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चोटी कटने जैसी ‘अंधविश्वास की घटनाओं का सच’, कहीं आप भी तो ऐसा नहीं सोचते?

मनोज चौरसिया/गौरव शुक्ला, अमर उजाला, कानपुर Updated Sun, 06 Aug 2017 10:15 AM IST
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Truth of superstition events
डेमो पिक
अंधविश्वास दिमाग में कैसे घर बना लेता है इसे समझना कोई बड़ी बात नहीं है। इन दिनों राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली और अब यूपी में चोटी और बाल कटने की तमाम घटनाएं सामने आ रही हैं। एक तरफ लोग दहशत के मारे कुछ बोलने तक को तैयार नहीं हैं तो दूसरी ओर ऐसे लोग खूब मजा ले रहे हैं जिनका मकसद केवल लोगों को परेशान करना होता है। आज हम आपको ‘अंधविश्वास की घटनाओं का सच’ उजागर करेंगे।

आखिर ये अंधविश्वास इतनी जल्दी फैल कैसे जाता है इसके बारे में बता रहे हैं जाने-माने कानपुर के साइकलॉजिस्ट डॉ. उन्नति कुमार....
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डॉ. उन्नति कुमार ने बताया कि मानव दिमाग जहां तक जानता है उसके आगे जानने की हमेशा सोचता रहता है। यही नहीं मानव दिमाग अनंत से आगे तक सोचना चाहता है। अगर इंसान अंतरिक्ष जान गया है तो उसके आगे क्या है ये भी जाना चाहता है। हर कोई शून्य को भरने की कोशिश करता रहता है। अगर किसी के बाल काटे जा रहे हैं तो हर कोई इसके आगे की सच्चाई और हकीकत जानना चाहता है। इंसान इमोशन, नॉलेज, थॉट और पर्सेप्शन यानी सोच और भावना से अपने ज्ञान रूपी शून्य को हमेशा भरना चाहता है। जो वह महसूस करता है देखता है फिर वही आगे चलकर डर का रूप ले लेता है।
 
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चोटी कटने की घटना जिसे लोग ऊपरी चक्कर मानते हैं डॉक्टर इसे मास हिस्टीरिया कहते हैं। मन में असुरक्षा की भावना डर और अंधविश्वास को जन्म देती है। जिनका साइकलॉजिकल प्रोफाइल होता है वही ऐसा ज्यादा करते हैं। हाल ही में कानपुर देहात की एक लड़की के बाल कट गए जिसके बाद वह बेहोश होकर गिर गई। इस केस की गहनता से छानबीन पर ये बात सामने आ जाएगी कि लड़की के मन में कहीं न कहीं असुरक्षा की भावना रही होगी। जो लोग ऐसा सोचते हैं कि मेरे साथ हमेशा गलत ही होता है ऐसे लोगों के पेट में दर्द बना रहता है लेकिन जांच में कुछ भी नहीं निकलता। जादू-टोना टुटका जहां ज्यादा होता है वहीं ऐसे केसेस ज्यादा आते हैं।
 
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तांत्रिकों के कहने पर ये सब भी हो रहा
चोटी काटने की घटना से बचने के लिए लोग तरह-तरह के उपाय कर रहे हैं। कई इलाकों में महिलाएं अपनी चोटी को पन्नी से ढक कर बाहर निकल रही हैं। इसके साथ ही लोग घर के बाहर दरवाजे पर मेंहदी लग रहे हैं। वहीं कुछ महिलाएं नीम के पत्ते लेकर टहल रही है, ताकि चोटी काटने वाले गिरोह से बच सकें। लोगों का मानना है इन सब टोटकों से चोटी काटने वाले पास नहीं आते हैं। एक महिला के मुताबिक उसने बिल्ली की तरह कोई जानवर देखा। तभी अचानक उसके सामने कुछ हुआ और वो बेहोश होकर फर्श पर गिर गई। इसके बाद जब उसे होश आया तो उसकी चोटी जमीन पर पड़ी थी। वहीं कई मामले में चोटी कटने की घटना के बाद महिलाओं की तबीयत बिगड़ गई। कई महिलाएं तो डॉक्टर के पास इलाज करवा रही हैं तो कई लोग इस समस्या से निजात पाने के लिए तांत्रिकों का सहारा ले रहीं हैं। तांत्रिक पूजा-पाठ के बहाने अच्छी खासी रकम वसूल कर रहे हैं।

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ऐसे होगा इस अंधविश्वास का अंत
शुरुआत में मास हिस्टीरिया जैसे मामले तेजी से बढ़ने के बाद एकदम से घटना शुरू हो जाएंगे। ये भी सामने आएगा कि ऐसे मामलों पर लोग ध्यान देना छोड़ देंगे। 
 
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