UP: मजदूर के नाम पर नौ करोड़ का धंधा, दो जिलों में खोली गई बोगस ट्रेडिंग कंपनी, आयकर के झमेले में फंसा बेचारा
खीरी टाउन के निवासी सईद के नाम जो नोटिस आया है, वह उनके दस्तावेजों को लगाकर बनाई गई कंपनी के वर्ष 2020-21 के नौ करोड़ 30 लाख रुपये के टर्नओवर को लेकर है। दरअसल विशेषज्ञों ने नोटिस के आधार पर बताया कि इस कंपनी का जो पूर्व में जीएसटी रिटर्न दाखिल किया गया था, उसमें दिखाए गए टर्नओवर के आधार पर सूचना आयकर विभाग को गई।
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खुद की शून्य आय वाला मजदूर सईद करोड़ों रुपये के आयकर के झमेले में फंस गया। कटरा मोहल्ले की एक झोंपड़ी में रहने वाले सईद के पैनकार्ड और अन्य कागजातों से जालसाजों ने एक ट्रेडिंग कंपनी बना एक वर्ष में 9.30 करोड़ का धंधा कर डाला। अब आयकर विभाग ने नोटिस देकर पूछा है कि उसने इतनी बड़ी रकम का आयकर रिटर्न क्यों नहीं दाखिल किया।
नोटिस मिलने के बाद सईद ने खुद ही पड़ताल की तो पता चला कि उसके नाम पर बहराइच के मिहिपुरवा उर्रा में एक ट्रेडिंग कंपनी खोलने वालों ने उसे फंसाया। सईद के मुताबिक वे कौन लोग हैं, यह वह नहीं जानता। सईद का कहना है कि उसने कभी किसी को अपना आधार, पैन, मोबाइल नंबर सहित कोई भी कागजात नहीं दिए।
सन ट्रेडिंग नाम की कंपनी बहराइच के अलावा सीतापुर के खैराबाद में जमैतापुर में भी कुछ दिनों चली। बाद में दोनों जगह से अचानक बंद हो गई। जालसाजों ने वर्ष 2020-21 में नौ करोड़ 30 लाख रुपये का टर्नओवर दिखाते हुए जीएसटी रिटर्न दाखिल किया था।
वहीं से मिली सूचना के आधार पर करीब पांच माह पहले आयकर विभाग ने सईद को नोटिस भेजा। सईद इस जालसाजी का पता लगाने में लगा रहा और जवाब न देने पर एक जुलाई को विभाग ने दोबारा नोटिस भेज दिया। दोबारा एक जुलाई को उसके पास एक और नोटिस आ गया है। विभाग की ओर से मिली करोड़ों की नोटिस देखकर सईद परेशान है।
फर्जी दस्तावेजों से बनाई गई कंपनी से भरा गया जीएसटी
सईद ने बताया कि उसने जानकारी करवाई तो पता चला कि कंपनी 2019-20 में जीएसटी भी भर चुकी है और 17 मई 2021 को बंद भी हो गई। अब सवाल यह उठता है कि मजदूर पेशा व्यक्ति का मोबाइल नंबर, आधार और पैन कार्ड कैसे किसने इस्तेमाल कर इतनी बड़ी कंपनी खोली और इसको पता भी नहीं चल सका। फिलहाल इस मामले में सईद ने अभी तक कहीं शिकायत नहीं की है। मामला क्षेत्र में चर्चा का विषय बना है।
खीरी टाउन के निवासी सईद के नाम जो नोटिस आया है, वह उनके दस्तावेजों को लगाकर बनाई गई कंपनी के वर्ष 2020-21 के नौ करोड़ 30 लाख रुपये के टर्नओवर को लेकर है। दरअसल विशेषज्ञों ने नोटिस के आधार पर बताया कि इस कंपनी का जो पूर्व में जीएसटी रिटर्न दाखिल किया गया था, उसमें दिखाए गए टर्नओवर के आधार पर सूचना आयकर विभाग को गई। चूंकि इस टर्नओवर के व्यापार से जो आय हुई, उसका आयकर रिटर्न दाखिल नहीं किया गया, इसी कारण नोटिस आया है।