UP News: अभिनेत्री दिशा पाटनी की बहन रिटायर्ड मेजर खुशबू बोलीं- पाकिस्तान ने चखा ब्रह्मोस का स्वाद
ऑपरेशन सिंदूर की सफलता पर रिटायर्ड मेजर खुशबू पाटनी ने कहा कि भारत ने पाकिस्तान को अपनी ताकत दिखा दी है। पाकिस्तान ने ब्रह्मोस मिसाइल की ताकत भी देख ली है।
विस्तार
पाकिस्तान के यूजर्स द्वारा ऑपरेशन सिंदूर का मजाक बनाने पर मेजर (सेवानिवृत्त) खुशबू पाटनी ने करारा जवाब दिया। कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद सुहागरात मनाने के लिए दूध, हल्दी के रूप में हमने पाकिस्तान को ब्रह्मोस का स्वाद चखाया। तीन घंटे में पांच ब्रह्मोस मिसाइलों से हमला कर उनके आतंकी ठिकाने ध्वस्त किए। यह बातें उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट किए वीडियो में कहीं।
मेजर खुशबू ने कहा कि पाकिस्तान ने ब्रह्मोस की ताकत देख ली। ऑपरेशन सिंदूर की सफलता पर सेना के पराक्रम को प्रत्येक देशवासी सैल्यूट कर रहा है। भारत ने छह दिन में सामने वाले मुल्क को शक्ति दिखाकर साफ संदेश दिया कि आतंकवाद का जवाब शांतिवार्ता नहीं, युद्ध है। वीडियो में वह कह रही हैं कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी कहा है कि ब्रह्मोस का स्वाद पूछना है तो पाकिस्तान से जाकर पूछो। उन्होंने कहा कि सरकार मजबूत फैसला लेती है तो आधी जनता शांति की मांग करती है। जब शांति होती है तो लोग बोलते हैं कि युद्ध करना चाहिए था।
सीजफायर से तीसरे देश का लेना-देना नहीं
खुशबू पाटनी ने सीजफायर पर कहा कि भारत अपने हिसाब से काम कर रहा है। यही युद्ध कौशल है। जितना जरूरी था, भारत ने उतना जवाब दिया और दुश्मन को अपनी शक्ति का पूरा अहसास कराया। यहां पर किसी तीसरे देश का लेना-देना है ही नहीं। अचानक अमेरिका का आना महज एक प्रोपगेंडा हो सकता है। हालांकि, हमारे जवाबी हमले से पाकिस्तान अवसाद में था। इसलिए वह अमेरिका का आभार जता रहा है। मैं व्यक्तिगत मानती हूं कि भारत सरकार और सेना दोनों ने ही दिल जीत लिया है। अब आतंक का मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।
बुद्धिजीवी बोले- युद्ध किसी भी समस्या का समाधान नहीं
भारत-पाकिस्तान के बीच हुए सीजफायर पर शहर के बुद्धिजीवियों ने कहा कि युद्ध किसी भी समस्या का समाधान नहीं सकता। युद्ध से देश की प्रगति बाधित हो जाती है और अर्थव्यवस्था को बहुत नुकसान होता है। कुछ दिन और युद्ध चलता तो पाकिस्तान बर्बाद हो जाता। पड़ोसी देश को चाहिए कि वह आतंक का रास्ता छोड़कर अपने विकास पर ध्यान दे।
चिकित्सक डॉ. भारती सरन ने कहा कि युद्ध की परिस्थितियां सैनिकों के परिवार के लिए काफी असहज करने वाली थीं। युद्ध किसी भी देश के लिए अच्छा नहीं होता। बरेली कॉलेज की प्रवक्ता डॉ. वंदना शर्मा ने कहा कि युद्ध किसी समस्या का समाधान नहीं। हमने शक्ति प्रदर्शन किया है। आतंकी वारदात को एक्ट ऑफ वॉर माना जाना महत्वपूर्ण है।
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उद्यमी शारदा भार्गव ने कहा कि ये बहुत अच्छा निर्णय है। युद्ध के दौरान परमाणु हमला होने की स्थिति में दोनों देशों को बहुत नुकसान उठाना पड़ता। स्थिति काफी भयावह होती। वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. एसके चौहान ने कहा कि युद्ध में जम्मू व आसपास के इलाकों के निर्दोष लोग मारे जा रहे थे। भारत ने भी मुंहतोड़ जवाब दिया। युद्ध विराम दोनों देशों के लिए अच्छा रहेगा।
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