UP: टॉप 10 बकायेदार कारोबारियों की संपत्तियां होंगी कुर्क और अटैच, वैट व जीएसटी का दबाए बैठे हैं 135 करोड़
Kanpur News: एसजीएसटी के अपर आयुक्त (ग्रेड एक, जोन द्वितीय) ने बताया कि वैट और जीएसटी के बकायेदारों पर कार्रवाई करने के निर्देश शासन से हैं। इसी क्रम में आरसी जारी की जा रही है। संपत्ति कुर्क करने और अटैच करने के निर्देश हैं। टॉप 10 बकायेदारों की सूची भी बनाई गई है।

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कानपुर में एसजीएसटी विभाग के प्रमुख सचिव के निर्देश पर कानपुर समेत पूरे प्रदेश में वैट और जीएसटी की बकाया वसूली के लिए अभियान चलाया जा रहा है। अफसरों को रविवार के दिन भी कार्यालय खोलकर बकायेदारों की सूची बनाने और कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं। शहर में भी वैट और जीएसटी के बड़े-बड़े बकायेदाराें की सूची तैयार की गई है। एक हजार के करीब बकायेदार चिन्हित किए गए हैं। इन पर 135 करोड़ की बकायेदारी निकली है।

टॉप 10 बकायेदार की सूची अलग से बनाई गई है। इनकी संपत्ति कुर्क करने और अटैच करने के निर्देश दिए गए हैं। वैल्यू एडेड टैक्स (वैट) बकाये पर विभाग के अफसरों ने एक दिन पहले बड़ी कार्रवाई की थी। 11.90 करोड़ बकायेदारी पर आयरन, स्क्रैप व्यापारी को उनके पिता की फर्म से हिरासत में लेकर 14 दिन की जेल के लिए भेज दिया गया था। बताया गया कि 13 सितंबर को विभाग के प्रमुख सचिव ने सभी जोन की समीक्षा बैठक की थी।
वैट और जीएसटी की कुल बकायेदारी 135 करोड़
इसमें सभी जोन के वैट और जीएसटी के टॉप 10 बकायेदारों की सूची बनाकर उनके खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए थे। शहर में एसजीएसटी विभाग दोनों जोनों में बंटा हुआ है। जोन-1 में वैट और जीएसटी की बकायेदारी 10-10 करोड़ रुपये है। जोन-2 में वैट की बकायेदारी 17 और जीएसटी की बकायेदारी 98 करोड़ रुपये है। दोनों जोनों में वैट और जीएसटी की कुल बकायेदारी 135 करोड़ है। दोनों जोनों में 21 खंड हैं। दरअसल 30 जून 2017 तक प्रदेश में वैट लागू था। एक जुलाई 2017 से जीएसटी लागू कर दिया गया।

संपत्ति कुर्क करने और अटैच करने के निर्देश
अब विभाग पिछले वर्षों के बकाया डिमांड आदेश के आधार पर बकायेदारों पर कार्रवाई कर रहा है। शासन से निर्देश हैं कि सभी बकायेदारों को नोटिस भेजा जाए। डीआरसी तीन जारी की जाए। इसके बाद भी बकाया भुगतान न करने पर उनकी संपत्ति या बैंक खाते अटैच किए जाएं। एसजीएसटी के अपर आयुक्त (ग्रेड एक, जोन द्वितीय) आरएस विद्यार्थी ने बताया कि वैट और जीएसटी के बकायेदारों पर कार्रवाई करने के निर्देश शासन से हैं। इसी क्रम में आरसी जारी की जा रही है। संपत्ति कुर्क करने और अटैच करने के निर्देश हैं। टॉप 10 बकायेदारों की सूची भी बनाई गई है। यदि किसी व्यापारी या उद्यमी ने आरसी जारी होने के बाद बकाया भुगतान किया है तो वह विभाग में इसकी जानकारी दे ताकि उसे संशोधित किया जा सके।
किसी पर 15 लाख तो किसी पर दो करोड़ का बकाया
दोनों जोनों में वैट और जीएसटी के बकायेदारों की सूची में मिठाई, रेस्टाेरेंट, केमिकल, गैस, जर्दा, स्टील, फार्मा, रियल इस्टेट, कृषि से जुड़ी फर्में हैं। एक कार शोरूम संचालक पर दो करोड़ से ज्यादा की जीएसटी बकाया है। स्टील फर्म संचालक पर 15 लाख की बकायेदारी है। मिठाई और रेस्टोरेंट संचालक पर 13 लाख से ज्यादा की वैट की बकायेदारी है।