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स्वास्थ्य से खिलवाड़: इंचार्ज रहते हैं सीएचसी पर, लावड़ PHC में चपरासी और नर्स मरीजों को दे रहे दवा

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मेरठ Published by: डिंपल सिरोही Updated Wed, 10 Dec 2025 02:20 PM IST
सार

लावड़ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में फार्मासिस्ट न होने से मरीजों को चपरासी और नर्स दवा दे रहे हैं। इंचार्ज डॉक्टर पीएचसी के बजाय सीएचसी पर तैनात हैं, जबकि महिला डॉक्टर पद तीन वर्ष से खाली है। 60 हजार आबादी केवल एक सहायक चिकित्सक के भरोसे।

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Peon and Staff Nurse Dispensing Medicines at Lawar PHC; No Pharmacist, No Lady Doctor for 3 Years
लावड़ पीएचसी, मेरठ - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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मेरठ के लावड़ प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लावड़ पर फार्मासिस्ट की तैनाती नहीं है। यहां आने वाले मरीजों को पर्चे पर जो दवाई लिखी जाती है उसे चपरासी और स्टाफ नर्स देते हैं। आलम यह है कि पीएचसी के इंचार्ज भी पीएचसी पर आने के बजाए सीएचसी पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इस कारण लावड़ कस्बे के साथ लगभग एक दर्जन गांव के मरीजों की जिम्मेदारी सहायक चिकित्सक पर ही है। यदि वह छुट्टी पर चले जाते हैं तो मरीज रामभरोसे रहते हैं। 

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पीएचसी लावड़ में इंचार्ज समेत तीन चिकित्सकों की जरूरत है। इनमें एक सहायक चिकित्सक व एक महिला चिकित्सक है। वर्तमान में पीएचसी सहायक चिकित्सक डॉ. रविंद्र बमानिया के भरोसे चल रही है। पीएचसी के इंचार्ज डॉ. लव कपिल सीएचसी पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं। 
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फार्मासिस्ट का स्थानांतरण होने के बाद यहां दूसरे फार्मासिस्ट की तैनाती नहीं की गई है। इस कारण यहां चपरासी आमिर व स्टाफ नर्स ही मरीजों की पर्ची बनाने के साथ पर्चे पर लिखी जाने वाले दवाई देती हैं। लावड़ व एक दर्जन गांवों की लगभग 60 हजार जनसंख्या है। पीएचसी पर प्रतिदिन 80 से 90 मरीज आते हैं। 

आवास हैं पर नहीं रुकता स्टाफ
कस्बे व आसपास के ग्रामीणों को पीएचसी में ही रात के समय आपातकाल सेवा मिले, इसके लिए वर्षों पहले आवास बनाए गए थे। आलम यह है कि आज तक आवास में कोई स्टाफ नहीं रुका। इस कारण यह आवास खंडहर में तब्दील हो रहे हैं। रात में आपातकाल सेवा के लिए मरीजों को सीएचसी दौराला के भरोसे ही रहना पड़ता है। 

Peon and Staff Nurse Dispensing Medicines at Lawar PHC; No Pharmacist, No Lady Doctor for 3 Years
लावड़ पीएचसी, मेरठ - फोटो : अमर उजाला

बैठने लगा पीएचसी का फर्श
पीएचसी परिसर मुख्य सड़क से गहराई में है। इस कारण बरसात में नाले का पानी पीएचसी में भर जाता है और उस समय मरीजों और स्टाफ को सबसे अधिक परेशानी उठानी पड़ती है। चिकित्सक डॉ. रविंद्र ने बताया कि लैब का फर्श पूरी तरह बैठ चुका है और अन्य कमरों के फर्श भी बैठने लगे हैं। इसके अलावा पीएचसी में पेयजल की कोई व्यवस्था नहीं है जबकि पीएचसी परिसर में ही कस्बे को पानी की सप्लाई करने लिए ओवरहेड टैंक बना हुआ है।  

तीन साल से नहीं महिला चिकित्सक
पीएचसी पर तैनात महिला चिकित्सक डॉ. रंजना का लगभग तीन साल पहले स्थानांतरण हो गया था। उनके स्थानांतरण के बाद यहां किसी महिला चिकित्सक की तैनाती नहीं की गई, जिस कारण गर्भवती महिलाओं को प्रसव के लिए सीएचसी दौराला पर जाना पड़ता है।

ग्रामीण क्षेत्र की गर्भवती महिलाओं को सबसे अधिक परेशानी उठानी पड़ती है। रात में वाहन न चलने के कारण उन्हें घंटों एंबुलेंस का इंतजार करना पड़ता है। कस्बे से सीएचसी की दूरी लगभग सात किमी है, जबकि गांवों से सीएचसी की दूरी 10 से 12 किमी तक है।

Peon and Staff Nurse Dispensing Medicines at Lawar PHC; No Pharmacist, No Lady Doctor for 3 Years
लावड़ पीएचसी, मेरठ - फोटो : अमर उजाला
क्या कहते हैं लोग
आवास को दोबारा बनाया जाना चाहिए और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को सख्ती से स्टाफ को यहां रुकने के लिए कहना चाहिए ताकि लोगों को रात में भी सेवाएं मिल सकें। जल्द ही फार्मासिस्ट की भी तैनाती हो। -सैय्यद साहिब रजा, स्थानीय निवासी

पीएचसी पर महिला चिकित्सक के न होने से गर्भवती महिलाओं को परेशानी उठानी पड़ती है। जल्द महिला चिकित्सक की तैनाती होनी चाहिए ताकि समय से उपचार मिलने पर जच्चा और बच्चा दोनों स्वस्थ रहें।  -हाजी जावेद, स्थानीय निवासी

चिकित्सकों की कमी के चलते डॉ. लव कपिल सीएचसी पर रात में आपातकाल सेवाएं देते हैं। उनका 24 घंटे का अवकाश रहता है। इस कारण वह लावड़ पीएचसी पर नहीं जा पाते। फार्मासिस्ट व महिला चिकित्सक की कमी होने के चलते तैनाती नहीं हो पा रही है।   -डॉ. सचिन, प्रभारी, सीएचसी, दौराला
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