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यूपी से राजस्थान तक फैला था छैमार गिरोह का आतंक, कई वारदातों को दे चुके हैं अंजाम, दहशत में लोग
यूपी डेस्क, अमर उजाला, कन्नौज
Published by: प्रभापुंज मिश्रा
Updated Tue, 30 Jul 2019 11:13 PM IST
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उत्तर प्रदेश और राजस्थान तक आतंक का पर्याय बने छैमार गिरोह
- फोटो : अमर उजाला
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उत्तर प्रदेश और राजस्थान तक आतंक का पर्याय बने छैमार गिरोह का जिले के इंदरगढ़ थाना क्षेत्र के गांव फकीरपुरा से कनेक्शन निकला है। फकीर समुदाय के इस गांव में कई दिल दहला देने वाली वारदातों की गिरोह ने रूपरेखा तैयार की थी। फर्रुखाबाद की एसओजी टीम ने राजस्थान के भरतपुर जिले की पुलिस के साथ संयुक्त अभियान चलाकर गिरोह के सात खूंखार बदमाशों को दबोच लिया।
इन्होंने कई वारदातों को कबूल किया है। सोमवार देर रात फर्रुखाबाद एसओजी प्रभारी कुलदीप दीक्षित व राजस्थान की भरतपुर पुलिस ने संयुक्त रूप से कंजौली-सेवर रेलवे लाइन भरतपुर के पास से गैंग की घेराबंदी कर सात बदमाशों को दबोच लिया। भरतपुर एसपी हैदर अली जैदी के साथ कुलदीप दीक्षित ने गैंग का खुलासा किया।
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इन्होंने कई वारदातों को कबूल किया है। सोमवार देर रात फर्रुखाबाद एसओजी प्रभारी कुलदीप दीक्षित व राजस्थान की भरतपुर पुलिस ने संयुक्त रूप से कंजौली-सेवर रेलवे लाइन भरतपुर के पास से गैंग की घेराबंदी कर सात बदमाशों को दबोच लिया। भरतपुर एसपी हैदर अली जैदी के साथ कुलदीप दीक्षित ने गैंग का खुलासा किया।
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इस दौरान गैंग के बदमाशों ने भरतपुर के जघीना व टोंटपुर में हत्या व डकैती की सनसनीखेज वारदातों के अलावा साथियों के साथ नाउ का नगला व गुंडवा, डीग, सेवर, उद्योगनर, चिकसाना क्षेत्र में डकैती की दर्जनों वारदातों को अंजाम दिया। इन्होंने मथुरा व आगरा क्षेत्र में भी वारदातें करना कबूल किया है। कुलदीप दीक्षित ने बताया कि हत्या- डकैती की वारदातों के खुलासे के लिए कन्नौज, फर्रुखाबाद, शाहजहांपुर, बरेली, मथुरा, आगरा, टूंडला, सहारनपुर व शिकोहाबाद में कई वारदातों को छैमार गिरोह ने अंजाम दिया। छैमार गिरोह इंदरगढ़ के फकीरपुरवा से प्रदेश के जनपदों में वारदातों को अंजाम देता था। सख्ती पर राजस्थान के जनपदों में डेरा डालकर वारदातों को अंजाम देने शुरू किया था।
डेरा डालकर वारदातों को देते हैं अंजाम
छैमार जाति के घुमक्कड़ लोग गैरराज्यों व गैर जनपदों में गांवों या रेलवे स्टेशन के आसपास डेरा जमाकर ठिकाना बनाते हैं। दिन में भीख मांगने के बहाने अपराध करने के लिए घरों को चिह्नित करते हैं। घटना के आसपास के कस्बा तक बस व ट्रेन से पहुंच जाते हैं। आरी, छेनी, टॉर्च, शराब व खाना लेकर टारगेट के पास सूने खेतों व जंगल में छुपकर बैठ जाते हैं। वहीं डंडे आदि काटकर हथियार तैयार करते हैं। देवी की आराधना कर शराब का भोग लगाते हैं। कपडे़ व जूते वहीं उतारकर शरीर में चिकनाई लगाकर कच्छा बनियान में चिह्नित घरों पर पहुंचते हैं। डंडा लेकर घर के सदस्यों के सिरहाने खडे़ हो जाते हैं। गैंग के कुछ सदस्य घर की तलाशी लेते हैं। कीमती जेवर व नगदी लूट लेते हैं।
डेरा डालकर वारदातों को देते हैं अंजाम
छैमार जाति के घुमक्कड़ लोग गैरराज्यों व गैर जनपदों में गांवों या रेलवे स्टेशन के आसपास डेरा जमाकर ठिकाना बनाते हैं। दिन में भीख मांगने के बहाने अपराध करने के लिए घरों को चिह्नित करते हैं। घटना के आसपास के कस्बा तक बस व ट्रेन से पहुंच जाते हैं। आरी, छेनी, टॉर्च, शराब व खाना लेकर टारगेट के पास सूने खेतों व जंगल में छुपकर बैठ जाते हैं। वहीं डंडे आदि काटकर हथियार तैयार करते हैं। देवी की आराधना कर शराब का भोग लगाते हैं। कपडे़ व जूते वहीं उतारकर शरीर में चिकनाई लगाकर कच्छा बनियान में चिह्नित घरों पर पहुंचते हैं। डंडा लेकर घर के सदस्यों के सिरहाने खडे़ हो जाते हैं। गैंग के कुछ सदस्य घर की तलाशी लेते हैं। कीमती जेवर व नगदी लूट लेते हैं।
