में दर्ज नहीं हुआ। इसके बाद से दोनों में अलगाव हो गया।
बिपेंद्र सिंह से कई बार संपर्क करने की कोशिश की गई। मेडिकल स्टोर बंद मिला, मोबाइल उठा नहीं, ई-मेल और व्हाट्सएप पर मेसेज करने के बाद भी कोई जवाब नहीं मिला। अगर उसके द्वारा खरीद फरोख्त की जानकारी दी गई होती तो यह मुकदमा दर्ज नहीं कराना पड़ता। - डाॅ. सीमा वर्मा, औषधि निरीक्षक।
आरोपी बिपेंद्र सिंह पहले से ही थाने का हिस्ट्रीशीटर है। उस पर कुल 11 प्राथमिकी दर्ज हैं। इसके बैंक खातों के अलावा सिरप की बिक्री कहां-कहां की गई है, इसकी जानकारी की जा रही है। जो तथ्य सामने आएंगे, उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी। - डॉ. अनिल कुमार, एसपी।