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Shahjahanpur News: शाहजहांपुर में निवेश के नाम पर करोड़ों की ठगी, छह गिरफ्तार
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पुलिस की गिरफ्त में ठगी के आरोपी। संवाद
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शाहजहांपुर। इंवेस्टमेंट कंपनी बनाकर स्टाॅक मार्केट में ऑनलाइन निवेश कराने के नाम पर करोड़ों की ठगी करने के छह आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। ये लोग जलालाबाद में फर्जी कॉल सेंटर चला रहे थे। निवेश की गई धनराशि को तीन गुना करने के नाम पर कई राज्यों के लोगों को वे ठग चुके थे। गिरोह के सरगना ट्विंकल गुप्ता ने एमबीए किया है तो अन्य तीन एमकॉम व बीकॉम के छात्र रहे हैं।
एसपी राजेश द्विवेदी ने बताया कि ठगी का खुलासा प्रतिबिंब पोर्टल के माध्यम से हुआ। यह पोर्टल साइबर क्राइम में संदिग्ध मोबाइल नंबर की लोकेशन मैप पर प्रदर्शित करता है। इस पर दिखाई दिए एक संदिग्ध मोबाइल नंबर की जांच से पुलिस को जलालाबाद में स्थान खंडहर को जाने वाले मार्ग पर एक मकान में एसएलजी डीगी कंपनी नाम से चल रहे फर्जी काॅल सेंटर तक पहुंची। पोर्टल की मदद से ही पुलिस को कंपनी के खिलाफ शिकायत करने वाला एक व्यक्ति भी मिल गया। उससे तीन लाख रुपये की ठगी हुई थी। इसके बाद चार-पांच दिन जानकारी जुटाई गई। शुक्रवार को पुलिस ने ट्विंकल गुप्ता समेत छह लोगों को गिरफ्तार कर लिया। ये सभी ठगी गई रकम से महंगे लाइफ स्टाइल की जिंदगी जी रहे थे।
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ये हुए गिरफ्तार
जलालाबाद के मोहल्ला आजाद नगर निवासी ट्विंकल गुप्ता, मोहल्ला दयालनगर निवासी प्रांजल सक्सेना उर्फ पुलकित, निहाल सक्सेना उर्फ कुनाल, दीपांशु, सरायसाधौ निवासी सिद्धांत मिश्रा उर्फ झम्मन व मोहल्ला महाजनान निवासी रोहित राठौर।
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जमा रकम दिखाते रहते थे बढ़ता फायदा, मांगने पर एकाउंट ही बंद कर देते थे ठग
शाहजहांपुर। जलालाबाद में फर्जी कंपनी का दफ्तर बनाकर ठग देश के कई दूरस्थ राज्यों तक के लोगों को अपना शिकार बना रहे थे। वे निवेश के नाम पर भेजे गए क्यूआर कोड के जरिये रुपये मंगाते थे और जाल में फंसे व्यक्ति को बाद में ग्लोबल ट्रेड एपीके एकाउंट पर फर्जी लाभ प्रदर्शित करते थे। जब निवेशक अपनी रकम निकालने की बात कहता तो वे उसका एकाउंट ही बंद कर देते थे।
एसपी राजेश द्विवेदी ने बताया कि गिरोह लोगों के मोबाइल नंबर व अन्य जानकारी 77 डाटा नेट वेबसाइट से प्राप्त करते थे। एक हजार लोगों का डाटा पांच हजार रुपये देकर मिलता था। इसके बाद लोगों को अपनी कंपनी के रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर से फोन कर उन्हें ग्लोबल ट्रेड कंपनी के माध्यम से स्टॉक मार्केट में निवेश कर धनराशि का तीन गुना होने का लालच देते थे।
पीड़ित की ओर से भेजे गई राशि को अलग-अलग म्यूल एकाउंट में ट्रांसफर करते थे। रुपयों को निजी बैंक खातों से निकाल लेते थे। एसपी ने बताया कि अबतक 50 सिम रजिस्टर्ड हुए हैं जिनसे काॅलिंग कर साइबर क्राइम किया गया था। करीब 13 म्यूल एकाउंट का साइबर क्राइम में उपयोग किया जाता था। जब इन्हें सर्च किया गया तो पूरे भारत में कई शिकायतें प्रकाश में आईं। दिल्ली, गुजरात, बिहार, कर्नाटक, यूपी, महाराष्ट्र, राजस्थान आदि प्रदेशों में साइबर ठगी के मामले दर्ज थे। इसमें करोड़ों की धनराशि की धोखाधड़ी सामने आई।
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पीड़ित ने बताया ठगी का तरीका
