UP: तहसील व चकबंदी के बीच उलझे गहजी गांव के किसान, पंजीकरण का नहीं हो पा रहा सत्यापन; धान से जुड़ा है मामला
Azamgarh News: आजमगढ़ में धान बेचने वाले किसानों को काफी परेशानी हो रही है। चकबंदी विभाग व तहसील बूढ़नपुर के बीच उन्हें उलझना पड़ रहा है। चकबंदी सीओ की साइट पर गहजी गांव ही नहीं दिख रहा है।
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UP News: अहरौला के गहजी गांव चकबंदी प्रक्रिया में होने के कारण किसानों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। चकबंदी विभाग द्वारा धारा 52 के प्रकाशन के लिए सभी फाइलों को तहसील बूढनपुर में भेज दिया गया है, लेकिन न तो अभी धारा 52 का प्रकाशन हो पाया है न ही गांव चकबंदी प्रक्रिया से बाहर निकल पाया है। इससे क्रय केंद्रों पर धान बेचने वाले किसानों का सत्यापन नहीं हो पा रहा है।
गहजी गांव चकबंदी की अंतिम प्रक्रिया में चल रहा है। गांव के किसान प्रदीप सिंह, रामअचल यादव, संदीप सिंह, राकेश सिंह, मिथिलश आदि ने बताया कि उन्होंने धान बिक्री के लिए पंजीकरण कराया था। पंजीकरण सत्यापित न होने के कारण धान की बिक्री में समस्या आ रही है।
ऑनलाइन पंजीकरण के बाद सत्यापन लंबित दिखा रहा है। इससे गांव के सभी किसान परेशान हैं। गहजी गांव चकबंदी विभाग व तहसील बूढ़नपुर के बीच फंसा हुआ है। किसान चकबंदी कार्यालय से बूढ़नपुर तहसील की दौड़ लगा रहे हैं, लेकिन मामला निस्तारित नहीं हो पा रहा है।
किसानों ने बताया कि सत्यापन पोर्टल सीओ चकबंदी की साइट पर चला गया है। शिकायत के बाद चकबंदी सीओ द्वारा पोर्टल को बूढ़नपुर तहसील के लिए स्थानांतरित किया गया था, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। अब भी चकबंदी सीओ की साइट पर गहजी गांव दिखा रहा है, जिससे सत्यापन नहीं हो पा रहा है।
गहजी गांव चकबंदी प्रक्रिया से धारा 52 के लिए तहसील पर भेज दिया गया है। धान क्रय केंद्रों पर किसानों के पंजीकरण का मामला उलझा हुआ है, जो हमारे यहां सत्यापन के लिए पोर्टल पर दर्ज कराया गया था। हम लोगों ने इसे तहसील पर ट्रांसफर कर दिया था, लेकिन फिर हमारे ही पोर्टल पर ट्रांसफर होकर आ गया है। अब किसानों के हित में चकबंदी लेखपाल को ही लगाकर सत्यापन कराया जाएगा। - अजय कुमार सिंह, सीओ चकबंदी।