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UP: कानपुर में एक ही कमरे में देवरिया के चार युवकों की मौत, खाना खाकर सोने गए...उठे ही नहीं
संवाद न्यूज एजेंसी, देवरिया
Published by: रोहित सिंह
Updated Thu, 20 Nov 2025 04:50 PM IST
सार
तवक्कलपुर गांव के रहने वाले अमित कुमार बरनवाल (24) पुत्र अयोध्या, संजू सिंह (24) पुत्र फतेह बहादुर सिंह, दाऊद अंसारी (25) पुत्र यासीन, राहुल सिंह(23) पुत्र लल्लन सिंह, अमित का भाई अरुण व नागेंद्र एक ही साथ कानपुर के पनकी इंडस्ट्रियल साइड नंबर दो के डी 58 में आयल सीड्स कंपनी में वेल्डर का काम करते थे।
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मृतक चारों युवकों की फाइल फोटो और रोते बिलखते परिजन
- फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
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विस्तार
कानपुर में पनकी आयल सीड्स कंपनी के परिसर में एक कमरे में सो रहे तवक्कलपुर गांव के चार युवकों की मौत से बृहस्पतिवार की सुबह गांव में कोहराम मच गया। एक ही गांव के चारों युवकों की मौत से सुबह-सुबह ही गांव में चारों तरफ चित्कार सुनाई देने लगा।
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तवक्कलपुर गांव के रहने वाले अमित कुमार बरनवाल (24) पुत्र अयोध्या, संजू सिंह (24) पुत्र फतेह बहादुर सिंह, दाऊद अंसारी (25) पुत्र यासीन, राहुल सिंह(23) पुत्र लल्लन सिंह, अमित का भाई अरुण व नागेंद्र एक ही साथ कानपुर के पनकी इंडस्ट्रियल साइड नंबर दो के डी 58 में आयल सीड्स कंपनी में वेल्डर का काम करते थे।
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रोज की तरह अमित, संजू, दाऊद और राहुल बुधवार की रात खाना खाकर फैक्टरी परिसर में बने एक कमरे में सो गए। अमित का भाई अरुण और नागेंद्र बगल में एक कमरे में सोने चले गए। नागेंद्र ने बताया कि सुबह देर तक चारों में से कोई नहीं दिखा। देर तक उनके नहीं उठने पर वह उन्हें जगाने पहुंचा।
उसने काफी आवाज लगाई लेकिन भीतर से कोई आवाज नहीं आई। इसके बाद कमरे का दरवाजा तोड़ा गया तो चारों के शव कमरे में पड़े थे। कमरे में एक कोयले की अंगीठी जल रही थी। बताते हैं कि कमरे में जल रही अंगीठी के धुएं के कारण दम घुटने से उसकी मौत हो गई। घटना का असली कारण तो पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही पता चलेगा।
उसने काफी आवाज लगाई लेकिन भीतर से कोई आवाज नहीं आई। इसके बाद कमरे का दरवाजा तोड़ा गया तो चारों के शव कमरे में पड़े थे। कमरे में एक कोयले की अंगीठी जल रही थी। बताते हैं कि कमरे में जल रही अंगीठी के धुएं के कारण दम घुटने से उसकी मौत हो गई। घटना का असली कारण तो पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही पता चलेगा।
इस हृदयविदारक हादसे में जहां राहुल के रूप में घर का इकलौता चिराग बुझ गया, वहीं दाऊद के रूप में एक साल की दुधमुही बच्ची के सिर से पिता का साया उठ गया। जिस घर में सहनाई की गूंज सुनाई दे रही थी, अचानक वहां चीख और पुकार सुनाई देने लगी।
अमित बृहस्पतिवार को जिम्बाबे तो अन्य युवक शुक्रवार को घर वापस लौटने वाले थे। कुछ रोज बाद दाऊद के बहन की शादी थी। मौत की सूचना मिलते ही ग्राम प्रधान रणजीत सिंह सहित कई लोग कानपुर के लिए रवाना हो गए हैं।
अमित बृहस्पतिवार को जिम्बाबे तो अन्य युवक शुक्रवार को घर वापस लौटने वाले थे। कुछ रोज बाद दाऊद के बहन की शादी थी। मौत की सूचना मिलते ही ग्राम प्रधान रणजीत सिंह सहित कई लोग कानपुर के लिए रवाना हो गए हैं।