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Sitapur News: अब श्यामजीरा में मिले बाघ के पगचिह्न
संवाद न्यूज एजेंसी, सीतापुर
Updated Fri, 19 Sep 2025 12:05 AM IST
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महोली (सीतापुर)। श्यामजीरा गांव के बाहर बृहस्पतिवार सुबह खेतों में बाघ के पगचिह्न मिलने से हड़कंप मच गया। गांव निवासी पवन व राजेश की सूचना पर पहुंची वन विभाग की टीम ने कॉम्बिंग की। गांव के निकट खेतों में मिले पगचिह्नों की जांच की।
जांच के बाद बाघ के मौजूद होने की पुष्टि की। इसके बाद सक्रिय हुए अमले ने कमांड सेंटर से 200 मीटर दूर उसी इलाके में तालाब के निकट एक पड़वा बांध दिया है। पास ही आम के पेड़ पर मचान बनाई गई है, जहां से बाघ को ट्रेंकुलाइज करने की तैयारी है। तालाब की जाल से घेराबंदी की गई है, जिससे ट्रैंकुलाइज किए जाने के बाद बाघ तालाब में न पहुंच सके।
22 अगस्त को नरनी गांव निवासी सौरभ दीक्षित को बाघ ने निवाला बना लिया था। घटना के करीब 27 दिन बीत चुके हैं लेकिन वन विभाग की भारी भरकम फौज अभी तक बाघ को पकड़ने में नाकाम रही है।
ग्रामीणों का कहना है कि घटनास्थल से 200 मीटर से लेकर पांच किलोमीटर के दायरे में कॉम्बिंग के दौरान कहीं न कहीं बाघ के पगचिह्न मिल रहे हैं।
ड्रोन कैमरे में भी बाघ की तस्वीर कैद हुई है। इसके बाद भी वन विभाग उसे नहीं पकड़ पा रहा है। ग्रामीण आए दिन कहीं न कही बाघ देखे जाने का दावा भी कर रहे हैं।
इसके बावजूद बाघ को पकड़ने में वन विभाग व विशेषज्ञों की टीम को सफलता नहीं मिल पा रही है।

जांच के बाद बाघ के मौजूद होने की पुष्टि की। इसके बाद सक्रिय हुए अमले ने कमांड सेंटर से 200 मीटर दूर उसी इलाके में तालाब के निकट एक पड़वा बांध दिया है। पास ही आम के पेड़ पर मचान बनाई गई है, जहां से बाघ को ट्रेंकुलाइज करने की तैयारी है। तालाब की जाल से घेराबंदी की गई है, जिससे ट्रैंकुलाइज किए जाने के बाद बाघ तालाब में न पहुंच सके।
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22 अगस्त को नरनी गांव निवासी सौरभ दीक्षित को बाघ ने निवाला बना लिया था। घटना के करीब 27 दिन बीत चुके हैं लेकिन वन विभाग की भारी भरकम फौज अभी तक बाघ को पकड़ने में नाकाम रही है।
ग्रामीणों का कहना है कि घटनास्थल से 200 मीटर से लेकर पांच किलोमीटर के दायरे में कॉम्बिंग के दौरान कहीं न कहीं बाघ के पगचिह्न मिल रहे हैं।
ड्रोन कैमरे में भी बाघ की तस्वीर कैद हुई है। इसके बाद भी वन विभाग उसे नहीं पकड़ पा रहा है। ग्रामीण आए दिन कहीं न कही बाघ देखे जाने का दावा भी कर रहे हैं।
इसके बावजूद बाघ को पकड़ने में वन विभाग व विशेषज्ञों की टीम को सफलता नहीं मिल पा रही है।