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Sambhal News: महिष्मती नदी... अब बन गए मकान, हो रही खेती
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संभल। महिष्मती नदी के पुनरुद्धार के लिए मुख्यमंत्री ने घोषणा की तो राजस्व विभाग की टीम ने तेजी से पैमाइश शुरू की और अब प्रक्रिया पूरी होने का दावा किया जा रहा है। जबकि हकीकत में कोई भी बदलाव दिख नहीं रहा है। जो महिष्मती नदी कभी सोत नदी के साथ बहती थी, वह वर्तमान में कहीं गुम हो चुकी है तो कहीं नाले में तब्दील हो चुकी है। नगर पालिका ही जलनिकासी के लिए इस्तेमाल करती है।
आमतौर पर भैंसी नदी के नाम से जानी जाने वाली यह नदी संभल के नजदीक स्थित गैरआबाद गांव हबीबपुर से वजूद में होती थी। शहर के बीच मोहल्ला देहली दरवाजा से होते हुए चौधरी सराय और हल्लू सराय से आगे गांव चंदायन पहुंचती है, इसके बाद सोत नदी से मिलती थी। वर्तमान में इस नदी पर पूरी तरह कब्जा है।
शहर के बाहर खेती की जमीन में इसको शामिल कर लिया गया है तो शहर के अंदर लोगों ने अपने मकान बना लिए हैं। इस नदी का सर्वे करने के लिए राजस्व विभाग की टीम को लगाया गया था। पुनरुद्धार पर 15 करोड़ रुपये खर्च किए जाने हैं। पैमाइश कर चुकी टीम में शामिल लेखपाल राहुल धारीवाल का कहना है कि सर्वे पूरा कर लिया गया है।
करीब 10 किलोमीटर तक सर्वे हुआ है। कहीं कब्जे नहीं मिले हैं। पालिका के ईओ मणिभूषण तिवारी का कहना है कि राजस्व विभाग की रिपोर्ट नहीं मिली है। रिपोर्ट मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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आमतौर पर भैंसी नदी के नाम से जानी जाने वाली यह नदी संभल के नजदीक स्थित गैरआबाद गांव हबीबपुर से वजूद में होती थी। शहर के बीच मोहल्ला देहली दरवाजा से होते हुए चौधरी सराय और हल्लू सराय से आगे गांव चंदायन पहुंचती है, इसके बाद सोत नदी से मिलती थी। वर्तमान में इस नदी पर पूरी तरह कब्जा है।
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शहर के बाहर खेती की जमीन में इसको शामिल कर लिया गया है तो शहर के अंदर लोगों ने अपने मकान बना लिए हैं। इस नदी का सर्वे करने के लिए राजस्व विभाग की टीम को लगाया गया था। पुनरुद्धार पर 15 करोड़ रुपये खर्च किए जाने हैं। पैमाइश कर चुकी टीम में शामिल लेखपाल राहुल धारीवाल का कहना है कि सर्वे पूरा कर लिया गया है।
करीब 10 किलोमीटर तक सर्वे हुआ है। कहीं कब्जे नहीं मिले हैं। पालिका के ईओ मणिभूषण तिवारी का कहना है कि राजस्व विभाग की रिपोर्ट नहीं मिली है। रिपोर्ट मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
