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Farrukhabad News: 42 विद्यालयों में शिक्षक नहीं, 160 में सिर्फ एक-एक
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फर्रुखाबाद। नौनिहालों की शिक्षा की नींव कहे जाने वाले जिले के प्राथमिक व उच्च प्राथमिक शिक्षा की हालत बदतर है। काॅन्वेंट स्कूलों की तर्ज पर स्कूलों को विकसित करने की कवायद चल रही है लेकिन हालात यह हैं कि अधिकतर स्कूलों में शिक्षक तक नहीं हैं।
जिले के 42 में शिक्षक ही नहीं है। वहीं, 160 स्कूलों के नाैनिहालों की शिक्षा महज एक-एक शिक्षक के हवाले है। सबसे अधिक फर्रुखाबाद नगर क्षेत्र में 21 स्कूल शिक्षकविहीन हैं।
शासन ने प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों में कायाकल्प योजना के तहत 16 बिंदुओं पर करोड़ों रुपये खर्च किए। स्मार्ट क्लासों में एलईडी और कई स्कूलों कंप्यूटर लर्निंग सेंटर खोलने में मोटी रकम खर्च की गई। मगर बच्चों को इसका ज्ञान कौन देगा, इसकी कोई व्यवस्था नहीं है। स्कूलों की तस्वीर इतनी बदतर है कि जिले के 42 स्कूलों प्रधानाध्यापक तो दूर बच्चों को पढ़ाने के लिए शिक्षक तक नहीं हैं। यहां 50-50 से अधिक बच्चे पढ़ रहे हैं। यह शिक्षा के नाम पर खानापूरी ही कही जाएगी। इनमें सबसे अधिक नगर क्षेत्र फर्रुखाबाद के 21 व कायमगंज नगर के सात स्कूलों में एक भी शिक्षक नहीं हैं। ब्लाक कायमगंज में छह, शमसाबाद, नवाबगंज, राजेपुर व मोहम्मदाबाद में दो-दो स्कूल शिक्षकविहीन हैं।
यही नहीं जिले में 160 स्कूल ऐसे भी हैं, जिनमें सिर्फ एक शिक्षक ही तैनात है। इनमें नगर फर्रुखाबाद के 16, कायमगंज नगर के दो स्कूलों के अलावा ब्लाक मोहम्मदाबाद के 23, शमसाबाद, राजेपुर व कमालगंज के 15-15, नवाबगंज के 46, कायमगंज के 18 स्कूलों की जिम्मेदारी सिर्फ एक शिक्षक के हवाले है। कई स्कूलों में उसी शिक्षक पर प्रधानाध्यापक की जिम्मेदारी भी है। ऐसे में बच्चों की शिक्षा के स्तर का सहज ही अंदाजा लगा सकते हैं। (संवाद)
कायमगंज के सात और फर्रुखाबाद नगर क्षेत्र के 21 स्कूलों में 1905 नौनिहाल पढ़ रहे हैं। कंपोजिट प्राथमिक विद्यालय लिंजीगंज में 145, कंपोजिट विद्यालय जूनियर हाईस्कूल लिंजीगंज में 117 बच्चे पढ़ रहे हैं। इसके अलावा कायमगंज नगर के प्राथमिक विद्यालय बजरिया रामलाल में 122 और प्राथमिक विद्यालय बगीता में 107 बच्चे पंजीकृत हैं।
बेसिक शिक्षा अधिकारी विश्वनाथ प्रताप सिंह ने बताया कि वह पिछले महीने ही यहां आए हैं। शिक्षक विहीन और एकल स्कूलों की जानकारी मिली है। उन्होंने सभी बीईओ को 22 तक शिक्षकों से विकल्प मांगे हैं। नगर से नगर और ग्रामीण से ग्रामीण में शिक्षकों का समायोजन करके बंद और एकल स्कूलों में पद भरे जाएंगे।
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जिले के 42 में शिक्षक ही नहीं है। वहीं, 160 स्कूलों के नाैनिहालों की शिक्षा महज एक-एक शिक्षक के हवाले है। सबसे अधिक फर्रुखाबाद नगर क्षेत्र में 21 स्कूल शिक्षकविहीन हैं।
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शासन ने प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों में कायाकल्प योजना के तहत 16 बिंदुओं पर करोड़ों रुपये खर्च किए। स्मार्ट क्लासों में एलईडी और कई स्कूलों कंप्यूटर लर्निंग सेंटर खोलने में मोटी रकम खर्च की गई। मगर बच्चों को इसका ज्ञान कौन देगा, इसकी कोई व्यवस्था नहीं है। स्कूलों की तस्वीर इतनी बदतर है कि जिले के 42 स्कूलों प्रधानाध्यापक तो दूर बच्चों को पढ़ाने के लिए शिक्षक तक नहीं हैं। यहां 50-50 से अधिक बच्चे पढ़ रहे हैं। यह शिक्षा के नाम पर खानापूरी ही कही जाएगी। इनमें सबसे अधिक नगर क्षेत्र फर्रुखाबाद के 21 व कायमगंज नगर के सात स्कूलों में एक भी शिक्षक नहीं हैं। ब्लाक कायमगंज में छह, शमसाबाद, नवाबगंज, राजेपुर व मोहम्मदाबाद में दो-दो स्कूल शिक्षकविहीन हैं।
यही नहीं जिले में 160 स्कूल ऐसे भी हैं, जिनमें सिर्फ एक शिक्षक ही तैनात है। इनमें नगर फर्रुखाबाद के 16, कायमगंज नगर के दो स्कूलों के अलावा ब्लाक मोहम्मदाबाद के 23, शमसाबाद, राजेपुर व कमालगंज के 15-15, नवाबगंज के 46, कायमगंज के 18 स्कूलों की जिम्मेदारी सिर्फ एक शिक्षक के हवाले है। कई स्कूलों में उसी शिक्षक पर प्रधानाध्यापक की जिम्मेदारी भी है। ऐसे में बच्चों की शिक्षा के स्तर का सहज ही अंदाजा लगा सकते हैं। (संवाद)
कायमगंज के सात और फर्रुखाबाद नगर क्षेत्र के 21 स्कूलों में 1905 नौनिहाल पढ़ रहे हैं। कंपोजिट प्राथमिक विद्यालय लिंजीगंज में 145, कंपोजिट विद्यालय जूनियर हाईस्कूल लिंजीगंज में 117 बच्चे पढ़ रहे हैं। इसके अलावा कायमगंज नगर के प्राथमिक विद्यालय बजरिया रामलाल में 122 और प्राथमिक विद्यालय बगीता में 107 बच्चे पंजीकृत हैं।
बेसिक शिक्षा अधिकारी विश्वनाथ प्रताप सिंह ने बताया कि वह पिछले महीने ही यहां आए हैं। शिक्षक विहीन और एकल स्कूलों की जानकारी मिली है। उन्होंने सभी बीईओ को 22 तक शिक्षकों से विकल्प मांगे हैं। नगर से नगर और ग्रामीण से ग्रामीण में शिक्षकों का समायोजन करके बंद और एकल स्कूलों में पद भरे जाएंगे।
