UP Weather: ठंड का कहर...एक सप्ताह में पांच बुजुर्गों की मौत, तापमान में गिरावट; 1292 मरीज ओपीडी में पहुंचे
UP Weather News: बलिया में ठंड का कहर शुरू हो चुका है। इस कारण बुजुर्गों को हड्डी व जोड़ों में दर्द से परेशानी बढ़ गई है। 30 बेड के मेडिकल वार्ड में अधिकतर सांस लेने में परेशानी वाले मरीज भर्ती हैं।
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Ballia News: तापमान में लगातार गिरावट आ रही है। दिन व रात के तापमान में लगभग 11 डिग्री सेल्सियस का अंतर है। बीते बुधवार को दिन में 22.05 व रात में 11.05 डिग्री सेल्सियस तापमान रहा। सुबह शाम गलन रही। ठंड में इजाफा से पिछले एक सप्ताह में पांच बुजुर्गों मौत हो चुकी है। तबीयत खराब होने पर परिजन अस्पताल लेकर पहुंचे थे। इस समय इमरजेंसी, मेडिकल वार्ड शाम होते-होते फुल हो जा रहे हैं।
जिला अस्पताल में बृहस्पतिवार को ओपीडी में 1292 से अधिक मरीज ओपीडी में इलाज कराने पहुंचे। इसमें करीब 342 मरीज फिजिशियन की ओपीडी में सर्दी, जुकाम, सांस की परेशानी, खांसी, सीने में दर्द वाले थे। इमरजेंसी में 30 फीसदी से ऊपर मरीज सांस लेने व सीने में दर्द की परेशानी वाले रहे।
सभी बेड पर पाइप लाइन से ऑक्सीजन पहुंचने से मरीजों को राहत है। बच्चा वार्ड में कोल्ड डायरिया व सीने में जकड़न वाले मरीज ज्यादा हैं। अस्पताल के वरिष्ठ फिजिशियन डाॅ. पंकज झा ने बताया कि अस्थमा के मरीजों को मौसम के अचानक बदलाव से सावधान रहना चाहिए। खास तौर पर सुबह के वक्त गर्म बिस्तर से उठकर एकदम खुली हवा में नहीं जाना चाहिए, बल्कि थोड़ा इंतजार करें।
एलर्जी की अनदेखी से बढ़ रहा खतरा
फिजिशियन डाक्टर पंकज झा ने बताया कि गले में खरास, नाक और आंख से पानी, बार-बार छींके आना और नाक में खुजली के साथ चकत्ते का बने रहना, साधारण सर्दी लंबे समय तक बने रहना, कभी-कभी बुखार एवं मांसपेशियों में दर्द आदि एलर्जी के लक्षण हैं। यदि इसका सही निदान न हो तो 80 फीसदी एलर्जी के रोगी अस्थमा के मरीज बन जाते हैं। इमरजेंसी में इन दिनों रोज 40 से 60 मरीज सांस फूलने व सीने की जकड़न की समस्या वाले आ रहे हैं।
रोग विशेष की सलाह पर दवा का करें सेवन
ठंड में नवजात बच्चों का विशेष ध्यान रखें। बाल रोग विशेषज्ञ डाॅ. एके उपाध्याय ने बताया कि ठंड लगातार बढ़ रही है। बच्चों को हमेशा गर्म कपड़े पहनाएं। जुकाम को हल्के में न लेकर तत्काल चिकित्सक की सलाह पर दवा लेकर सेवन करें। मेडिकल स्टोर संचालक की सलाह पर एंटीबायोटिक दवाओं का सेवन से सीने के जकड़न की समस्या होने पर हालत बिगड़ सकती है। इस मौसम में थोड़ी सी लापरवाही अस्थमा व निमानियां के मरीजों के लिए जानलेवा साबित होती है।