{"_id":"570d4b8f4f1c1b3a104a6bf8","slug":"vhp","type":"story","status":"publish","title_hn":"‘आतंकवाद की टकसाल हैं मदरसे’ ","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
‘आतंकवाद की टकसाल हैं मदरसे’
अमर उजाला ब्यूरो/संभल
Updated Wed, 13 Apr 2016 12:55 AM IST
विज्ञापन
संभल में प्रेसवार्ता करते विहिप परिषद के धर्म प्रसार विभाग के प्रांत प्रमुख अनिल पांडेय।
विज्ञापन
विश्व हिंदू परिषद की धर्म प्रसार शाखा के मेरठ प्रांत प्रमुख अनिल पांडेय ने मंगलवार को प्रेसवार्ता में मदरसों को आतंकवाद की टकसाल बता दिया। उन्होंने कहा कि कश्मीर घाटी से जिस आतंकवादी अजहर मसूद को गिरफ्तार किया गया था वह भी एक मदरसे में बच्चों को आतंक ट्रेनिंग देता था। कहा सवा अरब भारतीय एकसाथ खड़े होंगे तब आतंक का खत्म होगा।
पांडेय संभल में हिंदू जागृति मंच की ओर से आयोजित सामूहिक व्रतोपवास कार्यक्रम में भागीदारी करने आए थे। इससे पहले आयोजित संभल के सनातन पब्लिक स्कूल में आयोजित प्रेसवार्ता में उन्होंने कहा कि मदरसों में आतंकवादियों को पनाह दी जाती है।
तमाम ऐसे मामले पकड़े जा चुके हैं लेकिन किसी भी मदरसे ने आतंकवाद और आतंकवादियों के खिलाफ कोई कदम नहीं उठाया। हां कभी कभी यह बयान जरूर आते हैं कि इस्लाम का आतंकवाद से कोई नाता नहीं है। आतंकवादियों को इस्लाम से न जोड़ा जाए।
लेकिन इतने भर से बात नहीं बनेगी जब तक 125 करोड़ हिंदुस्तानी आतंकवादियों के खिलाफ खड़े नहीं होंगे तब तक आतंकवाद को देश की धरती से खत्म करना संभव नहीं है। उन्होंने स्पष्ट किया कि आतंकवाद को खत्म करना केवल सरकार के बूते की बात नहीं है।
आम जनमानस को इसके खिलाफ आवाज उठानी पड़ेगी। प्रेसवार्ता के दौरान उन्होंने कहा कि एपीजे अब्दुल कलाम की शवयात्रा में कम लोग थे और याकूब मेमन की शवयात्रा में ज्यादा लोग थे? इससे जाहिर होता है कि एक वर्ग के तमाम लोग आतंकवाद को समर्थन और सहयोग दे रहे हैं। ऐसा क्यों इस पर विचार होना चाहिए।
Trending Videos
पांडेय संभल में हिंदू जागृति मंच की ओर से आयोजित सामूहिक व्रतोपवास कार्यक्रम में भागीदारी करने आए थे। इससे पहले आयोजित संभल के सनातन पब्लिक स्कूल में आयोजित प्रेसवार्ता में उन्होंने कहा कि मदरसों में आतंकवादियों को पनाह दी जाती है।
विज्ञापन
विज्ञापन
तमाम ऐसे मामले पकड़े जा चुके हैं लेकिन किसी भी मदरसे ने आतंकवाद और आतंकवादियों के खिलाफ कोई कदम नहीं उठाया। हां कभी कभी यह बयान जरूर आते हैं कि इस्लाम का आतंकवाद से कोई नाता नहीं है। आतंकवादियों को इस्लाम से न जोड़ा जाए।
लेकिन इतने भर से बात नहीं बनेगी जब तक 125 करोड़ हिंदुस्तानी आतंकवादियों के खिलाफ खड़े नहीं होंगे तब तक आतंकवाद को देश की धरती से खत्म करना संभव नहीं है। उन्होंने स्पष्ट किया कि आतंकवाद को खत्म करना केवल सरकार के बूते की बात नहीं है।
आम जनमानस को इसके खिलाफ आवाज उठानी पड़ेगी। प्रेसवार्ता के दौरान उन्होंने कहा कि एपीजे अब्दुल कलाम की शवयात्रा में कम लोग थे और याकूब मेमन की शवयात्रा में ज्यादा लोग थे? इससे जाहिर होता है कि एक वर्ग के तमाम लोग आतंकवाद को समर्थन और सहयोग दे रहे हैं। ऐसा क्यों इस पर विचार होना चाहिए।