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Hardoi News: निजी प्रशिक्षण केंद्र चालकों का नहीं ले सकेंगे परीक्षण, शासन ने दिए निर्देश
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हरदोई। जिले में निजी स्तर पर चालकों के ड्राइविंग परीक्षण के लिए संचालित केंद्र की मनमानी अब नहीं चल सकेगी। शासन ने निजी स्वामित्व वाले प्रशिक्षण केंद्र पर लगाम लगाने के लिए विभागीय अधिकारियों की उपस्थित में परीक्षण लिए जाने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए बाकायदा एसओपी तैयार कर विभागीय अधिकारी को ट्रैक तैयार कराने के निर्देश भी दिए हैं।
ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने में सरकार ने चालकों का परीक्षण लिया जाना अनिवार्य किया है। अभी तक जिले में यह व्यवस्था एक निजी कंपनी की तरफ से चलाई जा रही है। लखनऊ रोड पर कंडौना गांव के पास एक निजी कंपनी की तरफ से चालकों का परीक्षण आधुनिक ट्रैक पर लिया जाता है। उनकी तरफ से प्रमाण पत्र मिलने के बाद ही विभाग ड्राइविंग लाइसेंस बनता है।
बता दें कि इसमें ही निजी कंपनी के कर्मचारी मनमानी कर रहे हैं। परीक्षा देने गए लाेगों को कठिन मानकों का हवाला देकर बार-बार फेल कर दिया जाता है। साथ ही उनसे मनमाफिक धनराशि भी वसूली जाती है। विभागीय अधिकारियों के अनुसार ड्राइविंग लाइसेंस के लिए छह हजार रुपये की फीस है। परीक्षण केंद्र की मनमानी पर लगाम लगाने के लिए राज्य परिवहन प्राधिकरण सचिव सगीर अहमद अंसारी ने जिले में चल रहे ट्रेड लिंक को दिए गए परीक्षण के अधिकार को निरस्त कर दिया है। साथ ही विभागीय अधिकारियों की देखरेख में परीक्षण कराने के निर्देश दिए हैं।
सुविधा प्रदाता की तरह कर सकेंगे कार्य
निजी स्वामित्व वाले परीक्षण केंद्र का परीक्षण के अधिकार को निरस्त करने के निर्देश देने के साथ ही सचिव ने उनका प्रयोग सेवा प्रदाता की तरह करने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए एक एसओपी भी तैयार कराने के लिए कहा गया है। एसओपी के आधार पर उनके ट्रैक का प्रयोग कर अधिकारियों की उपस्थिति में परीक्षण लिए जाने के आदेश दिए गए हैं।
ड्राइविंग परीक्षण अब जल्द ही विभागीय अधिकारी की उपस्थिति में होगा। अभी विभाग के पास आधुनिक ट्रैक उपलब्ध नहीं है। निजी कंपनी के पास सेंसरयुक्त ट्रैक है। वहां पर किसी को तैनात कर परीक्षण कराया जाएगा। -अरविंद कुमार सिंह, एआरटीओ
ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने में सरकार ने चालकों का परीक्षण लिया जाना अनिवार्य किया है। अभी तक जिले में यह व्यवस्था एक निजी कंपनी की तरफ से चलाई जा रही है। लखनऊ रोड पर कंडौना गांव के पास एक निजी कंपनी की तरफ से चालकों का परीक्षण आधुनिक ट्रैक पर लिया जाता है। उनकी तरफ से प्रमाण पत्र मिलने के बाद ही विभाग ड्राइविंग लाइसेंस बनता है।
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बता दें कि इसमें ही निजी कंपनी के कर्मचारी मनमानी कर रहे हैं। परीक्षा देने गए लाेगों को कठिन मानकों का हवाला देकर बार-बार फेल कर दिया जाता है। साथ ही उनसे मनमाफिक धनराशि भी वसूली जाती है। विभागीय अधिकारियों के अनुसार ड्राइविंग लाइसेंस के लिए छह हजार रुपये की फीस है। परीक्षण केंद्र की मनमानी पर लगाम लगाने के लिए राज्य परिवहन प्राधिकरण सचिव सगीर अहमद अंसारी ने जिले में चल रहे ट्रेड लिंक को दिए गए परीक्षण के अधिकार को निरस्त कर दिया है। साथ ही विभागीय अधिकारियों की देखरेख में परीक्षण कराने के निर्देश दिए हैं।
सुविधा प्रदाता की तरह कर सकेंगे कार्य
निजी स्वामित्व वाले परीक्षण केंद्र का परीक्षण के अधिकार को निरस्त करने के निर्देश देने के साथ ही सचिव ने उनका प्रयोग सेवा प्रदाता की तरह करने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए एक एसओपी भी तैयार कराने के लिए कहा गया है। एसओपी के आधार पर उनके ट्रैक का प्रयोग कर अधिकारियों की उपस्थिति में परीक्षण लिए जाने के आदेश दिए गए हैं।
ड्राइविंग परीक्षण अब जल्द ही विभागीय अधिकारी की उपस्थिति में होगा। अभी विभाग के पास आधुनिक ट्रैक उपलब्ध नहीं है। निजी कंपनी के पास सेंसरयुक्त ट्रैक है। वहां पर किसी को तैनात कर परीक्षण कराया जाएगा। -अरविंद कुमार सिंह, एआरटीओ