पुलिस को जांच में दिल्ली का जो शिकायतकर्ता मिला, उसने पुलिस को अपने साथ ही हुई ठगी की पूरी कहानी बताई। शिकायतकर्ता ने बताया एक लिंक भेजकर ग्लोबल ट्रेड एपीके फाइल डाउनलोड कराई गई। एक क्यूआर कोड भेजा गया। तीन लाख रुपये भेजने के बाद जब रुपये निकालना चाहे तब तक एकाउंट बंद कर दिया गया। तब उसने साइबर क्राइम वेबसाइट पर शिकायत दर्ज कराई थी। एसपी ने बताया कि गिरोह का खुलासा करने के लिए एसपी सिटी देवेंद्र कुमार व सीओ साइबर क्राइम के नेतृत्व में टीम गठित की गई। टीम को 25 हजार इनाम देने की घोषणा भी उन्होंने की।
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महंगी कार-बाइक से घूमता देख लोग थे हैरान
अच्छी शिक्षा प्राप्त करने के बाद भी आरोपियों ने साइबर ठगी का रास्ता चुना। लोगों को ठगकर महंगी कार और बाइक से घूमते थे। इन लोगों की लाइफ स्टाइल ने आसपास के लोगों को सोच में डाल दिया था कि ये ऐसा कौन सा काम करते हैं जो इतने कम समय में इतना रुपये कमा रहे हैं। आठ माह पूर्व ही इन सभी ने यह काम शुरू किया था। एसपी राजेश द्विवेदी ने बताया कि अभी बाकी लोग जिनको निवेश के नाम पर ठगा गया है, उनसे बात कर डाटा कलेक्ट कर जांच की जा रही है। एसपी ने बताया कि आरोपी टिंकल गुप्ता ने एमबीए किया है तो प्रांजल सक्सेना ने एमकॉम। निहाल सक्सेना व रोहित राठौर ने बीकॉम किया है तो दीपांशु ने बीए, सिद्धांत मिश्रा ने 11 तक की पढ़ाई की है।
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यह सामान हुआ बरामद
आरोपियों के कब्जे से पुलिस को 69 लैपटॉप, एक महिंद्रा थार कार, चार बाइक, एक बैंक ऑफ इंडिया का क्यूआर कोड, 34 लैपटॉप चार्जर, नौ की-बोर्ड, छह माउस, एक प्रिंटर, एक यूपीएस, चार एलईडी, एक सीपीयू, दस मोबाइल फोन, चार वाई-फाई सेटअप इंटरनेट, 26 नए सिम कार्ड, 10 खुले सिम व दो चेक बुक है बरामद हुईं हैं।
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पासवर्ड बदलकर भागा आरोपी का भाई, तलाश में जुटी टीम
आरोपी टिंकल का भाई गोपाल सिस्टम का पासवर्ड बदलकर भाग गया है। उसकी पुलिस तलाश कर रही है। फिलहाल साइबर टीम सिस्टम खोलने की कोशिश कर रही है। बताते हैं कि अब तक इन लोगों ने कई राज्यों के लोगों को ठगी का शिकार बनाया है। शुक्रवार को बलिदान दिवस के चलते बैंक बंद होने पर पुलिस को डिटेल नहीं मिल सकी। शनिवार को पुलिस पकड़े गए आरोपियों की बैंक डिटेल का पता करेगी। इससे पता चलेगा कि आठ माह में इन लोगों के खाते में कितना रुपया आया है।
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एसपी राजेश द्विवेदी ने बताया कि ठगी का खुलासा प्रतिबिंब पोर्टल के माध्यम से हुआ। यह पोर्टल साइबर क्राइम में संदिग्ध मोबाइल नंबर की लोकेशन मैप पर प्रदर्शित करता है। इस पर दिखाई दिए एक संदिग्ध मोबाइल नंबर की जांच से पुलिस को जलालाबाद में स्थान खंडहर को जाने वाले मार्ग पर एक मकान में एसएलजी डीगी कंपनी नाम से चल रहे फर्जी काॅल सेंटर तक पहुंची। पोर्टल की मदद से ही पुलिस को कंपनी के खिलाफ शिकायत करने वाला एक व्यक्ति भी मिल गया। उससे तीन लाख रुपये की ठगी हुई थी। इसके बाद चार-पांच दिन जानकारी जुटाई गई। शुक्रवार को पुलिस ने ट्विंकल गुप्ता समेत छह लोगों को गिरफ्तार कर लिया। ये सभी ठगी गई रकम से महंगे लाइफ स्टाइल की जिंदगी जी रहे थे।
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ये हुए गिरफ्तार
जलालाबाद के मोहल्ला आजाद नगर निवासी ट्विंकल गुप्ता, मोहल्ला दयालनगर निवासी प्रांजल सक्सेना उर्फ पुलकित, निहाल सक्सेना उर्फ कुनाल, दीपांशु, सरायसाधौ निवासी सिद्धांत मिश्रा उर्फ झम्मन व मोहल्ला महाजनान निवासी रोहित राठौर।
जमा रकम दिखाते रहते थे बढ़ता फायदा, मांगने पर एकाउंट ही बंद कर देते थे ठग
