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Shahjahanpur News: गन्ने के साथ सहफसली खेती से किसान उठा रहे दोहरा लाभ
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कलीम उज्जमां खां, गांव उदारा, निगोही।
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शाहजहांपुर। गन्ने की फसल के साथ सहफसली खेती में किसान सरसों, मटर, मसूर, चना और गाजर की खेती करके कम लागत में दोहरा मुनाफा कमा रहे हैं। एक फसल की लागत में दो फसल तैयार हो रही है। सहफसली खेती में कीटों का भी लगने का डर नहीं रहता है और अच्छी पैदावार होती है। इससे किसानों की आय बढ़ रही है।
पहले किसान गन्ने की खेती करने के बाद दूसरी खेती नहीं कर पाते थे। अब गन्ने की खेती के साथ सहफसली खेती होने लगी है। इसमें मुख्य रूप से सरसों, मसूर, मटर और गाजर की सहफसली खेती की जा रही है। सहफसली खेती पर जोर देने के लिए कृषि विभाग की ओर से किसानों को मसूर और सरसों का निशुल्क बीज भी वितरित किया गया था।
बता दें कि पिछले वर्ष जनपद में एक से डेढ़ हजार हेक्टेयर सहफसली खेती का रकबा था, जो कि इस वर्ष बढ़कर करीब पांच हजार हेक्टेयर हो गया है। किसानों का इस ओर तेजी से रुझान बढ़ रहा है। इसकी वजह से एक फसल की लागत में दो फसल तैयार हो रही हैं। इससे किसानों को दोहरा लाभ हो रहा है।
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किसानों की बात...
कई सालों से सहफसली खेती कर रहे हैं। एक फसल की लागत में दो फसलें तैयार हो रही हैं। गन्ने के साथ मसूर, मटर, सरसों आदि की खेती कर रहे हैं। इसमें कम खर्च में अधिक बचत होती है।
- कलीम उज्जमां खां, गांव उदारा, निगोही
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डेढ़ एकड़ के खेत में गन्ने की फसल के साथ सरसों की फसल की गई। गन्ने के साथ सहफसली खेती करने में काफी लाभ हो रहा है। कम लागत में अधिक आय हो रही है। फसल का नुकसान भी नहीं होता है।
- संजय सिंह, मरेना, कांट
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सहफसली खेती करने के लिए सरकार की तरफ भी किसानों को निशुल्क मसूर और सरसों का बीज वितरित किया गया है। इससे कम लागत में किसानों की आय में इजाफा हो रहा है।
- पुरुषोत्तम मिश्र, उप कृषि निदेशक
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पहले किसान गन्ने की खेती करने के बाद दूसरी खेती नहीं कर पाते थे। अब गन्ने की खेती के साथ सहफसली खेती होने लगी है। इसमें मुख्य रूप से सरसों, मसूर, मटर और गाजर की सहफसली खेती की जा रही है। सहफसली खेती पर जोर देने के लिए कृषि विभाग की ओर से किसानों को मसूर और सरसों का निशुल्क बीज भी वितरित किया गया था।
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बता दें कि पिछले वर्ष जनपद में एक से डेढ़ हजार हेक्टेयर सहफसली खेती का रकबा था, जो कि इस वर्ष बढ़कर करीब पांच हजार हेक्टेयर हो गया है। किसानों का इस ओर तेजी से रुझान बढ़ रहा है। इसकी वजह से एक फसल की लागत में दो फसल तैयार हो रही हैं। इससे किसानों को दोहरा लाभ हो रहा है।
किसानों की बात...
कई सालों से सहफसली खेती कर रहे हैं। एक फसल की लागत में दो फसलें तैयार हो रही हैं। गन्ने के साथ मसूर, मटर, सरसों आदि की खेती कर रहे हैं। इसमें कम खर्च में अधिक बचत होती है।
- कलीम उज्जमां खां, गांव उदारा, निगोही
डेढ़ एकड़ के खेत में गन्ने की फसल के साथ सरसों की फसल की गई। गन्ने के साथ सहफसली खेती करने में काफी लाभ हो रहा है। कम लागत में अधिक आय हो रही है। फसल का नुकसान भी नहीं होता है।
- संजय सिंह, मरेना, कांट
सहफसली खेती करने के लिए सरकार की तरफ भी किसानों को निशुल्क मसूर और सरसों का बीज वितरित किया गया है। इससे कम लागत में किसानों की आय में इजाफा हो रहा है।
- पुरुषोत्तम मिश्र, उप कृषि निदेशक

कलीम उज्जमां खां, गांव उदारा, निगोही।

कलीम उज्जमां खां, गांव उदारा, निगोही।
