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Hardoi News: साइबर ठगी में अब तक इस्तेमाल हुए हरदोई के 901 सिम, 3402 सिम कार्ड रडार पर

Kanpur	 Bureau कानपुर ब्यूरो
Updated Sun, 23 Nov 2025 10:59 PM IST
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901 SIM cards from Hardoi used in cyber fraud so far, 3402 SIM cards on radar
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हरदोई। देश भर में हो रही साइबर ठगी की घटनाओं को लेकर हरदोई से जारी 3,402 मोबाइल नंबरों (सिम कार्ड) को जांच एजेंसियों ने रडार पर लिया है। देश के अलग-अलग प्रदेशों से इसकी जानकारी हरदोई भेजी गई है। इन सभी सिम कार्डाें का सत्यापन कराया जा रहा है। सत्यापन के दौरान ही बड़े पैमाने पर ठगी में हरदोई के सिम कार्डाें का इस्तेमाल होने की पुष्टि हुई है। साइबर ठगी में अब तक हरदोई के 901 सिम कार्ड इस्तेमाल होने की बात सामने आई है।
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साइबर ठगी की घटनाएं पिछले कुछ सालों में तेजी से बढ़ी हैं। इन घटनाओं की जांच भी पुलिस आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करके कर रही है। यही वजह है कि हर रोज साइबर ठगी के लिए इस्तेमाल होने वाले सिम कार्डाें और बैंक खातों को लेकर जिले के अलग-अलग थानों में प्राथमिकी दर्ज कराई जा रही है। शुक्रवार को 99 सिम कार्डाें के जरिये साइबर ठगी किए जाने की पुष्टि होने के बाद जनपद से जारी 3,402 सिम कार्डाें के सत्यापन का काम तेजी से चल रहा है।
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इन सिम कार्डाें को ठगी के लिए कॉल करने में इस्तेमाल किए जाने की आशंका है। जनपद स्थित साइबर थाने में निरीक्षक वहीद अहमद की निगरानी में ऐसे मामलों की जांच चल रही है। अमर उजाला में रविवार के अंक में ‘साइबर ठगी में हरदोई के 99 सिम कार्डाें के इस्तेमाल की पुष्टि’ होने संबंधी खबर के प्रकाशन के बाद जांच की गति बढ़ा दी गई है।

रविवार को अवकाश होने के बाद भी साइबर थाने में मनीष कुमार और हरीश चौधरी संदिग्ध मोबाइल नंबरों का ब्योरा खंगालते नजर आए। साथ ही अलग-अलग थानों में संपर्क कर संदिग्ध नंबरों की जानकारी देने में भी साइबर थाने में तैनात निरीक्षक दिनेश यादव लगे दिखे। विश्वस्त सूत्रोें के मुताबिक अब तक हुए सत्यापन में 901 सिम कार्डाें का इस्तेमाल साइबर ठगी के लिए किए जाने की बात सामने आई है। इनमें से बड़ी संख्या में मोबाइल नंबर ठगी करने के बाद बंद कर दिए गए। सत्यापन में इन मोबाइल नंबरों की पोल खुल रही है।






ऋण का लालच देकर खाता खुलवाया फिर साइबर ठगी का रुपया मंगवाया

अब्दुल्लापुर निवासी पुष्पेंद्र मिश्रा ने शाहाबाद कोतवाली में प्राथमिकी दर्ज कराई। बताया कि मझिला थाना क्षेत्र के भोगीपुर नेवादा निवासी मलिखान की पत्नी राजदेवी उर्फ नेताइन दो साल पहले उसके घर आई थीं। बैंक में खाता खुलवाने को कहा था। झांसा दिया था कि खाता खुलते ही एक से पांच लाख रुपये तक का ऋण दिला दिया जाएगा। खाता खुलने पर बताया कि शून्य से खाता खुला है। ऋण के लिए इसमें लेनदेन करना होगा। इस पर पुष्पेंद्र ने अपना एटीएम कार्ड और बैंक पास बुक ऋण के लालच में राजदेवी को दे दी। खाते का इस्तेमाल राजदेवी ने साइबर फ्रॉड की रकम मंगाने के लिए किया।








हरियाणा, महाराष्ट्र, गुजरात और छत्तीसगढ़ तक से आए रुपये

सवायजपुर कोतवाली क्षेत्र के अमिरता निवासी दुर्गेश सिंह चौहान के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज हुई है। हरियाणा के सोनीपत निवासी प्रीती, महाराष्ट्र के रायगढ़ निवासी हातिम सदरीवाला, छत्तीसगढ़ के बलरामपुर निवासी सूरज विश्वकर्मा और गुजरात के राजकोट निवासी धर्मेश सिंधौ ने अपने-अपने जनपद में साइबर ठगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। जांच हुई तो पता चला कि साइबर ठगी में इस्तेमाल किया गया मोबाइल नंबर और बैंक खाता दुर्गेश सिंह चौहान के नाम है। साइबर थाने की पुलिस के साथ ही सवायजपुर कोतवाली पुलिस भी दुर्गेश की तलाश कर रही है।




सवायजपुर का अमिरता बन गया जामताड़ा सा



पुलिस सख्ती से जांच करे तो सवायजपुर कोतवाली क्षेत्र के अमिरता गांव से देश भर में हो रही साइबर ठगी के तार जुड़े निकलेंगे। यहां रहने वाले कुछ युवाओं की जीवन शैली पिछले तीन वर्ष में तेजी से बदली है। नाम न छापने के अनुरोध पर ग्रामीण बताते हैं कि कुछ युवक कोई काम नहीं करते हैं। बावजूद इसके इनके पास महंगी कारें और महंगे मोबाइल हैं। साथ ही साथ यह लोग अक्सर घूमने के लिए भी इधर-उधर जाते हैं और बड़े पैमाने पर रुपये खर्च करते हैं। दरअसल, पुलिस के पास भी इसकी मजबूत सूचना है कि अमिरता गांव हरदाेई जनपद का जामताड़ा बन गया है। यह बात और है कि पुलिस अभी यहां सख्त कार्रवाई करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रही है।




ऐसे जान सकते हैं कितने सिम हैं आपके नाम पर आवंटित



साइबर ठगी के मामले सामने आने पर सतर्कता बढ़ाई गई है। sancharsathi.gov.in पर जाएं। इसके बाद स्क्रीन पर नजर आने वाले विकल्पों में से know mobile number in your name पर जाएं। इसके बाद मोबाइल नंबर मांगा जाएगा। यहां वह मोबाइल नंबर भरना है जो आपके आधार कार्ड से लिंक है। इसी नंबर पर एक ओटीपी आएगा। ओटीपी डालते ही स्क्रीन पर दिखने लगेगा कि आपके नाम पर कितने और कौन से मोबाइल नंबर आवंटित हैं।



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साइबर फ्रॉड के मामले में अब तक हरदाेई में 901 सिम इस्तेमाल किए जाने की पुष्टि हुई है। इस मामले में तीन लोगों को पूर्व में गिरफ्तार कर जेल भी भेजा जा चुका है। कुछ और लोगों के नाम सामने आए हैं। इन पर भी कार्रवाई की जा रही है। साइबर फ्रॉड में शामिल लोगों पर सख्त कार्रवाई कर पूरे मैक्सेस को खत्म किया जाएगा। -अंकित मिश्रा, सीओ सिटी
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