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Meerut: विहिप के अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष बोले- शिक्षित युवक भी जिहाद से जुड़कर चल रहे आतंकवाद की राह पर
अमर उजाला नेटवर्क, मेरठ
Published by: मोहम्मद मुस्तकीम
Updated Sat, 20 Dec 2025 12:03 AM IST
सार
हस्तिनापुर में विहिप के बड़े आयोजन का शुक्रवार को समापन हो गया। अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार ने दिल्ली बम विस्फोट से लेकर एसआईआर, तमिलनाडु के मंदिरों समेत अन्य मुद्दों पर बात की।
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मीडिया से बात करते विहिप के पदाधिकारी।
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
विश्व हिंदू परिषद (विहिप) की हस्तिनापुर में आयोजित प्रन्यासी मंडल की तीन दिवसीय बैठक के समापन पर अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार ने जिहाद, आतंकवाद, मंदिरों की स्थिति और सामाजिक मुद्दों को लेकर व्यापक चिंता जताई।
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प्रेसवार्ता में उन्होंने कहा कि जिहाद के नाम पर आतंक फैलाने वाले लोग अनपढ़ नहीं हैं, बल्कि उनमें इंजीनियर और चिकित्सक जैसे शिक्षित लोग भी शामिल हैं। दिल्ली में हुए बम विस्फोट का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि जिहाद को धर्म से जोड़कर एक अलग विचारधारा विकसित कर दी गई है, जिसे जन्नत का मार्ग बताकर युवाओं को गुमराह किया जा रहा है। ऐसे में अब समय आ गया है कि इसका जवाब वैचारिक युद्ध के माध्यम से दिया जाए।
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आलोक कुमार ने बताया कि 17 से 19 दिसंबर तक चली बैठक में धार्मिक अल्पसंख्यक की परिभाषा, जिहाद, मंदिर मुक्ति आंदोलन, ‘हर जुबान पर हो वंदे मातरम्’ अभियान और तमिलनाडु के मंदिरों से जुड़े मामलों पर विस्तार से चर्चा हुई।
उन्होंने कहा कि देश में अल्पसंख्यक शब्द का प्रयोग दो समुदायों के आधार पर किया जा रहा है, जबकि इतिहास में इन्हीं समुदायों ने लंबे समय तक शासन किया है, इसलिए इस पर पुनर्विचार की आवश्यकता है। उन्होंने तमिलनाडु में मंदिरों से जुड़े मामलों का उल्लेख करते हुए कहा कि न्यायालय के आदेशों के बाद भी कई स्थानों पर समाधान नहीं निकल पा रहा है।
विहिप की ओर से देशवासियों से आह्वान किया गया है कि प्रत्येक सामाजिक और सार्वजनिक कार्यक्रम में वंदे मातरम् का गायन किया जाए। एसआईआर प्रकरण पर टिप्पणी को उन्होंने अनुचित बताते हुए कहा कि इससे मतदाता सूची शुद्ध होगी। साथ ही उन्होंने पश्चिम बंगाल में बड़ी संख्या में बांग्लादेशी मुसलमानों के रह रहे होने का भी दावा किया। प्रेसवार्ता में अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख एवं केंद्रीय सह मंत्री विजय शंकर तिवारी और राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल भी मौजूद रहे।
मंदिर, परंपरा और समाज पर विहिप का पक्ष
आलोक कुमार ने कहा कि हिंदू मंदिरों को सरकार के नियंत्रण से बाहर किया जाना चाहिए और मंदिरों में आने वाली दान राशि का उपयोग हिंदू समाज के कल्याण में ही हो। उन्होंने सवाल उठाया कि जब अन्य समुदायों के धार्मिक स्थलों में सरकारी हस्तक्षेप नहीं होता, तो हिंदू मंदिरों में क्यों होता है।
आलोक कुमार ने कहा कि हिंदू मंदिरों को सरकार के नियंत्रण से बाहर किया जाना चाहिए और मंदिरों में आने वाली दान राशि का उपयोग हिंदू समाज के कल्याण में ही हो। उन्होंने सवाल उठाया कि जब अन्य समुदायों के धार्मिक स्थलों में सरकारी हस्तक्षेप नहीं होता, तो हिंदू मंदिरों में क्यों होता है।
काशी और मथुरा को लेकर उन्होंने कहा कि इन्हें भी न्याय मिलेगा, क्योंकि तथ्य और तर्क हिंदू पक्ष में हैं। मृत देह के अंतिम संस्कार को लेकर दिए गए बयान में उन्होंने कहा कि पंचतत्व से बनी देह को अग्नि को समर्पित करना वैज्ञानिक है। वहीं बुर्का प्रथा को महिलाओं के साथ अन्याय बताते हुए उन्होंने कहा कि पर्दा प्रथा के खिलाफ लंबा संघर्ष चला है और महिलाओं को समान अधिकार मिलने चाहिए। साथ ही कम उम्र में विवाह और धर्मांतरण जैसे मुद्दों पर भी सवाल उठाए।
बुर्का प्रथा महिलाओं पर अन्याय
अध्यक्ष ने कहा कि पर्दा प्रथा खत्म करने के लिए लंबा युद्ध चला। हिंदू महिलाएं अब खुलकर सांस ले पाती हैं। बुर्का प्रथा महिलाओं पर अन्याय है। भारत में अनेक धर्म के लोग धर्मांतरण कराते हैं। इस पर सवाल पूछना होगा। सात वर्ष, 12 वर्ष की आयु में शादी कर दी जाती है। 18 साल का तो कानून ही बना हुआ है।
अध्यक्ष ने कहा कि पर्दा प्रथा खत्म करने के लिए लंबा युद्ध चला। हिंदू महिलाएं अब खुलकर सांस ले पाती हैं। बुर्का प्रथा महिलाओं पर अन्याय है। भारत में अनेक धर्म के लोग धर्मांतरण कराते हैं। इस पर सवाल पूछना होगा। सात वर्ष, 12 वर्ष की आयु में शादी कर दी जाती है। 18 साल का तो कानून ही बना हुआ है।
