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Hardoi News: शहनाई के बीच सजा सिर पर सेहरा, आधार ने उपहार की चाहत पर पानी फेरा
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हरदोई। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में पारदर्शिता लाने को बायोमेट्रिक सत्यापन की व्यवस्था हुई। बेहद सटीक व्यवस्था दो जोड़ों के लिए मुसीबत भी बन गई। सीएसएन कॉलेज के मैदान में आयोजित समारोह में दो जोड़ों के फेरे हुए और सारी रस्में भी पूरी हुईं। उपहार देने से पहले बायोमेट्रिक सत्यापन कराया गया, तो दोनों दूल्हों का ब्योरा मेल नहीं खाया। ऐसे में इन्हें बिना उपहार दिए ही वापस भेज दिया गया। सत्यापन न होने पर समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों ने एक दूसरे पर भड़ास भी निकाली, लेकिन तब तक दोनों जोड़े फेरे ले चुके थे। दरअसल मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में पूर्व में अलग-अलग जनपदों में अनियमितताएं मिल चुकी हैं। समाज कल्याण विभाग की इस योजना को लेकर विभागीय मंत्री असीम अरुण खासे संजीदा रहते हैं। अनियमितताओं को रोकने के लिए बायोमेट्रिक सत्यापन जरूरी किया गया, लेकिन आधार में गड़बड़ी से हरदोई में दो जोड़ों को उपहार नहीं मिल पाए।
प्रकरण-1
संडीला विकास खंड के एक गांव निवासी विनीता की शादी सामूहिक विवाह समारोह में अनिल के साथ हुई। दोनों की पात्रताएं जांच ली गई थीं और दोनों मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के लिए पात्र पाए गए। धूमधाम से शादी के बाद बायोमेट्रिक सत्यापन के लिए नवदंपती पहुंचे, तो मुसीबत हो गई। अनिल का नाम आधार कार्ड में अनित दर्ज है। इसके कारण उसका बायोमेट्रिक सत्यापन नहीं हुआ। ऐसे में योजना के तहत दिए जाने वाले उपहार भी इस जोड़े को नहीं मिले।
प्रकरण-2
माधौगंज के दौलतयारपुर निवासी प्रीती गिहार की शादी मोना से तय हुई। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह समारोह में दोनों ने फेरे लिए। इसके बाद उपहार की बारी आई। उपहार देने से पहले विभागीय निर्देश के मुताबिक बायोमेट्रिक सत्यापन कराया गया। यहां भी मामला फंस गया। आधार कार्ड में मोना का नाम अरुण दर्ज है। आवेदन में लिखी जन्मतिथि और आधार में दर्ज जन्मतिथि में अंतर मिला। इस पर उन्हें भी उपहार नहीं दिए गए।
बायोमेट्रिक सत्यापन न होने पर उपहार न देने के निर्देश हैं। ऐसा गड़बड़ी रोकने के लिए किया गया है। हरदोई में ऐसे दो मामले सामने आए हैं। दोनों की जांच कराई जा रही है। आधार कार्ड में किस तरह सुधार हो सकता है इस पर विभागीय उच्चाधिकारियों से मार्ग दर्शन लिया जाएगा। जब तक बायोमेट्रिक सत्यापन नहीं होगा तब तक उपहार नहीं देंगे। -रमाकांत पटेल, जिला समाज कल्याण अधिकारी
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संडीला विकास खंड के एक गांव निवासी विनीता की शादी सामूहिक विवाह समारोह में अनिल के साथ हुई। दोनों की पात्रताएं जांच ली गई थीं और दोनों मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के लिए पात्र पाए गए। धूमधाम से शादी के बाद बायोमेट्रिक सत्यापन के लिए नवदंपती पहुंचे, तो मुसीबत हो गई। अनिल का नाम आधार कार्ड में अनित दर्ज है। इसके कारण उसका बायोमेट्रिक सत्यापन नहीं हुआ। ऐसे में योजना के तहत दिए जाने वाले उपहार भी इस जोड़े को नहीं मिले।
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प्रकरण-2
माधौगंज के दौलतयारपुर निवासी प्रीती गिहार की शादी मोना से तय हुई। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह समारोह में दोनों ने फेरे लिए। इसके बाद उपहार की बारी आई। उपहार देने से पहले विभागीय निर्देश के मुताबिक बायोमेट्रिक सत्यापन कराया गया। यहां भी मामला फंस गया। आधार कार्ड में मोना का नाम अरुण दर्ज है। आवेदन में लिखी जन्मतिथि और आधार में दर्ज जन्मतिथि में अंतर मिला। इस पर उन्हें भी उपहार नहीं दिए गए।
बायोमेट्रिक सत्यापन न होने पर उपहार न देने के निर्देश हैं। ऐसा गड़बड़ी रोकने के लिए किया गया है। हरदोई में ऐसे दो मामले सामने आए हैं। दोनों की जांच कराई जा रही है। आधार कार्ड में किस तरह सुधार हो सकता है इस पर विभागीय उच्चाधिकारियों से मार्ग दर्शन लिया जाएगा। जब तक बायोमेट्रिक सत्यापन नहीं होगा तब तक उपहार नहीं देंगे। -रमाकांत पटेल, जिला समाज कल्याण अधिकारी