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Gonda News: धोखाधड़ी में फंसे मदरसा अध्यक्ष और सचिव को हाईकोर्ट से राहत
संवाद न्यूज एजेंसी, गोंडा
Updated Thu, 27 Nov 2025 11:13 PM IST
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गोंडा। धोखाधड़ी, जालसाजी के मामले में आरोपी मदरसा के अध्यक्ष और सचिव को हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने अग्रिम सुनवाई तक पुलिस की बलपूर्वक कार्रवाई पर रोक लगा दिया है।
नगर कोतवाली में बड़गांव निवासी अब्दुल्ला खान ने न्यायालय में प्रार्थना पत्र देकर कहा कि वह मदरसा इस्लामिया सदरुल उलूम बड़गांव के प्रबंधक हैं। संस्था के कार्यों में रुचि न लेने और वित्तीय अनियमितताओं के कारण बड़गांव निवासी शेर मोहम्मद को अध्यक्ष और खलील अहमद को मदरसा प्रबंध समिति के सचिव पद से हटा दिया गया। लेकिन उन्होंने स्वयं को अध्यक्ष घोषित करते हुए 16 जनवरी 2025 को जिलाधिकारी को फर्जी व कूटरचित शिकायती पत्र दिया। अदालत के आदेश पर छह नवंबर 2025 को एफआईआर दर्ज कर कोतवाली नगर पुलिस विवेचना कर रही है।
अब पुलिस की कार्रवाई और गिरफ्तारी से बचने के लिए आरोपियों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में रिट याचिका दायर कर एफआईआर निरस्त करने की मांग की। याची के अधिवक्ता ने कहा कि पद से हटाने के आदेश के खिलाफ सक्षम न्यायालय में अपील की गई। कोर्ट ने स्थगनादेश भी पारित किया है। बीते सोमवार को सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति अब्दुल मोईन और न्यायमूर्ति सैयद कमर हसन रिजवी ने मामले के तथ्य व अन्य परिस्थितियों पर विचार करते हुए अग्रिम सुनवाई तिथि तक आरोपी अध्यक्ष और सचिव के खिलाफ किसी भी बलपूर्वक कार्रवाई पर रोक लगा दी है।
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नगर कोतवाली में बड़गांव निवासी अब्दुल्ला खान ने न्यायालय में प्रार्थना पत्र देकर कहा कि वह मदरसा इस्लामिया सदरुल उलूम बड़गांव के प्रबंधक हैं। संस्था के कार्यों में रुचि न लेने और वित्तीय अनियमितताओं के कारण बड़गांव निवासी शेर मोहम्मद को अध्यक्ष और खलील अहमद को मदरसा प्रबंध समिति के सचिव पद से हटा दिया गया। लेकिन उन्होंने स्वयं को अध्यक्ष घोषित करते हुए 16 जनवरी 2025 को जिलाधिकारी को फर्जी व कूटरचित शिकायती पत्र दिया। अदालत के आदेश पर छह नवंबर 2025 को एफआईआर दर्ज कर कोतवाली नगर पुलिस विवेचना कर रही है।
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अब पुलिस की कार्रवाई और गिरफ्तारी से बचने के लिए आरोपियों ने इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में रिट याचिका दायर कर एफआईआर निरस्त करने की मांग की। याची के अधिवक्ता ने कहा कि पद से हटाने के आदेश के खिलाफ सक्षम न्यायालय में अपील की गई। कोर्ट ने स्थगनादेश भी पारित किया है। बीते सोमवार को सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति अब्दुल मोईन और न्यायमूर्ति सैयद कमर हसन रिजवी ने मामले के तथ्य व अन्य परिस्थितियों पर विचार करते हुए अग्रिम सुनवाई तिथि तक आरोपी अध्यक्ष और सचिव के खिलाफ किसी भी बलपूर्वक कार्रवाई पर रोक लगा दी है।