UP: ACMO पर धन उगाही का आरोप, BJP जिलाध्यक्ष ने डीएम को दिया पत्र; कहा- 17 साल से जिले में हैं कई अफसर
Azamgarh News: यूपी के आजमगढ़ जिले में एसीएमओ के खिलाफ भाजपा जिलाध्यक्ष ने जिलाधिकारी को पत्र लिखकर शिकायत की है। आरोप है कि एसीएमओ ने कई अवैध काम करवाएं हैं, जिनकी जांच होनी चाहिए।
विस्तार
UP News: भाजपा जिलाध्यक्ष ध्रुव सिंह ने शिकायत की थी कि डॉ. अरविंद चौधरी पर अवैध रूप से धन उगाही की जा रही है। इस शिकायत की जांच डीएम की ओर से सीडीओ से कराई गई। जांच में उनके 17 वर्षों से जिले में कई पदों पर तैनात रहने की बात सामने आई। इस मामले में डीएम ने निदेशक को पद भेजकर उनके स्थानांतरण का अनुरोध किया लेकिन अब तक इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है।
31 जून को भाजपा जिलाध्यक्ष ध्रुव कुमार सिंह ने डीएम को शिकायती पत्र सौंपा गया था। जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि एसीएमओ डा. अरविंद चौधरी अस्पतालों की जांच के बाद उन्हें सीज करने और फिर मोटी रकम लेकर उन्हें संचालित कराते हैं। इस शिकायत पर डीएम ने सीडीओ की अध्यक्षता में कमेटी का गठन कर मामले की जांच कराई।
जांच में पाया गया कि 13 जुलाई 2007 को डा. अरविंद चौधरी की तैनाती में हुई थी। डा. अरविंद चौधरी निजी चिकित्सा प्रतिष्ठान का कार्य नौ सितंबर 2024 से ही देख रहे हैं। भाजपा जिलाध्यक्ष ने यह भी आरोप लगाया था कि डा. अरविंद चौधरी डिप्टी सीएमओ की नौकरी पाने के समय विकलांग नहीं थे बाद में फर्जी विकलांग प्रमाण पत्र लगाकर 18 वर्ष से आजमगढ़ में जमे हैं।
सीडीओ ने अपनी जांच आख्या में बताया कि यह महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य स्तर से जांच का विषय है कि शिकायत होने के बाद मानव संपदा पोर्टल के डाटा में संशोधन किया गया या नहीं। उन्होंने बताया कि जांच में यह तथ्य हमारे सामने आए कि डा. अरविंद चौधरी 13 जुलाई 2007 को जनपद में तैनात हुए। इसके बाद पांच मई 2010 को चिकित्साधिकारी के पद पर पदोन्नत हुए। इसके बाद 15 सितंबर 2019 को डिप्टी सीएमओ पद पर पदोन्नत हुए।
दो-दो पदोन्नतियों के बाद 18 वर्ष से जिले से स्थानांतरण न होने पर सीडीओ ने अपनी जांच में संदेह जताया था। इस पर डीएम रविंद्र कुमार ने सीडीओ की जांच आख्या सहित प्रमुख सचिव, चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण उप्र लखनऊ को पत्र भेजकर उनके गैर जनपद स्थानांतरण का अनुरोध किया था। इसको तीन माह बीतने के बाद भी अब तक निदेशालय की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई।
यह काफी पुराना मामला है। इस मामले में हमने अपनी रिपोर्ट निदेशालय को भेज दी थी। अब इस पर कार्रवाई करना निदेशालय का काम है। इस बारे में हम क्या कर सकते हैं। - रविंद्र कुमार, डीएम