{"_id":"691f85bd217dc86d0c0e7c66","slug":"death-occurred-in-august-death-certificate-issued-in-october-hathras-news-c-56-1-hts1004-140597-2025-11-21","type":"story","status":"publish","title_hn":"Hathras News: मौत अगस्त में हुई, मृत्यु प्रमाणपत्र अक्तूबर माह का जारी कर दिया","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
Hathras News: मौत अगस्त में हुई, मृत्यु प्रमाणपत्र अक्तूबर माह का जारी कर दिया
संवाद न्यूज एजेंसी, हाथरस
Updated Fri, 21 Nov 2025 02:48 AM IST
विज्ञापन
विज्ञापन
कमल वार्ष्णेय
हाथरस। व्यक्ति की मौत हुई, उसका पोस्टमार्टम भी हुआ। इसके बाद भी मृतक का फर्जी मृत्यु प्रमाणपत्र जारी कर दिया गया। प्रमाणपत्र में इस व्यक्ति को वास्तविक तिथि से दो माह बाद मरा दिखाया गया है। यह कारनामा किया है नगर पालिका परिषद के कर्मियों ने, जिसमें दलालों की भी भूमिका है। मामला खुलने पर कार्यालय में खलबली मची हुई है।
विष्णुपुरी, गंगा भीम बगीची निवासी कुलदीप कुमार (50) मूलरूप से हाथरस जंक्शन के गांव बरौली के रहने वाले थे। 19 अगस्त 2025 को संदिग्ध हालात में कुलदीप की मौत हो गई थी। उन्हें जिला अस्पताल लाया गया था। मौत की जानकारी पर पहुंचे परिजन शव को गांव ले गए थे। रात को शव काला पड़ा तो उन्होंने परिवार के ही सदस्य पर जहर देने की आशंका जाहिर की और हाथरस जंक्शन पुलिस को सूचना दी गई।
हाथरस जंक्शन पुलिस ने 20 अगस्त की सुबह शव का पोस्टमार्टम कराया था। मौत का कारण स्पष्ट न होने के कारण विसरा भी सुरक्षित रखा गया था। इस मामले में हाथरस गेट पुलिस की ओर से जांच चल रही है। परिवार के लोग एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं।
पुलिस की जांच के बीच नगर पालिका के कर्मियों ने रुपयों के लालच में मृतक की मृत्यु तिथि ही बदल दी। प्रकरण में नयागंज स्थित मृतक के अंतिम संस्कार की सामग्री के विक्रेता के यहां से 16 अक्तूबर 2025 की रसीद लाई गई और इसी आधार पर फर्जी फील्ड रिपोर्ट लगाकर पांच नवंबर को मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया। जब यह मामला बाहर आया तो संबंधित कर्मियों में खलबली मच गई।
सूत्रों के अनुसार दलाल के माध्यम से रुपये का लेनदेन होने के बाद पोस्टमार्टम रिपोर्ट व जिला अस्पताल के अभिलेखों की अनदेखी करते हुए यह प्रमाणपत्र जारी कर दिया गया। संवाद
एक दूसरे पर टाला जा रहा मामला
पालिका कर्मी राजीव कुलश्रेष्ठ ने बताया कि वह 24 अक्तूबर को इस पटल से हट चुके हैं। उनके कार्यकाल में कुलदीप का मृत्यु प्रमाणपत्र जारी करने के लिए आवेदन आया था, लेकिन मृत्यु के स्थान में विरोधाभास था। आवेदन में मृत्यु विष्णुपुरी में बताई गई थी, लेकिन पुलिस की रिपोर्ट में बरौली में शव मिलने की सूचना थी, इसलिए उन्होंने प्रमाण पत्र जारी नहीं किया था। इधर, वर्तमान में पटल देख रहीं सफाई निरीक्षक राखी यादव का कहना है कि ऑनलाइन आवेदन आते हैं। उनके चार्ज लेने से पहले ही रिपोर्ट लग गई थी। बाद में ऑनलाइन पत्र जारी हो गया।