शाहजहांपुर। जलालाबाद में फर्जी कंपनी का दफ्तर बनाकर ठग देश के कई दूरस्थ राज्यों तक के लोगों को अपना शिकार बना रहे थे। वे निवेश के नाम पर भेजे गए क्यूआर कोड के जरिये रुपये मंगाते थे और जाल में फंसे व्यक्ति को बाद में ग्लोबल ट्रेड एपीके एकाउंट पर फर्जी लाभ प्रदर्शित करते थे। जब निवेशक अपनी रकम निकालने की बात कहता तो वे उसका एकाउंट ही बंद कर देते थे।
एसपी राजेश द्विवेदी ने बताया कि गिरोह लोगों के मोबाइल नंबर व अन्य जानकारी 77 डाटा नेट वेबसाइट से प्राप्त करते थे। एक हजार लोगों का डाटा पांच हजार रुपये देकर मिलता था। इसके बाद लोगों को अपनी कंपनी के रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर से फोन कर उन्हें ग्लोबल ट्रेड कंपनी के माध्यम से स्टॉक मार्केट में निवेश कर धनराशि का तीन गुना होने का लालच देते थे।
पीड़ित की ओर से भेजे गई राशि को अलग-अलग म्यूल एकाउंट में ट्रांसफर करते थे। रुपयों को निजी बैंक खातों से निकाल लेते थे। एसपी ने बताया कि अबतक 50 सिम रजिस्टर्ड हुए हैं जिनसे काॅलिंग कर साइबर क्राइम किया गया था। करीब 13 म्यूल एकाउंट का साइबर क्राइम में उपयोग किया जाता था। जब इन्हें सर्च किया गया तो पूरे भारत में कई शिकायतें प्रकाश में आईं। दिल्ली, गुजरात, बिहार, कर्नाटक, यूपी, महाराष्ट्र, राजस्थान आदि प्रदेशों में साइबर ठगी के मामले दर्ज थे। इसमें करोड़ों की धनराशि की धोखाधड़ी सामने आई।
पीड़ित ने बताया ठगी का तरीका
पुलिस को जांच में दिल्ली का जो शिकायतकर्ता मिला, उसने पुलिस को अपने साथ ही हुई ठगी की पूरी कहानी बताई। शिकायतकर्ता ने बताया एक लिंक भेजकर ग्लोबल ट्रेड एपीके फाइल डाउनलोड कराई गई। एक क्यूआर कोड भेजा गया। तीन लाख रुपये भेजने के बाद जब रुपये निकालना चाहे तब तक एकाउंट बंद कर दिया गया। तब उसने साइबर क्राइम वेबसाइट पर शिकायत दर्ज कराई थी। एसपी ने बताया कि गिरोह का खुलासा करने के लिए एसपी सिटी देवेंद्र कुमार व सीओ साइबर क्राइम के नेतृत्व में टीम गठित की गई। टीम को 25 हजार इनाम देने की घोषणा भी उन्होंने की।
महंगी कार-बाइक से घूमता देख लोग थे हैरान
अच्छी शिक्षा प्राप्त करने के बाद भी आरोपियों ने साइबर ठगी का रास्ता चुना। लोगों को ठगकर महंगी कार और बाइक से घूमते थे। इन लोगों की लाइफ स्टाइल ने आसपास के लोगों को सोच में डाल दिया था कि ये ऐसा कौन सा काम करते हैं जो इतने कम समय में इतना रुपये कमा रहे हैं। आठ माह पूर्व ही इन सभी ने यह काम शुरू किया था। एसपी राजेश द्विवेदी ने बताया कि अभी बाकी लोग जिनको निवेश के नाम पर ठगा गया है, उनसे बात कर डाटा कलेक्ट कर जांच की जा रही है। एसपी ने बताया कि आरोपी टिंकल गुप्ता ने एमबीए किया है तो प्रांजल सक्सेना ने एमकॉम। निहाल सक्सेना व रोहित राठौर ने बीकॉम किया है तो दीपांशु ने बीए, सिद्धांत मिश्रा ने 11 तक की पढ़ाई की है।
यह सामान हुआ बरामद
आरोपियों के कब्जे से पुलिस को 69 लैपटॉप, एक महिंद्रा थार कार, चार बाइक, एक बैंक ऑफ इंडिया का क्यूआर कोड, 34 लैपटॉप चार्जर, नौ की-बोर्ड, छह माउस, एक प्रिंटर, एक यूपीएस, चार एलईडी, एक सीपीयू, दस मोबाइल फोन, चार वाई-फाई सेटअप इंटरनेट, 26 नए सिम कार्ड, 10 खुले सिम व दो चेक बुक है बरामद हुईं हैं।
पासवर्ड बदलकर भागा आरोपी का भाई, तलाश में जुटी टीम
आरोपी टिंकल का भाई गोपाल सिस्टम का पासवर्ड बदलकर भाग गया है। उसकी पुलिस तलाश कर रही है। फिलहाल साइबर टीम सिस्टम खोलने की कोशिश कर रही है। बताते हैं कि अब तक इन लोगों ने कई राज्यों के लोगों को ठगी का शिकार बनाया है। शुक्रवार को बलिदान दिवस के चलते बैंक बंद होने पर पुलिस को डिटेल नहीं मिल सकी। शनिवार को पुलिस पकड़े गए आरोपियों की बैंक डिटेल का पता करेगी। इससे पता चलेगा कि आठ माह में इन लोगों के खाते में कितना रुपया आया है।
