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बीसलपुर के वकीलों के पक्ष में आया सिविल बार, आज रहेगी हड़ताल

Bareily Bureau बरेली ब्यूरो
Updated Mon, 17 Oct 2022 12:40 AM IST
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Civil bar came in favor of lawyers of Bisalpur, today there will be a strike
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नायब तहसीलदार ने पुलिस की मौजूदगी में मेडिकल कराने को कहा
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नायब तहसीलदार और अधिवक्ता के बीच हुए विवाद का मामला
बीसलपुर। नायब तहसीलदार और अधिवक्ताओं का विवाद शांत होनेे की बजाए तूल पकड़ता जा रहा है। सिविल बार एसोसिएशन के अध्यक्ष ने बीसलपुर के अधिवक्ताओं का समर्थन करते हुए 17 अक्तूबर को न्यायिक कार्यों से विरत रहने का ऐलान किया है।
नायब तहसीलदार न्यायालय में 14 अक्तूबर को अधिवक्ता मनोज कुशवाहा और नायब तहसीलदार शशांक सिंह के बीच लंबित पत्रावलियों का निस्तारण समय से न किए जाने के मुद्दे को लेकर विवाद हो गया था। 15 अक्तूबर को न्यायालय में मारपीट भी हो गई थी। दोनों पक्षों ने कोतवाली में एक दूसरे के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
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डीएम प्रवीण कुमार के निर्देश पर अपर जिलाधिकारी रामसिंह गौतम और एएसएपी डॉ. पवित्र मोहन त्रिपाठी ने शनिवार को तहसील आकर मामले की जांच की। इन अधिकारियों ने राजस्व विभाग के संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों के बयान दर्ज कर लिए। अधिवक्ताओं ने बुलाए जाने पर भी अधिकारियों को अपने बयान दर्ज नहीं कराए। दोनों अधिकारियों ने अपनी संयुक्त जांच रिपोर्ट शनिवार को ही डीएम को सौंप दी थी। लग रहा था कि मामला सुलझ जाएगा, लेकिन मामला अब और तूल पकड़ने लगा है।
सिविल बार एसोसिएशन के अध्यक्ष आलोक नगाइच ने बीसलपुर के अधिवक्ताओं के समर्थन में 17 अक्तूबर को न्यायिक कार्यों से विरत रहने का ऐलान किया है। इधर, नायब तहसीलदार शशांक सिंह ने शनिवार को ही अपर जिलाधिकारी को पत्र देकर अपना मेडिकल परीक्षण पुलिस की मौजूदगी में जिला अस्पताल में कराने की मांग की। पत्र में कहा गया कि अधिवक्ताओं द्वारा की गई मारपीट में उनके काफी चोटें आई हैं। चूंकि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तहसील कार्यालय के बिल्कुल पास स्थित है, इसलिए वह अधिवक्ताओं के डर से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में अपना मेडिकल परीक्षण कराने नहीं गया। पत्र में यह भी कहा गया है कि अधिवक्ता उन्हें 15 अक्तूबर को उनके न्यायालय से मारते पीटते हुए तहसीलदार कक्ष तक ले गए थे।
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