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Balrampur News: मोबाइल से दूर रखने के लिए लाइब्रेरी होगी अनिवार्य
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बलरामपुर। जिले के बेसिक व माध्यमिक विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं का स्क्रीन टाइम कम करने के लिए शिक्षा विभाग ने नई पहल शुरू की है। जिला पुस्तकालय में प्रत्येक विद्यार्थी को अनिवार्य रूप से जाना होगा। किताब पढ़ने में रुचि बढ़ाने के लिए उन्हें सप्ताह में कम से कम एक पुस्तक उपलब्ध कराई जाएगी। इस पहल का उद्देश्य छात्रों की वैचारिक एवं तार्किक समझ को बढ़ाना और किताबों के प्रति उनकी रुचि को जागृत करना है।
जिला विद्यालय निरीक्षक मृदुला आनंद ने बताया कि मोबाइल फोन के आदी हो चुके बच्चों को इस लत से दूर करने के लिए प्राइमरी से इंटरमीडिएट तक के सभी स्कूलों में मुहिम चलाई जाएगी। पुस्तकालय अनिवार्यता और अभिव्यक्ति कौशल पहल के तहत जिला पुस्तकालय में सभी छात्र-छात्राओं को प्रवेश देने का निर्देश दिया गया है। छात्रों को पढ़ने के लिए प्रति सप्ताह कहानी, उपन्यास, जीवनी या प्रेरणादायी साहित्य पुस्तक पुस्तकालय से जारी की जाएगी। पुस्तक पढ़ने के बाद विद्यार्थी इन किताबों का सारांश विद्यालय की प्रार्थना सभा में प्रस्तुत करेंगे, जिससे उनके अभिव्यक्ति कौशल का विकास होगा। उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले तथा सर्वाधिक किताब पढ़ने वाले छात्र को प्रशंसा पत्र देकर सम्मानित किया जाएगा।
डीआईओएस ने शिक्षक और कर्मचारियों से भी नियमित रूप से किताबें पढ़ने का आग्रह किया है, ताकि वह छात्रों के लिए रोल मॉडल बन सकें। विद्यार्थियों को उनके प्रोजेक्ट कार्य के लिए किताबों का संदर्भ लेने, किताबों पर चर्चा करने, तथा प्रश्न-उत्तरी, निबंध व वर्तनी प्रतियोगिता की तैयारी के लिए अलग-अलग पुस्तकों का अध्ययन करने का सुझाव दिया है।
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जिला विद्यालय निरीक्षक मृदुला आनंद ने बताया कि मोबाइल फोन के आदी हो चुके बच्चों को इस लत से दूर करने के लिए प्राइमरी से इंटरमीडिएट तक के सभी स्कूलों में मुहिम चलाई जाएगी। पुस्तकालय अनिवार्यता और अभिव्यक्ति कौशल पहल के तहत जिला पुस्तकालय में सभी छात्र-छात्राओं को प्रवेश देने का निर्देश दिया गया है। छात्रों को पढ़ने के लिए प्रति सप्ताह कहानी, उपन्यास, जीवनी या प्रेरणादायी साहित्य पुस्तक पुस्तकालय से जारी की जाएगी। पुस्तक पढ़ने के बाद विद्यार्थी इन किताबों का सारांश विद्यालय की प्रार्थना सभा में प्रस्तुत करेंगे, जिससे उनके अभिव्यक्ति कौशल का विकास होगा। उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले तथा सर्वाधिक किताब पढ़ने वाले छात्र को प्रशंसा पत्र देकर सम्मानित किया जाएगा।
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डीआईओएस ने शिक्षक और कर्मचारियों से भी नियमित रूप से किताबें पढ़ने का आग्रह किया है, ताकि वह छात्रों के लिए रोल मॉडल बन सकें। विद्यार्थियों को उनके प्रोजेक्ट कार्य के लिए किताबों का संदर्भ लेने, किताबों पर चर्चा करने, तथा प्रश्न-उत्तरी, निबंध व वर्तनी प्रतियोगिता की तैयारी के लिए अलग-अलग पुस्तकों का अध्ययन करने का सुझाव दिया है।