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Saharanpur News: बीपी और मधुमेह मरीजों को स्ट्रोक होने का सबसे अधिक खतरा
संवाद न्यूज एजेंसी, सहारनपुर
Updated Wed, 29 Oct 2025 12:46 AM IST
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सहारनपुर। आज विश्व स्ट्रोक दिवस है। स्ट्रोक को सामान्य भाषा में पैरालाइसिस या लकवा भी कहा जाता है। स्ट्रोक होने का सबसे अधिक खतरा हाई ब्लड प्रेशर और मधुमेह के मरीजों को रहता है। इसमें दिमाग की ब्लड सप्लाई बंद हो जाती है। इसलिए आधे घंटे टहलना चाहिए।
वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. संजीव मिगलानी ने बताया कि स्ट्रोक यानी पैरालाइसिस के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। उन्होंने बताया कि हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों द्वारा इलाज में बरती जाने वाली लापरवाही और नशे की लत स्ट्रोक की वजह बनती है। स्ट्रोक से बचाव के लिए व्यायाम, उचित खानपान का पालन करते हुए नशे से दूर रहने की सबसे ज्यादा जरूरत है। स्ट्रोक (पैरालाइसिस) होने पर दिमाग की ब्लड सप्लाई बंद हो जाती है। जिसमें दिमाग की नसें या तो बंद हो जाती है या ब्रेन हेमरेज होता है। स्ट्रोक मौत का दूसरा बड़ा कारण है। जिला अस्पताल के फिजिशियन डॉ. अनिल कुमार वोहरा बताते हैं कि लोग बीमारियों को लेकर जागरूक नहीं हैं। यहीं वजह है कि वह बीमारी के प्रति लापरवाही बरतते हैं, जिसके परिणाम दुखदाई होते हैं।
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-- स्ट्रोक के कारण
- हाई ब्लड प्रेशर
- डायबिटीज
- हाई कोलेस्ट्रोल
- धूम्रपान
- दिल की बीमारी
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-- स्ट्रोक के लक्षण
- शरीर के एक हिस्से में कमजोरी आना।
- चलने में लड़खड़ाना।
- आंखों में धुंधला होना और दो-दो दिखना।
- हाथ-पैरों का सुन होना।
- चेहरे का टेड़ा होना।
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-- स्ट्रोक मरीजों के लिए आहार
- हरी सब्जियों का सेवन करना।
- सप्ताह में दो बार मछली खानी चाहिए।
- साबुत अनाज और दाल खाएं।
- दो-तीन बार ताजे फल खाने चाहिए।
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-- स्ट्रोक से बचाव
- ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करें।
- डायबिटीज को कंट्रोल करना चाहिए।
- मोटापा को न बढ़ने दें।
- आधे घंटे टहलना चाहिए।
- बर्गर, मोमोज, चाऊमीन, पिज्जा आदि नहीं खाने चाहिए।
वरिष्ठ फिजिशियन डॉ. संजीव मिगलानी ने बताया कि स्ट्रोक यानी पैरालाइसिस के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। उन्होंने बताया कि हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों द्वारा इलाज में बरती जाने वाली लापरवाही और नशे की लत स्ट्रोक की वजह बनती है। स्ट्रोक से बचाव के लिए व्यायाम, उचित खानपान का पालन करते हुए नशे से दूर रहने की सबसे ज्यादा जरूरत है। स्ट्रोक (पैरालाइसिस) होने पर दिमाग की ब्लड सप्लाई बंद हो जाती है। जिसमें दिमाग की नसें या तो बंद हो जाती है या ब्रेन हेमरेज होता है। स्ट्रोक मौत का दूसरा बड़ा कारण है। जिला अस्पताल के फिजिशियन डॉ. अनिल कुमार वोहरा बताते हैं कि लोग बीमारियों को लेकर जागरूक नहीं हैं। यहीं वजह है कि वह बीमारी के प्रति लापरवाही बरतते हैं, जिसके परिणाम दुखदाई होते हैं।
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- हाई ब्लड प्रेशर
- डायबिटीज
- हाई कोलेस्ट्रोल
- धूम्रपान
- दिल की बीमारी
- शरीर के एक हिस्से में कमजोरी आना।
- चलने में लड़खड़ाना।
- आंखों में धुंधला होना और दो-दो दिखना।
- हाथ-पैरों का सुन होना।
- चेहरे का टेड़ा होना।
- हरी सब्जियों का सेवन करना।
- सप्ताह में दो बार मछली खानी चाहिए।
- साबुत अनाज और दाल खाएं।
- दो-तीन बार ताजे फल खाने चाहिए।
- ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करें।
- डायबिटीज को कंट्रोल करना चाहिए।
- मोटापा को न बढ़ने दें।
- आधे घंटे टहलना चाहिए।
- बर्गर, मोमोज, चाऊमीन, पिज्जा आदि नहीं खाने चाहिए।