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Hardoi News: आठ करोड़ से बनेंगे पांच बड़े गो आश्रयस्थल
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- 1.60 करोड़ से बनेगा एक केंद्र, यूपीसीएलडीएफ को मिली काम की जिम्मेदारी
संवाद न्यूज एजेंसी
हरदोई। प्रदेश में सर्वाधिक मवेशी संरक्षित और इंतजाम को देखते हुए शासन ने पांच और वृहद गो-संरक्षण केंद्र बनवाए जाने की स्वीकृति दी है। शासन ने पांच वृहद गो-संरक्षण केंद्र बनवाए जाने के लिए करीब 8.00 करोड़ रुपये की वित्तीय और प्रशासनिक स्वीकृति दी है। काम कराने की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश राज्य निर्माण एवं श्रम विकास सहकारी संघ लिमिटेड (यूपीसीएलडीएफ) को सौंपी है।
मुख्यमंत्री की शीर्ष प्राथमिकता में से एक निराश्रित मवेशियों को संरक्षित किए जाने के लिए पशु आश्रयस्थल, कान्हा गोशाला और वृहद गो-संरक्षण केंद्र बनवाए जा रहे हैं। जिले में वैसे तो 375 आश्रयस्थल संचालित हैं। जिनमें 79,340 मवेशी संरक्षित हैं। पशु आश्रयस्थलों की संख्या कम करते हुए एक ही स्थान पर बड़ी संख्या में मवेशियों को संरक्षित किए जाने और व्यवस्थाओं की निगरानी में आसानी को देखते हुए डीएम अनुनय झा ने शासन को वृहद गो-संरक्षण बनवाए जाने के लिए प्रस्ताव भेजा था। शासन ने प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है। शासन ने जिले के लिए पांच वृहद गो-संरक्षण केंद्र बनवाए जाने की स्वीकृति दी है।
मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. अशोक कुमार सिंह ने बताया कि शासन की तरफ से ब्लॉक भरखनी के भाहपुर सपहा, कछौना के बालामऊ, मल्लावां के तेंदुआ, माधौगंज के मंदारखुर्द और बिलग्राम के गुजरई में वृहद गो-संरक्षण केंद्र बनवाए जाने की स्वीकृति मिली है। एक वृहद गो-संरक्षण बनवाए जाने पर 1.60 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
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संवाद न्यूज एजेंसी
हरदोई। प्रदेश में सर्वाधिक मवेशी संरक्षित और इंतजाम को देखते हुए शासन ने पांच और वृहद गो-संरक्षण केंद्र बनवाए जाने की स्वीकृति दी है। शासन ने पांच वृहद गो-संरक्षण केंद्र बनवाए जाने के लिए करीब 8.00 करोड़ रुपये की वित्तीय और प्रशासनिक स्वीकृति दी है। काम कराने की जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश राज्य निर्माण एवं श्रम विकास सहकारी संघ लिमिटेड (यूपीसीएलडीएफ) को सौंपी है।
मुख्यमंत्री की शीर्ष प्राथमिकता में से एक निराश्रित मवेशियों को संरक्षित किए जाने के लिए पशु आश्रयस्थल, कान्हा गोशाला और वृहद गो-संरक्षण केंद्र बनवाए जा रहे हैं। जिले में वैसे तो 375 आश्रयस्थल संचालित हैं। जिनमें 79,340 मवेशी संरक्षित हैं। पशु आश्रयस्थलों की संख्या कम करते हुए एक ही स्थान पर बड़ी संख्या में मवेशियों को संरक्षित किए जाने और व्यवस्थाओं की निगरानी में आसानी को देखते हुए डीएम अनुनय झा ने शासन को वृहद गो-संरक्षण बनवाए जाने के लिए प्रस्ताव भेजा था। शासन ने प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है। शासन ने जिले के लिए पांच वृहद गो-संरक्षण केंद्र बनवाए जाने की स्वीकृति दी है।
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मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. अशोक कुमार सिंह ने बताया कि शासन की तरफ से ब्लॉक भरखनी के भाहपुर सपहा, कछौना के बालामऊ, मल्लावां के तेंदुआ, माधौगंज के मंदारखुर्द और बिलग्राम के गुजरई में वृहद गो-संरक्षण केंद्र बनवाए जाने की स्वीकृति मिली है। एक वृहद गो-संरक्षण बनवाए जाने पर 1.60 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
