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Kanpur: ईपीएफओ ने ईसीआर रिटर्न प्रक्रिया को किया सरल, त्रुटि होने पर तुरंत मिलेगी चेतावनी, ये होंगी सुविधाएं

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, कानपुर Published by: हिमांशु अवस्थी Updated Fri, 03 Oct 2025 01:26 PM IST
सार

Kanpur News: ईपीएफओ ने वेतन माह सितंबर 2025 से नियोक्ताओं के लिए संशोधित ईसीआर प्रणाली लागू की है, जिससे रिटर्न फाइलिंग अधिक सरल और त्रुटिहीन हो जाएगी। इस नई प्रणाली में रिटर्न सबमिशन और भुगतान प्रक्रिया को अलग किया गया है, और गलतियां होने पर ऑटोमैटिक चेतावनी जारी की जाएगी।

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Kanpur EPFO simplifies ECR return process will get immediate alert in case of error these will be facilities
भविष्य निधि आयुक्त कार्यालय में बैठक - फोटो : amar ujala
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वेतन माह सितंबर 2025 से संशोधित ईसीआर प्रणाली लागू की गई है। इससे अनुपालन प्रक्रियां और अधिक पारदर्शी, सरल और त्रुटिहीन होगी। सर्वोदय नगर स्थित क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त कार्यालय में आयोजित बैठक में यह जानकारी अपर केंद्रीय भविष्य निधि आयुक्त उदय बक्शी ने दी। उन्होंने बताया कि ईसीआर एक मासिक रिटर्न है, जिसे हर नियोक्ता ईपीएफओ पोर्टल पर ऑनलाइन भरता है।

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इसमें वह अपने कर्मचारियों के वेतन का विवरण देता है और यह बताता है कि कितना भविष्य निधि और पेंशन अंशदान जमा करता है। इसी जानकारी के आधार पर कर्मचारियों के खाते में भविष्य निधि और पेंशन की राशि जमा होती है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने नियोक्ताओं और प्रतिष्ठानों के लिए ईसीआर रिटर्न दाखिल करने की प्रक्रिया को सरल और त्रुटि रहित बनाने के लिए संशोधित इलेक्ट्रॉनिक चालान-कम-रिटर्न (ईसीआर) सुविधा प्रारंभ की है, जो वेतन माह सितंबर से प्रभावी होगी।

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ईसीआार की मुख्य विशेषताएं

  • संशोधित सुविधा में रिटर्न सबमिशन प्रक्रिया को पेमेंट जेनेरेशन प्रक्रिया से अलग किया गया है। अतः अब, एक बार रिटर्न फाइल हो जाने पर, भुगतान में देरी होने पर भी देय राशि का स्थायी रिकॉर्ड बन जाता है।
  • नियोक्ता सुधारों के लिए तीन प्रकार के रिटर्न दाखिल कर सकते हैं:
  • एक ही रेगुलर रिटर्नः यह हर महीने का मुख्य रिटर्न है। इसमें उस महीने के लिए कंपनी के सभी सक्रिय सदस्यों का विवरण शामिल होना अनिवार्य है। यह प्रक्रिया सुनिश्चित करती है कि सभी कर्मचारियों का अंशदान चालान में जमा हो. क्योंकि अब नियोक्ता को एक महीने के लिए कई चालान बनाने की अनुमति नहीं होगी।
  • सप्लीमेंट्री रिटर्न: यदि कोई नियोक्ता रेगुलर रिटर्न जमा करने और उसे स्वीकृत कराने के बाद किसी नए कर्मचारी को पंजीकृत करता है तो उसे उन नए मदस्यों के लिए इस रिटर्न की सुविधा प्रदान की गई है।
  • रिवाइज्ड रिटर्न: यदि किसी नियोक्ता से रेगुलर या सप्लीमेंट्री रिटर्न में वेतन या अंशदान विवरण जैसी जानकारी दर्ज करने में कोई गलती हो जाती है, तो वह रिवाइज्ड रिटर्न फाइल करके इन गलतियों को सुधार सकता है। यदि संशोधित ईसीआर गलत डाटा प्रविष्टि के मामलों में नियोक्ताओं को स्वतः चेतावनी देगा। उदाहरणस्वरूप, प्रतिष्ठान रिटर्न दाखिल करते समय किसी सक्रिय सदस्य को शामिल करना भूल जाता है. तो सिस्टम रिटर्न को प्रोसेस नहीं करेगा और त्रुटि संदेश प्रदर्शित करेगा। इसी प्रकार जिन कर्मचारियों का वेतन ₹15,000 से अधिक है अथवा जिनकी आयु 58 वर्ष से ऊपर है, वे सामान्यतः पेंशन (ईपीएस) के लिए पात्र नहीं होते-ऐसी स्थिति में भी सिस्टम फाइलिंग से पूर्व चेतावनी जारी करेगा।
  • रिटर्न स्वीकृत होने के बाद, नियोक्ताओं को भुगतान के लिए कई विकल्प प्रदान किए गए हैं इनमें 'फुल पेमेंट' 'पार्ट पेमेंट', और 'केवल प्रशासनिक निरीक्षण शुल्क' या 'विलंब शुल्क' का अलग से भुगतान करने की सुविधा शामिल है।
  • इसमें कर्मचारी भविष्य निधि अधिनियम की धारा 148 एवं 70 के अंतर्गत विलंबित भुगतान पर क्षतिपूर्ति और ब्याज की स्वतः गणना का प्रावधान भी किया गया है। साथ ही, मासिक अंशदान के साथ धारा 70 के अंतर्गत देय ब्याज राशि का भुगतान करना अनिवार्य कर दिया गया है।
  •  हालांकि, वर्तमान ईसीआर प्रारूप में कोई बदलाव नहीं किया गया है। इसलिए नियोक्ताओं को अपने मौजूदा पेरोल प्रणाली में बदलाव करने की आवश्यकता नहीं 

     

नई प्रणाली में सुगम प्रवर्तन के लिए ईपीएफओ के कदम

  • यूजर मैनुअल: ईपीएफओ की आधिकारिक वेबसाइट पर रिवैम्प्ड ईसीआर लिंक के माध्यम से फाइलिंग प्रक्रिया से संबंधित एक उपयोगकर्ता पुस्तिका प्रदान की गई है
  • विशेष वार रूम्स: प्रत्येक क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा विशेष वार रूम्स स्थापित किए जा रहे हैं, जो नियोक्ताओं को नई प्रणाली अपनाने में सहयोग करेंगे।
  • प्रारंभिक छूट: नई प्रणाली अपनाने में सुविधा देने के लिए, पहले चार महीनों तक नियोक्ताओं को यह छूट रहेगी कि वे कुछ सक्रिय सदस्यों के साथ भी रेगुलर रिटर्न फाइल कर सकते हैं, और बाकी सदस्यों को बाद में सप्लीमेंट्री रिटर्न के माध्यम से जोड़ा जा सकेगा।
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