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Lalitpur News: सीटी स्कैन मशीन खराब बिना जांच के लाैटे मरीज
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संवाद न्यूज एजेंसी
ललितपुर। मेडिकल कॉलेज में बेहतर सुविधाएं मुहैया कराने का दावा किया जा रहा है लेकिन विभागीय अनदेखी के चलते लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यहां एक पखवारे पहले सीटी स्कैन मशीन खराब हो गई थी, जो ठीक नहीं हो सकी है। जांच के लिए आ रहे मरीज निराश होकर लौट रहे हैं। अब तक 500 मरीज जांच से वंचित हो चुके हैं।
मेडिकल कॉलेज में स्थित सीटी स्कैन मशीन 30 नवंबर को खराब हो गई थी। इसके बाद जांच की गई, जिसमें मदरबोर्ड खराब पाया गया। तब से अब तक 15 दिन का समय बीत जाने के बाद भी मशीन ठीक नहीं हो सकी है।
ऐसे में दुर्घटना में सिर में चोट लगने, माइनर फ्रैक्चर, फेफड़ों की समस्या, सांस लेने में तकलीफ व पेट से जुड़ी अन्य मरीजों को जांच के लिए संकट हो गया है। जांच के अभाव में मरीजों को समुचित उपचार नहीं मिल पा रहा है।
मरीज जांच के लिए पहुंच रहे हैं, लेकिन मशीन खराब होने की जानकारी मिलने के बाद लाैट रहे हैं। विभागीय आंकड़ों के अनुसार प्रतिदिन 40 से 45 मरीजों की सीटी स्कैन जांच होती है। इस तरह से 15 दिन में लगभग 500 से अधिक मरीज बिना जांच के वापस हो चुके हैं। ऐसे में मरीजों को बाहर निजी केंद्रों पर जांच कराना पड़ रहा है। यहां पर दो हजार से लेकर छह हजार रुपये तक खर्च करना पड़ रहा है। इससे निर्धन मरीजों को जांच का संकट हो गया है।
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ललितपुर। मेडिकल कॉलेज में बेहतर सुविधाएं मुहैया कराने का दावा किया जा रहा है लेकिन विभागीय अनदेखी के चलते लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। यहां एक पखवारे पहले सीटी स्कैन मशीन खराब हो गई थी, जो ठीक नहीं हो सकी है। जांच के लिए आ रहे मरीज निराश होकर लौट रहे हैं। अब तक 500 मरीज जांच से वंचित हो चुके हैं।
मेडिकल कॉलेज में स्थित सीटी स्कैन मशीन 30 नवंबर को खराब हो गई थी। इसके बाद जांच की गई, जिसमें मदरबोर्ड खराब पाया गया। तब से अब तक 15 दिन का समय बीत जाने के बाद भी मशीन ठीक नहीं हो सकी है।
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ऐसे में दुर्घटना में सिर में चोट लगने, माइनर फ्रैक्चर, फेफड़ों की समस्या, सांस लेने में तकलीफ व पेट से जुड़ी अन्य मरीजों को जांच के लिए संकट हो गया है। जांच के अभाव में मरीजों को समुचित उपचार नहीं मिल पा रहा है।
मरीज जांच के लिए पहुंच रहे हैं, लेकिन मशीन खराब होने की जानकारी मिलने के बाद लाैट रहे हैं। विभागीय आंकड़ों के अनुसार प्रतिदिन 40 से 45 मरीजों की सीटी स्कैन जांच होती है। इस तरह से 15 दिन में लगभग 500 से अधिक मरीज बिना जांच के वापस हो चुके हैं। ऐसे में मरीजों को बाहर निजी केंद्रों पर जांच कराना पड़ रहा है। यहां पर दो हजार से लेकर छह हजार रुपये तक खर्च करना पड़ रहा है। इससे निर्धन मरीजों को जांच का संकट हो गया है।
