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Budaun News: बाहरी दुल्हनों के लिए एसआईआर बना मुसीबत
संवाद न्यूज एजेंसी, बदायूं
Updated Wed, 10 Dec 2025 12:10 AM IST
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बदायूं। दूसरी राज्यों से विवाह करके बदायूं आईं दुल्हनों के सामने विशेष प्रागढ़ पुनरीक्षण (एसआईआर) सर्वे का संकट है। निर्वाचन विभाग ने इस बार ऐसे सभी मतदाताओं से उनके मायके पक्ष का विस्तृत विवरण मांगा है। इसमें माता-पिता, नाना-नानी की जानकारी, पुराने पते, भाग संख्या और वोटर नंबर जैसे विवरण शामिल हैं। इसके कारण वे खासा परेशान नजर आ रही हैं।
जिले में बिहार की रहने वाली सरिता देवी शादी करके उसावां में रह रहीं हैं। विवाह के बाद लंबे समय से वह यहीं रह रही हैं और नियमित रूप से मतदान भी करती रही हैं। लेकिन इस बार बीएलओ ऑनलाइन आवेदन के लिए मायके का संपूर्ण ब्यौरा उपलब्ध कराने पर जोर दे रहे हैं। ऐसे ही हाल सहसवान निवासी मीना देवी का कहना है कि वह बंगाल में रहती थीं, 20 साल पहले वह शादी के करके यहां पर आ गईं।
तीन साल पहले पिताजी के मरने पर गईं थीं, उससे पहले मां का निधन हो चुका था। ऐसे में अब वहां से नाता टूट सा गया है। ऐसे में कैसे एसआईआर के फॉर्म को भर सकें। इसको लेकर महिलाएं परेशान हो रहीं हैं। महिलाओं का कहना है कि शादी को 15-20 वर्ष या उससे अधिक समय बीत चुका है।
ऐसे में मायके का पुराना पता या माता-पिता के वोटर विवरण याद रखना मुश्किल है। कई महिलाओं ने बताया कि पहले कभी मतदाता सूची के लिए इतने विस्तृत दस्तावेज नहीं मांगे गए थे। सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि उनके मायके वाले क्षेत्र में इस समय एसआईआर की प्रक्रिया नहीं चल रही है। ऐसे में वहां के बीएलओ या निर्वाचन कार्यालय से सही डाटा लेना चुनौती बन गया है। कुछ महिलाएं मोबाइल के माध्यम से मायके से जानकारी जुटाने में लगी हैं, लेकिन पूरा विवरण समय पर नहीं मिल पा रहा है।
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चार लाख 76 हजार ने नहीं लिया एसआईआर फाॅर्म
जिले में करीब 24 लाख मतदाताओं का एसआईआर चल रहा है। इसमें अभी तक करीब चार लाख 76 हजार मतदाताओं ने एसआईआर फार्म नहीं लिया है। इसमें महिला व पुरुष मतदाता शामिल हैं। इन सभी के नाम अब मतदाता सूची से कटना लगभग तय माना जा रहा है। लेकिन इसकी अधिकारिक तौर पर पुष्टि एसआईआर की समय सीमा समाप्त होने के बाद ही हो सकेगी।
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यदि किसी का नाम सूची में नहीं है या संशोधन की आवश्यकता है, तो वे एसआईआर अवधि में बीएलओ से संपर्क कर अपना फॉर्म अवश्य भरें। अब तक करीब साढ़े चार लाख मतदाता एसआईआर कराने के लिए सामने नहीं आए हैं। 11 दिसंबर के बाद ही पूरी स्थिति स्पष्ट हो सकेगी।
अवनीश राय, डीएम
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जिले में बिहार की रहने वाली सरिता देवी शादी करके उसावां में रह रहीं हैं। विवाह के बाद लंबे समय से वह यहीं रह रही हैं और नियमित रूप से मतदान भी करती रही हैं। लेकिन इस बार बीएलओ ऑनलाइन आवेदन के लिए मायके का संपूर्ण ब्यौरा उपलब्ध कराने पर जोर दे रहे हैं। ऐसे ही हाल सहसवान निवासी मीना देवी का कहना है कि वह बंगाल में रहती थीं, 20 साल पहले वह शादी के करके यहां पर आ गईं।
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तीन साल पहले पिताजी के मरने पर गईं थीं, उससे पहले मां का निधन हो चुका था। ऐसे में अब वहां से नाता टूट सा गया है। ऐसे में कैसे एसआईआर के फॉर्म को भर सकें। इसको लेकर महिलाएं परेशान हो रहीं हैं। महिलाओं का कहना है कि शादी को 15-20 वर्ष या उससे अधिक समय बीत चुका है।
ऐसे में मायके का पुराना पता या माता-पिता के वोटर विवरण याद रखना मुश्किल है। कई महिलाओं ने बताया कि पहले कभी मतदाता सूची के लिए इतने विस्तृत दस्तावेज नहीं मांगे गए थे। सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि उनके मायके वाले क्षेत्र में इस समय एसआईआर की प्रक्रिया नहीं चल रही है। ऐसे में वहां के बीएलओ या निर्वाचन कार्यालय से सही डाटा लेना चुनौती बन गया है। कुछ महिलाएं मोबाइल के माध्यम से मायके से जानकारी जुटाने में लगी हैं, लेकिन पूरा विवरण समय पर नहीं मिल पा रहा है।
चार लाख 76 हजार ने नहीं लिया एसआईआर फाॅर्म
जिले में करीब 24 लाख मतदाताओं का एसआईआर चल रहा है। इसमें अभी तक करीब चार लाख 76 हजार मतदाताओं ने एसआईआर फार्म नहीं लिया है। इसमें महिला व पुरुष मतदाता शामिल हैं। इन सभी के नाम अब मतदाता सूची से कटना लगभग तय माना जा रहा है। लेकिन इसकी अधिकारिक तौर पर पुष्टि एसआईआर की समय सीमा समाप्त होने के बाद ही हो सकेगी।
यदि किसी का नाम सूची में नहीं है या संशोधन की आवश्यकता है, तो वे एसआईआर अवधि में बीएलओ से संपर्क कर अपना फॉर्म अवश्य भरें। अब तक करीब साढ़े चार लाख मतदाता एसआईआर कराने के लिए सामने नहीं आए हैं। 11 दिसंबर के बाद ही पूरी स्थिति स्पष्ट हो सकेगी।
अवनीश राय, डीएम
