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Balrampur News: कूड़ा निस्तारण केंद्रों पर चार करोड़ खर्च, संचालन नहीं
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-बलरामपुर के महराजगंज तराई में बदहाल कूड़ा निस्तारण केंद्र।-संवाद
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महराजगंज तराई। स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के तहत गांवों में कूड़ा प्रबंधन के लिए बने केंद्रों का संचालन नहीं शुरू हो सका है। चार करोड़ रुपये खर्च होने के बावजूद ज्यादातर केंद्र या तो अधूरे हैं या पूरी तरह बंद हैं। हालत यह है कि कई ग्राम पंचायतों में भुगतान पूरा दिखा दिया गया, जबकि निर्माण कार्य अभी भी अपूर्ण है।
योजना की शुरुआत वर्ष 2021-22 में हुई थी। सरकार की मंशा थी कि हर ग्राम पंचायत में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन केंद्र स्थापित कर वहां कंपोस्ट खाद तैयार की जाए और पंचायत की आय बढ़ाई जाए। लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मचारियों की उदासीनता से योजना अधर में लटक गई है।
विकास खंड तुलसीपुर की 100 ग्राम पंचायतों में आरआरसी केंद्रों का निर्माण शुरू किया गया था। चार वर्ष बाद भी करीब 20 केंद्रों का निर्माण अधूरा है। जिन 80 केंद्रों का निर्माण पूरा हो चुका है, वहां संचालन तक शुरू नहीं हो पाया है। (संवाद)
अधूरे केंद्रों में शामिल ग्राम पंचायतें
भंगहा कलां, रमवापुर, बनकटवा कलां, लौकहवा, रेहरा, गनेशपुर, बेली खुर्द, मोहनपुर, गौरा माफ़ी, महादेव गोसाईं, रानीजोत, पटोहाकोट, पूरेछीटन, मूड़ाडीह, बड़गो, औरहिया समेत 20 ग्राम पंचायतों में केंद्र अधूरे हैं। इनमें से कुछ पंचायतों का बजट पूरा खर्च हो चुका है, फिर भी केंद्र खंडहर की तरह पड़े हैं। प्रत्येक ग्राम पंचायत को 1.40 लाख रुपये की लागत से कूड़ा उठाने के लिए ई रिक्शे उपलब्ध कराए गए। अधिकतर ग्राम पंचायतों में ई रिक्शे का उपयोग नहीं हो रहा है। नियमित कूड़ा उठान तक नहीं हो रहा है।
जल्द कराएंगे संचालन
कूड़ा निस्तारण केंद्रों के संचालन के निर्देश दिए गए हैं। मामले की जांच कराई जाएगी और जल्द ही केंद्रों का संचालन शुरू कराया जाएगा।
- सुनील आर्य, खंड विकास अधिकारी तुलसीपुर
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योजना की शुरुआत वर्ष 2021-22 में हुई थी। सरकार की मंशा थी कि हर ग्राम पंचायत में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन केंद्र स्थापित कर वहां कंपोस्ट खाद तैयार की जाए और पंचायत की आय बढ़ाई जाए। लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मचारियों की उदासीनता से योजना अधर में लटक गई है।
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विकास खंड तुलसीपुर की 100 ग्राम पंचायतों में आरआरसी केंद्रों का निर्माण शुरू किया गया था। चार वर्ष बाद भी करीब 20 केंद्रों का निर्माण अधूरा है। जिन 80 केंद्रों का निर्माण पूरा हो चुका है, वहां संचालन तक शुरू नहीं हो पाया है। (संवाद)
अधूरे केंद्रों में शामिल ग्राम पंचायतें
भंगहा कलां, रमवापुर, बनकटवा कलां, लौकहवा, रेहरा, गनेशपुर, बेली खुर्द, मोहनपुर, गौरा माफ़ी, महादेव गोसाईं, रानीजोत, पटोहाकोट, पूरेछीटन, मूड़ाडीह, बड़गो, औरहिया समेत 20 ग्राम पंचायतों में केंद्र अधूरे हैं। इनमें से कुछ पंचायतों का बजट पूरा खर्च हो चुका है, फिर भी केंद्र खंडहर की तरह पड़े हैं। प्रत्येक ग्राम पंचायत को 1.40 लाख रुपये की लागत से कूड़ा उठाने के लिए ई रिक्शे उपलब्ध कराए गए। अधिकतर ग्राम पंचायतों में ई रिक्शे का उपयोग नहीं हो रहा है। नियमित कूड़ा उठान तक नहीं हो रहा है।
जल्द कराएंगे संचालन
कूड़ा निस्तारण केंद्रों के संचालन के निर्देश दिए गए हैं। मामले की जांच कराई जाएगी और जल्द ही केंद्रों का संचालन शुरू कराया जाएगा।
- सुनील आर्य, खंड विकास अधिकारी तुलसीपुर