इसलिए गिरोह का नाम पड़ा छैमार
छैमार गिरोह कच्चा-बनियान और बाबरिया गिरोह की तरह वारदातों को अंजाम देता है। अन्य गिरोह की तरह इनके भी अपने कायदे हैं। गिरोह का सरदार वह बदमाश बनता है जो कम से कम 6 लोगों की हत्या कर चुका हो। इसलिए इस गिरोह को छैमार कहते हैं। इस गिरोह में फकीर समुदाय के लोग शामिल होते हैं।
बाबरिया गैंग से अलग होकर अजमल ने बनाया गिरोह
इंदरगढ़ के फकीरपुरवा निवासी अजमल शाह अपराध की दुनिया में किशोरावस्था से सक्रिय है। 2013 से वह बाबरिया गिरोह के सरगना तिर्वा कोतवाली के रामपुर बिनौरा के जोगिन डेरा में रहने वाले सलीम बाबरिया, जुबैर उर्फ परवेज के साथ वारदातों को अंजाम दे रहा था। अगस्त 2016 में बुलंदशहर में चर्चित गैंगरेप में बाबरिया गिरोह के बदमाशों की गिरफ्तारी हो गई। इसके बाद अजमल ने फकीर समुदाय के लोगों को जोड़ कर छैमार गिरोह बनाया। मौजूदा समय में छैमार गिरोह के सदस्यों पर करीब 60 डकैती, हत्या और लूटपाट के मामले दर्ज हैं।
पकड़े गए बदमाश
1. अजमल शाह पुत्र नासिर (25) निवासी फकीरपुरा, थाना इंदरगढ, कन्नौज।
2. आरिफ पुत्र वकार (25) निवासी भोजपुर, थाना भोजपुर, मुरादाबाद।
3. नाजिम पुत्र हारुन (25) निवासी सिरौली, थाना सिरौली, जिला बरेली।
4. हारुन पुत्र निजामुद्दीन (45) निवासी पतौंजा, थाना जहानगंज, जिला फर्रुखाबाद।
5. ईसुब पुत्र नूर मोहम्मद (50) निवासी मकनपुर, थाना भल्लावर, जिला कानपुर।
6. नदीम पुत्र मोहम्मद इकराम (19) निवासी भोजपुर, थाना भोजपुर, जिला मुरादाबाद
7. नाजिम पुत्र हामिद (28) निवासी उसैद,थाना उसैद, जिला बदायूं।
फोटो 26- खुलासे के दौरान भरतपुर एसपी हैदर अली के साथ फर्रुखाबाद एसओजी टीम प्रभारी कुलदीप दीक्षित।
छैमार गिरोह कच्चा-बनियान और बाबरिया गिरोह की तरह वारदातों को अंजाम देता है। अन्य गिरोह की तरह इनके भी अपने कायदे हैं। गिरोह का सरदार वह बदमाश बनता है जो कम से कम 6 लोगों की हत्या कर चुका हो। इसलिए इस गिरोह को छैमार कहते हैं। इस गिरोह में फकीर समुदाय के लोग शामिल होते हैं।
बाबरिया गैंग से अलग होकर अजमल ने बनाया गिरोह
इंदरगढ़ के फकीरपुरवा निवासी अजमल शाह अपराध की दुनिया में किशोरावस्था से सक्रिय है। 2013 से वह बाबरिया गिरोह के सरगना तिर्वा कोतवाली के रामपुर बिनौरा के जोगिन डेरा में रहने वाले सलीम बाबरिया, जुबैर उर्फ परवेज के साथ वारदातों को अंजाम दे रहा था। अगस्त 2016 में बुलंदशहर में चर्चित गैंगरेप में बाबरिया गिरोह के बदमाशों की गिरफ्तारी हो गई। इसके बाद अजमल ने फकीर समुदाय के लोगों को जोड़ कर छैमार गिरोह बनाया। मौजूदा समय में छैमार गिरोह के सदस्यों पर करीब 60 डकैती, हत्या और लूटपाट के मामले दर्ज हैं।
पकड़े गए बदमाश
1. अजमल शाह पुत्र नासिर (25) निवासी फकीरपुरा, थाना इंदरगढ, कन्नौज।
2. आरिफ पुत्र वकार (25) निवासी भोजपुर, थाना भोजपुर, मुरादाबाद।
3. नाजिम पुत्र हारुन (25) निवासी सिरौली, थाना सिरौली, जिला बरेली।
4. हारुन पुत्र निजामुद्दीन (45) निवासी पतौंजा, थाना जहानगंज, जिला फर्रुखाबाद।
5. ईसुब पुत्र नूर मोहम्मद (50) निवासी मकनपुर, थाना भल्लावर, जिला कानपुर।
6. नदीम पुत्र मोहम्मद इकराम (19) निवासी भोजपुर, थाना भोजपुर, जिला मुरादाबाद
7. नाजिम पुत्र हामिद (28) निवासी उसैद,थाना उसैद, जिला बदायूं।
फोटो 26- खुलासे के दौरान भरतपुर एसपी हैदर अली के साथ फर्रुखाबाद एसओजी टीम प्रभारी कुलदीप दीक्षित।