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Hamirpur News: किशोरी के अपहरण में चार साल की कैद
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2015 में परीक्षा देने गई किशोरी के साथ हुई थी घटना
संवाद न्यूज एजेंसी
हमीरपुर। वर्ष 2015 में परीक्षा देकर लौट रही छात्रा को बहला फुसला कर अपहृत करने वाले युवक को विशेष न्यायाधीश पॉस्को एक्ट कीर्तिमाला सिंह की अदालत में दोष सिद्ध होने पर चार साल की सजा सुनाई गई। इसी के साथ पांच हजार रुपये का अर्थदंड लगाया है।
ग्राम ऊपरी सायर थाना बिवांर निवासी पीड़िता के पिता ने 28 मार्च 2015 को थाने में तहरीर दी थी। इसमें उसने बताया था कि उसकी नाबालिग पुत्री उम्र 16 वर्ष कक्षा 11 की परीक्षा देने आदर्श इंटर कॉलेज मौदहा आई थी। शाम तक जब उसकी पुत्री घर नहीं पहुंची तो वह पता करने निकला।
जानकारी मिली थी गांव का लक्ष्मी और उसके दो अन्य साथी उसे बहला फुसला कर अपहृत कर ले गए। इस मामले में जांच पड़ताल के बाद पुलिस ने अभियुक्त को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया था। विशेष न्यायाधीश पॉस्को एक्ट के न्यायालय में ट्रायल चला। पेश किए गए गवाह और साक्ष्यों के आधार पर अभियुक्त लक्ष्मी को दोषी माना है।
धारा 363 का दोषी पाते हुए तीन वर्ष कारावास एवं तीन हजार अर्थ दंड लगाया है। इसके अलावा धारा 366 का दोषी पाते हुए उसे चार वर्ष के कठोर कारावास एवं पांच हजार रुपये अर्थदंड से दंडित किया है। धारा-8 पॉक्सो एक्ट के तहत भी तीन वर्ष की सजा सुनाई गई। सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी।
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संवाद न्यूज एजेंसी
हमीरपुर। वर्ष 2015 में परीक्षा देकर लौट रही छात्रा को बहला फुसला कर अपहृत करने वाले युवक को विशेष न्यायाधीश पॉस्को एक्ट कीर्तिमाला सिंह की अदालत में दोष सिद्ध होने पर चार साल की सजा सुनाई गई। इसी के साथ पांच हजार रुपये का अर्थदंड लगाया है।
ग्राम ऊपरी सायर थाना बिवांर निवासी पीड़िता के पिता ने 28 मार्च 2015 को थाने में तहरीर दी थी। इसमें उसने बताया था कि उसकी नाबालिग पुत्री उम्र 16 वर्ष कक्षा 11 की परीक्षा देने आदर्श इंटर कॉलेज मौदहा आई थी। शाम तक जब उसकी पुत्री घर नहीं पहुंची तो वह पता करने निकला।
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जानकारी मिली थी गांव का लक्ष्मी और उसके दो अन्य साथी उसे बहला फुसला कर अपहृत कर ले गए। इस मामले में जांच पड़ताल के बाद पुलिस ने अभियुक्त को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया था। विशेष न्यायाधीश पॉस्को एक्ट के न्यायालय में ट्रायल चला। पेश किए गए गवाह और साक्ष्यों के आधार पर अभियुक्त लक्ष्मी को दोषी माना है।
धारा 363 का दोषी पाते हुए तीन वर्ष कारावास एवं तीन हजार अर्थ दंड लगाया है। इसके अलावा धारा 366 का दोषी पाते हुए उसे चार वर्ष के कठोर कारावास एवं पांच हजार रुपये अर्थदंड से दंडित किया है। धारा-8 पॉक्सो एक्ट के तहत भी तीन वर्ष की सजा सुनाई गई। सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी।