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Lakhimpur Kheri News: बंदरों की बढ़ती संख्या से लोग परेशान
संवाद न्यूज एजेंसी, लखीमपुर खीरी
Updated Sun, 21 Dec 2025 11:35 PM IST
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छत पर बैठे बंदर। संवाद
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उचौलिया। बंदरों की बढ़ती आबादी से कस्बे के लोग परेशान हैं। बंदर घरों के आस-पास और छतों पर डेरा डाले रहते हैं। इससे लोगों का घर से निकलना मुश्किल हो रहा है। बंदरों से निजात दिलाने की जिम्मेदारी को वन विभाग और ग्राम पंचायत एक दूसरे के पाले में गेंद डाल रहे हैं।
कस्बा में सैकड़ों की संख्या में बंदर हो गए हैं। इनकी संख्या में इजाफा हो रहा है। कस्बा में मकानों पर बंदर डेरा डाले रहते हैं, जिससे लोगों का जीना मुहाल हो गया है। अनेक ग्रामीणों के घर खुले बने हैं। बंदर घर में घुसकर पलक झपकते ही खाने पीने का सामान और कपड़े उठा ले जाते हैं। घर की छतों पर दिन रात लड़ते हैं। कड़ाके की सर्दी में लोग धूप निकलने पर डर के मारे छत पर भी नहीं जा पा रहे हैं।
ग्राम पंचायत का कहना है कि इसके लिये उसके पास न बजट है और ना संसाधन। इस संबंध में वन दरोगा अखिलेश सिंह ने बताया कि लाल मुंह वाले बंदर वन विभाग की अनुसूची से बाहर कर दिये गये हैं। इनको पकड़वाने की जिम्मेदारी ग्राम पंचायत की है। ग्राम प्रधान इंद्रपाल का कहना है कि उनके पास बंदर पकड़वाने का कोई संसाधन नहीं है।
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कस्बा में सैकड़ों की संख्या में बंदर हो गए हैं। इनकी संख्या में इजाफा हो रहा है। कस्बा में मकानों पर बंदर डेरा डाले रहते हैं, जिससे लोगों का जीना मुहाल हो गया है। अनेक ग्रामीणों के घर खुले बने हैं। बंदर घर में घुसकर पलक झपकते ही खाने पीने का सामान और कपड़े उठा ले जाते हैं। घर की छतों पर दिन रात लड़ते हैं। कड़ाके की सर्दी में लोग धूप निकलने पर डर के मारे छत पर भी नहीं जा पा रहे हैं।
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ग्राम पंचायत का कहना है कि इसके लिये उसके पास न बजट है और ना संसाधन। इस संबंध में वन दरोगा अखिलेश सिंह ने बताया कि लाल मुंह वाले बंदर वन विभाग की अनुसूची से बाहर कर दिये गये हैं। इनको पकड़वाने की जिम्मेदारी ग्राम पंचायत की है। ग्राम प्रधान इंद्रपाल का कहना है कि उनके पास बंदर पकड़वाने का कोई संसाधन नहीं है।
