{"_id":"5ffa03638ebc3e340453aa60","slug":"bird-ful-matter-in-sambhal-sambhal-news-mbd3755534106","type":"story","status":"publish","title_hn":"सोशल मीडिया पर कबूतरों के मरने की सूचना वायरल होते ही पशु चिकित्सा विभाग में हड़कंप","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
सोशल मीडिया पर कबूतरों के मरने की सूचना वायरल होते ही पशु चिकित्सा विभाग में हड़कंप
विज्ञापन
विज्ञापन
संभल। पवांसा ब्लॉक क्षेत्र के गांव सिहावली में पालतू व जंगली काबूतरों की मौत की सूचना से पशु चिकित्सा विभाग में हड़कंप मच गया। पशु चिकित्साधिकारी मौके पर पहुंचे और जांच पड़ताल की। इस दौरान जानकारी मिली कि कबूतरों की मौत तो हुई थी लेकिन कई दिन पहले हुई थी। पशु चिकित्साधिकारी ने ठंड से मौत का अनुमान लगाया है। साथ ही ग्रामीणों से आग्रह किया गया है कि यदि किसी पक्षी की मौत हो तो तत्काल सूचना पशु चिकित्सा विभाग को दी जाए। दरअसल बर्ड फ्लू संक्रमण फैलने के चलते पशु चिकित्सा विभाग अलर्ट है। इसी क्रम में जांच पड़ताल की गई है। तीन जनवरी को गांव सिहावली निवासी एक व्यक्ति के पालतू 15 कबूतर अचानक मर गए थे। सात जनवरी को दस जंगली कबूतरों के शव गांव के बाहर एक नलकूप पर पड़े मिले थे।
इसकी सूचना ग्रामीणों ने पशु चिकित्सा विभाग को नहीं दी। शनिवार को गांव निवासी एक युवक ने फेसबुक पर मैसेज वायरल किया और उसमें अचानक मरे कबूतरों का जिक्र कर दिया। इसकी जानकारी पवांसा पशु चिकित्सालय के चिकित्साधिकारी डा. नीरज गौतम को हुई तो वह गांव पहुंच गए। ग्रामीणों से जानकारी ली। इस दौरान पता चला कि पालतू कबूतरों की मौत तीन जनवरी को हुई थी जबकि जंगली कबूतरों के शव सात जनवरी को गांव के बाहर नलकूप के किनारे पड़े मिले थे। उन्हें जंगली जानवर खा गए।
पशु चिकित्साधिकारी ने बताया कि ग्रामीणों से जो जानकारी मिली है उससे जाहिर कि ठंड से ही कबूतरों की मौत हुई होगी। किसी कबूतर का शव मिला नहीं है। जिससे उसकी जांच करा सकते। अब ग्रामीणों से कहा गया है कि यदि किसी पक्षी की मौत हो तो तत्काल सूचना दें। ग्रामीणों को बर्ड फ्लू के खतरे से भी आगाह किया है। इसलिए तत्काल सूचना देने की बात कही है।
Trending Videos
इसकी सूचना ग्रामीणों ने पशु चिकित्सा विभाग को नहीं दी। शनिवार को गांव निवासी एक युवक ने फेसबुक पर मैसेज वायरल किया और उसमें अचानक मरे कबूतरों का जिक्र कर दिया। इसकी जानकारी पवांसा पशु चिकित्सालय के चिकित्साधिकारी डा. नीरज गौतम को हुई तो वह गांव पहुंच गए। ग्रामीणों से जानकारी ली। इस दौरान पता चला कि पालतू कबूतरों की मौत तीन जनवरी को हुई थी जबकि जंगली कबूतरों के शव सात जनवरी को गांव के बाहर नलकूप के किनारे पड़े मिले थे। उन्हें जंगली जानवर खा गए।
विज्ञापन
विज्ञापन
पशु चिकित्साधिकारी ने बताया कि ग्रामीणों से जो जानकारी मिली है उससे जाहिर कि ठंड से ही कबूतरों की मौत हुई होगी। किसी कबूतर का शव मिला नहीं है। जिससे उसकी जांच करा सकते। अब ग्रामीणों से कहा गया है कि यदि किसी पक्षी की मौत हो तो तत्काल सूचना दें। ग्रामीणों को बर्ड फ्लू के खतरे से भी आगाह किया है। इसलिए तत्काल सूचना देने की बात कही है।