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Barabanki News: अयोध्या में धूम, गुरुकुल में सन्नाटा, तपोस्थली भी वीरान
संवाद न्यूज एजेंसी, बाराबंकी
Updated Mon, 24 Nov 2025 12:25 AM IST
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बाराबंकी। आगामी 25 नवंबर को रामनगरी अयोध्या में रामलला के मंदिर पर ध्वजारोहण कार्यक्रम का भव्य आयोजन हो रहा है। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित देश विदेश से गणमान्य लोग शामिल हो रहे हैं। वहीं, अयोध्या से करीब 100 किमी. दूर बाराबंकी के सतरिख में स्थित भगवान श्रीराम और उनके भाइयों का गुरुकुल उपेक्षा का शिकार बन वीरान पड़ा है। कभी वशिष्ठ का आश्रम रही इस तपोभूमि के बगल में स्थित देवघरा माता मंदिर का हाल और बदतर है यहां आज तक बिजली तक नहीं पहुंची।
मान्यता है कि सतरिख कस्बे के निकट स्थित चिनहट रोड पर स्थित इसी प्राचीन आश्रम में वशिष्ठ ऋषि ने भगवान राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न को शिक्षित किया था। यह स्थान सप्तऋषियों की साधना स्थली होने के कारण अयोध्या के बराबर ही धार्मिक महत्व रखता है। अयोध्या में भव्य आयोजन की तैयारियों के बावजूद रविवार को पूरे आश्रम परिसर में सन्नाटा पसरा मिला। यहां बना प्राचीन शिव मंदिर व देवघरा माता मंदिर भी वीरान दिखा।
ग्रामीणों ने बताया कि पॉवर कॉर्पोरेशन के अधिकारियों से बार-बार गुहार लगाने के बावजूद इलाके में अभी तक बिजली नहीं पहुंची है। स्थानीय लोग अपने स्तर पर परिसर में जीर्णोद्धार की कोशिशें कर रहे हैं, पर संसाधनों के अभाव में काम अधूरा है। श्री राम के गुरुकुल को पूरी तरह उपेक्षित छोड़ देने से क्षेत्रीय लोगों में आक्रोश भी दिखा। (संवाद)
डीएम का प्रस्ताव शासन में लंबित
अखाड़े के महंत नानकशरण दास ने बताया कि यहां पर किसी भी प्रकार का सरकारी आयोजन कभी नहीं हुआ। न ही स्थानीय स्तर पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में प्रशासन का कभी कोई सहयोग ही मिला। डेढ़ साल पहले तत्कालीन डीएम सत्येंद्र कुमार ने इस आश्रम के विकास के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा था। वह भी अभी तक ठंडे बस्ते में पड़ा है।
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मान्यता है कि सतरिख कस्बे के निकट स्थित चिनहट रोड पर स्थित इसी प्राचीन आश्रम में वशिष्ठ ऋषि ने भगवान राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न को शिक्षित किया था। यह स्थान सप्तऋषियों की साधना स्थली होने के कारण अयोध्या के बराबर ही धार्मिक महत्व रखता है। अयोध्या में भव्य आयोजन की तैयारियों के बावजूद रविवार को पूरे आश्रम परिसर में सन्नाटा पसरा मिला। यहां बना प्राचीन शिव मंदिर व देवघरा माता मंदिर भी वीरान दिखा।
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ग्रामीणों ने बताया कि पॉवर कॉर्पोरेशन के अधिकारियों से बार-बार गुहार लगाने के बावजूद इलाके में अभी तक बिजली नहीं पहुंची है। स्थानीय लोग अपने स्तर पर परिसर में जीर्णोद्धार की कोशिशें कर रहे हैं, पर संसाधनों के अभाव में काम अधूरा है। श्री राम के गुरुकुल को पूरी तरह उपेक्षित छोड़ देने से क्षेत्रीय लोगों में आक्रोश भी दिखा। (संवाद)
डीएम का प्रस्ताव शासन में लंबित
अखाड़े के महंत नानकशरण दास ने बताया कि यहां पर किसी भी प्रकार का सरकारी आयोजन कभी नहीं हुआ। न ही स्थानीय स्तर पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में प्रशासन का कभी कोई सहयोग ही मिला। डेढ़ साल पहले तत्कालीन डीएम सत्येंद्र कुमार ने इस आश्रम के विकास के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा था। वह भी अभी तक ठंडे बस्ते में पड़ा है।