मारा मैदान: देश के टॉप-10 स्टार्टअप में IIT कानपुर का दबदबा; समाज बदलने वाले तीन स्टार्टअप्स को मिला सम्मान
Kanpur News: आईआईटी कानपुर के तीन स्टार्टअप्स (लेबर चौक, एयर्थ और इनक्रिडिबल डिवाइसेस) देश के टॉप-10 में शामिल हुए हैं; संस्थान के 521 स्टार्टअप्स की वैल्यूएशन 12 हजार करोड़ पार कर गई है।
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समाज से जुड़ी समस्याओं का समाधान करने वाले आईआईटी कानपुर के तीन स्टार्टअप ने देश के टॉप 10 स्टार्टअप्स की सूची में स्थान बनाया है। यह सूची द बेटर इंडिया संस्थान की ओर से जारी की गई है। इसमें हवा को शुद्ध करने वाला एयर्थ, रीयूज किए जाने वाले कैथेटर बनाने वाली इनक्रिडिबल डिवाइस और मजदूरों को रोजगार दिलाने वाला लेबर चौक स्टार्टअप शामिल हैं। आईआईटी कानपुर का स्टार्टअप इंक्यूबेशन एंड इनोवेशन सेंटर (एसआईआईसी) स्टार्टअप कैपिटल के रूप में स्थापित हो चुका है। वर्तमान में सेंटर में 521 से अधिक स्टार्टअप कार्यरत हैं, जिनकी कुल वैल्यूएशन लगभग 12 हजार करोड़ रुपये आंकी गई है।
इनमें 150 से अधिक महिला-नेतृत्व वाले स्टार्टअप भी शामिल हैं। एसआईआईसी में सेमीकंडक्टर, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डिफेंस, ड्रोन टेक्नोलॉजी, एग्रीटेक, हार्डवेयर और इलेक्ट्रॉनिक्स, क्लीन एनर्जी, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, एडवांस मैन्युफैक्चरिंग, साइबर सुरक्षा और मेडटेक सेक्टर में काम करने वाले स्टार्टअप शामिल हैं। इस साल तीन स्टार्टअप ने देश भर में नाम रोशन किया है। प्रोफेसर इन चार्ज प्रो. दीपू फिलिप ने कहा कि तीनों स्टार्टअप समाज के बड़े वर्ग के लिए लाभकारी तकनीक विकसित कर रहे हैं और यह आईआईटी कानपुर के लिए गर्व का विषय है।
इन स्टार्टअप का हुआ है चयन
मजदूरों को रोजगार दिलाता लेबर चौक
लेबर चौक स्टार्टअप मजदूरों को उनके ही इलाके में रोजगार दिलाने का काम करता है। फाउंडर चंद्रशेखर मंडल ने बताया कि कोरोना के दौरान इस स्टार्टअप की शुरूआत का ख्याल आया। इसकी मदद से वर्तमान में सवा लाख से अधिक मजदूरों को उनके क्षेत्रों में नौकरियां मिल चुकी हैं। इससे 3000 से अधिक कंपनियां जुड़ी हैं। चंद्रशेखर को इस कार्य के लिए कई पुरस्कारों से भी सम्मानित किया जा चुका है।
एसी की हवा को शुद्ध करेगा एयर्थ
एयर्थ स्टार्टअप के फाउंडर रवि कौशिक ने एसी के साथ इस्तेमाल होने वाला एयर प्यूरीफायर विकसित किया है। यह डिवाइस कमरे की हवा को पीएम-2.5, पीएम-20, माइक्रोबियल बैक्टीरिया, वायरस और कोविड-19 वायरस से भी मुक्त करता है। इसे एसी के ऊपर लगाया जाता है और इसके लिए अतिरिक्त बिजली खर्च नहीं आता। इसकी कीमत भी कम है।
रीयूज होने लगे कैथेटर–इनक्रिडिबल डिवाइस
इनक्रिडिबल डिवाइस के फाउंडर विक्रम गोयल ने सर्जरी में इस्तेमाल होने वाले कैथेटर को रीयूजेबल बनाने वाली मशीन विकसित की है। इसके जरिये 2000 रुपये कीमत वाला कैथेटर अब केवल 10 रुपये में इस्तेमाल किया जा सकता है। कैथेटर बैलून री-प्रोसेसिंग मशीन में एक कैथेटर को 20 बार स्टरलाइज किया जा सकता है। एक मशीन से 90 हजार कैथेटर रीयूज किए जा सकते हैं। यह डिवाइस जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज को भी उपलब्ध कराई गई है।
