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Balrampur News: थारू संस्कृति से पर्यटन विकास की बढ़ेंगी संभावनाएं
संवाद न्यूज एजेंसी, बलरामपुर
Updated Tue, 25 Nov 2025 11:02 PM IST
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बलरामपुर में स्थित चित्तौड़गढ़ जलाशय।
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बलरामपुर। थारू संस्कृति व पर्यटन विकास की सौगात जिले की 27 लाख आबादी के सपनों में खुशी के रंग भरेगी। स्वदेशी दर्शन 2.0 के तहत थारू संस्कृति व पर्यटन विकास पर कार्ययोजना तैयार की जा रही है। पर्यटन विकास से जिले को नई पहचान मिलेगी। शक्तिपीठ देवीपाटन मंदिर कॉरीडोर से थारू जनजाति की प्राचीन परंपराएं जोड़ी जाएंगी। प्राकृतिक जलाशय चित्तौड़गढ़ भी ईको टूरिज्म का हिस्सा होगा।
थारू जनजाति की सेहतमंद राइस व महुआ बीयर भी पर्यटन पर आने वाले सैलानियों के मनोरंजन के साधन में शुमार होंगे। ईको टूरिज्म विकसित होने से थारू संस्कृति को नई पहचान मिलने के साथ क्षेत्र के लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराएंगे। सोहेलवा वन क्षेत्र देश के साथ ही विदेशी सैलानियों को लुभा रहा है।
शक्तिपीठ देवीपाटन मंदिर धाम, सोहेलवा सेंक्चुरी, प्राकृतिक जलाशय चित्तौड़गढ़ व थारू जनजाति की प्राचीन परंपराओं को सहेजकर ईको टूरिज्म विकसित करने की कार्ययोजना तैयार की जा रही है। इन क्षेत्रों में पर्यटन की संभावनाओं को तलाश कर जिले के 27 लाख लोगों को मनोरंजन की सौगात देने की पहल की गई है।
शक्तिपीठ देवीपाटन मंदिर ने पहले से ही धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में अपनी पहचान कायम की है। पीठ के आसपास मौजूद सोहेलवा सेंक्चुरी व प्राकृतिक जलाशयों को भी ईको टूरिज्म का हिस्सा बनाया जाएगा। वन क्षेत्र व खुद को महाराणा प्रताप का वंशज बताने वाली थारू जनजाति की गौरवशाली जीवनशैली और परंपराओं को भी पर्यटन विकास का आधार बनाने की तैयारी की जा रही है।
थारू जनजाति के लोगों का राइस व महुआ बीयर पसंदीदा खाद्य पदार्थ है। थारू जनजाति की तरफ से बनाई जाने वाली स्वास्थ्य के लिए लाभकारी राइस व मुहआ बीयर भी पर्यटन विकास को नई पहचान दिलाएंगी। पर्यटन विकास से थारू जनजाति के लोगों को रोजगार के सुनहरे अवसर मिल सकेंगे।
सोहेलवा वन क्षेत्र विदेशी छात्रों का पसंदीदा स्थल
-सोहेलवा वन क्षेत्र भारत देश ही नहीं बल्कि विदेशी छात्रों का भी पसंदीदा भ्रमण स्थल है। 23 नवंबर 2019 में आस्ट्रेलिया वेस्टर्न सिडनी विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों का दल आया। विद्यार्थियों ने 26 नवंबर तक रहकर सोहेलवा जंगल के जानवरों, वन्य जीव विहार व जलाशयों का अध्ययन किया। भ्रमण दल में डॉ. मिशले, शेल्वा, गेट्स, आरा, रेविक, डॉ. डालियन, डोन व प्रांटी को अहमदाबाद के पर्यावरण शिक्षाधिकारी दीप शाह व जितेंद्र पटेल ने अध्ययन कराया।
थारू परिवारों के जीवन स्तर में आएगा सुधार
-थारू बाहुल्य क्षेत्र में पर्यटन को विकसित कराना सीएम योगी आदित्यनाथ का ड्रीम प्रोजेक्ट है। थारू संस्कृति व पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। ईको टूरिज्म डेवलप होने से थारू परिवारों के जीवन स्तर में भी सुधार आएगा। ईको टूरिज्म योजना लागू होने से 55 थारू गांवों के लोगों को लाभ मिलेगा। योजना से पांच वन ग्राम भी जुड़ेंगे। ईको टूरिज्म से थारू परिवार की 50 हजार से अधिक आबादी को रोजगार व अन्य क्षेत्र में लाभ मिलेगा।
तैयार की जा रही योजना
