मुरादाबाद: घर के बाहर खेल रही सपा नेता की पोती को कार ने रौंदा, मौके पर मौत, भाग रहे चालक को लोगों ने पीटा
पाकबड़ा में सपा नेता की पोती को कार चालक ने राैंद दिया। इसके बाद वह माैके से भाग निकला। आसपास के लोगों ने पीछा कर आरोपी चालक को पकड़ लिया। इसके बाद उसकी पिटाई कर पुलिस को साैंप दिया।
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करनपुर गांव स्थित घर के बाहर सोमवार दोपहर खेल रही सपा नेता राबुल पाशा की पोती को कार ने रौंद दिया। बच्ची की मौके पर मौत हो गई। हादसा के बाद भाग रहे कार चालक को ग्रामीणों ने घेरकर पकड़ लिया। गु्स्साए लोगों ने चालक को पीटकर उसे पुलिस को सौंप दिया।
करनपुर गांव निवासी सपा नेता राबुल पाशा की डेढ़ साल की पोती आयशा अन्य बच्चों के साथ सोमवार की दोपहर घर के सामने खेल रही थी। इसी समय तेज रफ्तार कार ने आयशा को रौंद दिया। हादसे के बाद चालक ने कार नहीं रोकी और आगे बढ़ गया।
अन्य बच्चों के चीखने-चिल्लाने पर परिजनों ने तत्काल कार चालक का पीछा किया लेकिन वह आंखों से ओझल हो चुका था। मौके पर मासूम की मौत हो चुकी थी। इस हृदय विदारक घटना को देखकर परिवार में मातम छा गया।
बच्ची के मौत की जानकारी मिलते ही ग्रामीणों ने पीछा कर कार चालक को पकड़ लिया। गुस्साए लोगों ने की उसकी जमकर पिटाई की। इस बीच सपा नेता ने मौके पर पहुंच कर कार चालक को ग्रामीणों ने मुक्त कराया और घटना की सूचना पुलिस को दी।
सपा नेता ने कार के साथ चालक को पुलिस को सुपुर्द कर दिया। मासूम की मौत से गुस्साए परिजनों और ग्रामीणों को पुलिस ने काफी समझा-बुझाकर शांत किया। इस बारे में थाना प्रभारी विनोद कुमार ने बताया कि घटना से ग्रामीणों में गुस्सा है।
इस मामले में सख्त कार्रवाई की जाएगी। परिजन शव का पोस्टमार्टम नहीं करने का अनुरोध कर रहे थे। पुलिस ने मासूम के शव का पंचायतनामा कर उसे परिजनों को सुपुर्द कर दिया।
सभी लोग बेरहम कार चालक को कोस रहे थे
ग्रामीणों का कहना था कि सपा नेता के बेटे ट्रांसपोर्टर अजीम पाशा की डेढ़ साल की बेटी अन्य बच्चों के साथ खेल रही थी। इस बीच कार चालक को दिखाई नहीं दिया। वह बच्ची को बेरहमी से कुचलने के बाद कार को नहीं रोका। इस प्रकार के चालकों को किसी कीमत पर बख्शा जाना नहीं चाहिए।
हादसे के बाद अजीम की पत्नी अनम और अन्य बेटी मुस्कान का रोते रोते बुरा हो गया था। आयशा के शव को देखकर गांव के लोगों की आंखें भर आई। लोगों का कहना था कि सपा नेता ने रोका नहीं होता तो गांव के लोगों के गुस्से से चालक को कोई बच्चा नहीं पाता। लोग चालक को जान से मार देने के लिए आमादा थे।