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Siddharthnagar News: सत्संग के बिना ज्ञान, वैराग्य और भक्ति संभव नहीं
संवाद न्यूज एजेंसी, सिद्धार्थनगर
Updated Fri, 19 Dec 2025 11:32 PM IST
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भनवापुर क्षेत्र के चौखड़ा में श्रीमद्भागवत कथा सुनाते प्रेम शरण शास्त्री। स्रोत विज्ञप्ति
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भनवापुर। क्षेत्र के चौखड़ा में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के पहले दिन बृहस्पतिवार को शाम अवध धाम से पधारे कथा वाचक आचार्य प्रेम शरण शास्त्री ने ज्ञान, वैराग्य, भक्ति की कथा का श्रवण कराया। उन्होंने बताया बिना कथा सत्संग के ज्ञान, वैराग्य और भक्ति की प्राप्ति नहीं हो सकती है।
कथा श्रवण कराते हुए प्रेम शरण शास्त्री ने धुंधकारी गोकर्ण की अद्भुत कथा का भी श्रवण कराया। कथा के दौरान बताया कि भागवत कथा श्रवण करने से घर के पितृदोष की शांति मिलती है। आत्म देव पंडित ने पुत्र के लिए जंगल में जाकर मरने का निश्चय किया।
संत की कृपा से फल प्राप्ति के द्वारा पुत्र की प्राप्ति हुई। गोकर्ण महान ज्ञानी हुए, धुंधकारी महा दुष्ट हुआ। धुंधकारी मरने के बाद प्रेत बन कर सबको दुख देने लगा। भागवत कथा श्रवण कर धुंधकारी ने प्रेत योनि से मुक्ति पाई। कथा वाचक ने बताया कि भागवत कथा से घर के समस्त दुख दरिद्र तथा पाप कष्ट दूर होता है सुख शांति प्राप्त होती है। भगवान की कृपा की प्राप्ति होती है। इस दौरान कंचन सिंह, गोपालजी सिंह, हरेंद्र विक्रम सिंह, अरुण कुमार सिंह, मनोज सिंह आदि मौजूद रहे।
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कथा श्रवण कराते हुए प्रेम शरण शास्त्री ने धुंधकारी गोकर्ण की अद्भुत कथा का भी श्रवण कराया। कथा के दौरान बताया कि भागवत कथा श्रवण करने से घर के पितृदोष की शांति मिलती है। आत्म देव पंडित ने पुत्र के लिए जंगल में जाकर मरने का निश्चय किया।
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संत की कृपा से फल प्राप्ति के द्वारा पुत्र की प्राप्ति हुई। गोकर्ण महान ज्ञानी हुए, धुंधकारी महा दुष्ट हुआ। धुंधकारी मरने के बाद प्रेत बन कर सबको दुख देने लगा। भागवत कथा श्रवण कर धुंधकारी ने प्रेत योनि से मुक्ति पाई। कथा वाचक ने बताया कि भागवत कथा से घर के समस्त दुख दरिद्र तथा पाप कष्ट दूर होता है सुख शांति प्राप्त होती है। भगवान की कृपा की प्राप्ति होती है। इस दौरान कंचन सिंह, गोपालजी सिंह, हरेंद्र विक्रम सिंह, अरुण कुमार सिंह, मनोज सिंह आदि मौजूद रहे।