-चित्तौड़गढ़ से जरवा-तुलसीपुर होकर ईको टूरिज्म विकसित करने की कार्ययोजना तैयार की जा रही है। स्वदेशी दर्शन 2.0 के तहत ईको टूरिज्म विकसित किया जाएगा। इससे नजदीक जिले के लोगों को पर्यटन की सुविधा मिल सकेगी। ईको टूरिज्म से स्थानीय लोगों को कई क्षेत्र में रोजगार के अवसर भी मिलेंगे।
-विपिन कुमार जैन, डीएम
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थारू जनजाति की सेहतमंद राइस व महुआ बीयर भी पर्यटन पर आने वाले सैलानियों के मनोरंजन के साधन में शुमार होंगे। ईको टूरिज्म विकसित होने से थारू संस्कृति को नई पहचान मिलने के साथ क्षेत्र के लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराएंगे। सोहेलवा वन क्षेत्र देश के साथ ही विदेशी सैलानियों को लुभा रहा है।
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शक्तिपीठ देवीपाटन मंदिर धाम, सोहेलवा सेंक्चुरी, प्राकृतिक जलाशय चित्तौड़गढ़ व थारू जनजाति की प्राचीन परंपराओं को सहेजकर ईको टूरिज्म विकसित करने की कार्ययोजना तैयार की जा रही है। इन क्षेत्रों में पर्यटन की संभावनाओं को तलाश कर जिले के 27 लाख लोगों को मनोरंजन की सौगात देने की पहल की गई है।
शक्तिपीठ देवीपाटन मंदिर ने पहले से ही धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में अपनी पहचान कायम की है। पीठ के आसपास मौजूद सोहेलवा सेंक्चुरी व प्राकृतिक जलाशयों को भी ईको टूरिज्म का हिस्सा बनाया जाएगा। वन क्षेत्र व खुद को महाराणा प्रताप का वंशज बताने वाली थारू जनजाति की गौरवशाली जीवनशैली और परंपराओं को भी पर्यटन विकास का आधार बनाने की तैयारी की जा रही है।
थारू जनजाति के लोगों का राइस व महुआ बीयर पसंदीदा खाद्य पदार्थ है। थारू जनजाति की तरफ से बनाई जाने वाली स्वास्थ्य के लिए लाभकारी राइस व मुहआ बीयर भी पर्यटन विकास को नई पहचान दिलाएंगी। पर्यटन विकास से थारू जनजाति के लोगों को रोजगार के सुनहरे अवसर मिल सकेंगे।
सोहेलवा वन क्षेत्र विदेशी छात्रों का पसंदीदा स्थल
-सोहेलवा वन क्षेत्र भारत देश ही नहीं बल्कि विदेशी छात्रों का भी पसंदीदा भ्रमण स्थल है। 23 नवंबर 2019 में आस्ट्रेलिया वेस्टर्न सिडनी विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों का दल आया। विद्यार्थियों ने 26 नवंबर तक रहकर सोहेलवा जंगल के जानवरों, वन्य जीव विहार व जलाशयों का अध्ययन किया। भ्रमण दल में डॉ. मिशले, शेल्वा, गेट्स, आरा, रेविक, डॉ. डालियन, डोन व प्रांटी को अहमदाबाद के पर्यावरण शिक्षाधिकारी दीप शाह व जितेंद्र पटेल ने अध्ययन कराया।
थारू परिवारों के जीवन स्तर में आएगा सुधार
-थारू बाहुल्य क्षेत्र में पर्यटन को विकसित कराना सीएम योगी आदित्यनाथ का ड्रीम प्रोजेक्ट है। थारू संस्कृति व पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। ईको टूरिज्म डेवलप होने से थारू परिवारों के जीवन स्तर में भी सुधार आएगा। ईको टूरिज्म योजना लागू होने से 55 थारू गांवों के लोगों को लाभ मिलेगा। योजना से पांच वन ग्राम भी जुड़ेंगे। ईको टूरिज्म से थारू परिवार की 50 हजार से अधिक आबादी को रोजगार व अन्य क्षेत्र में लाभ मिलेगा।
तैयार की जा रही योजना
-चित्तौड़गढ़ से जरवा-तुलसीपुर होकर ईको टूरिज्म विकसित करने की कार्ययोजना तैयार की जा रही है। स्वदेशी दर्शन 2.0 के तहत ईको टूरिज्म विकसित किया जाएगा। इससे नजदीक जिले के लोगों को पर्यटन की सुविधा मिल सकेगी। ईको टूरिज्म से स्थानीय लोगों को कई क्षेत्र में रोजगार के अवसर भी मिलेंगे।
-विपिन कुमार जैन, डीएम