इनका कहना है
प्रकरण जानकारी में आया है। मामला गंभीर है। पटल प्रभारी व अन्य संबंधित कर्मियों से स्पष्टीकरण मांगा गया है। कोई दोषी पाया जाता है तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।
-रोहित सिंह, ईओ नगर पालिका, हाथरस
Trending Videos
हाथरस। व्यक्ति की मौत हुई, उसका पोस्टमार्टम भी हुआ। इसके बाद भी मृतक का फर्जी मृत्यु प्रमाणपत्र जारी कर दिया गया। प्रमाणपत्र में इस व्यक्ति को वास्तविक तिथि से दो माह बाद मरा दिखाया गया है। यह कारनामा किया है नगर पालिका परिषद के कर्मियों ने, जिसमें दलालों की भी भूमिका है। मामला खुलने पर कार्यालय में खलबली मची हुई है।
विष्णुपुरी, गंगा भीम बगीची निवासी कुलदीप कुमार (50) मूलरूप से हाथरस जंक्शन के गांव बरौली के रहने वाले थे। 19 अगस्त 2025 को संदिग्ध हालात में कुलदीप की मौत हो गई थी। उन्हें जिला अस्पताल लाया गया था। मौत की जानकारी पर पहुंचे परिजन शव को गांव ले गए थे। रात को शव काला पड़ा तो उन्होंने परिवार के ही सदस्य पर जहर देने की आशंका जाहिर की और हाथरस जंक्शन पुलिस को सूचना दी गई।
विज्ञापन
विज्ञापन
हाथरस जंक्शन पुलिस ने 20 अगस्त की सुबह शव का पोस्टमार्टम कराया था। मौत का कारण स्पष्ट न होने के कारण विसरा भी सुरक्षित रखा गया था। इस मामले में हाथरस गेट पुलिस की ओर से जांच चल रही है। परिवार के लोग एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं।
पुलिस की जांच के बीच नगर पालिका के कर्मियों ने रुपयों के लालच में मृतक की मृत्यु तिथि ही बदल दी। प्रकरण में नयागंज स्थित मृतक के अंतिम संस्कार की सामग्री के विक्रेता के यहां से 16 अक्तूबर 2025 की रसीद लाई गई और इसी आधार पर फर्जी फील्ड रिपोर्ट लगाकर पांच नवंबर को मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया। जब यह मामला बाहर आया तो संबंधित कर्मियों में खलबली मच गई।
सूत्रों के अनुसार दलाल के माध्यम से रुपये का लेनदेन होने के बाद पोस्टमार्टम रिपोर्ट व जिला अस्पताल के अभिलेखों की अनदेखी करते हुए यह प्रमाणपत्र जारी कर दिया गया। संवाद
एक दूसरे पर टाला जा रहा मामला
पालिका कर्मी राजीव कुलश्रेष्ठ ने बताया कि वह 24 अक्तूबर को इस पटल से हट चुके हैं। उनके कार्यकाल में कुलदीप का मृत्यु प्रमाणपत्र जारी करने के लिए आवेदन आया था, लेकिन मृत्यु के स्थान में विरोधाभास था। आवेदन में मृत्यु विष्णुपुरी में बताई गई थी, लेकिन पुलिस की रिपोर्ट में बरौली में शव मिलने की सूचना थी, इसलिए उन्होंने प्रमाण पत्र जारी नहीं किया था। इधर, वर्तमान में पटल देख रहीं सफाई निरीक्षक राखी यादव का कहना है कि ऑनलाइन आवेदन आते हैं। उनके चार्ज लेने से पहले ही रिपोर्ट लग गई थी। बाद में ऑनलाइन पत्र जारी हो गया।
इनका कहना है
प्रकरण जानकारी में आया है। मामला गंभीर है। पटल प्रभारी व अन्य संबंधित कर्मियों से स्पष्टीकरण मांगा गया है। कोई दोषी पाया जाता है तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।
-रोहित सिंह, ईओ नगर पालिका, हाथरस