बीएचयू: यहां भरी जाएंगी पीएचडी की 1700 सीटें, भेजा गया ब्योरा; पहली बार कर्मियों को देनी होगी प्रवेश परीक्षा
इस बार यह पहला मौका होगा जब बीएचयू के कर्मचारी भी पीएचडी की प्रवेश परीक्षा देंगे। सीधे दाखिले का मौका नहीं मिलेगा। उन्हें भी सामान्य अभ्यर्थियों की तरह लिखित परीक्षा देनी होगी। रिसर्च मेथडोलॉजी टेस्ट से गुजरना होगा।

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बीएचयू में पीएचडी की 1700 सीटें भरी जाएंगी। खाली सीटों का ब्योरा विभागवार तैयार करा लिया गया है। इसकी सूची परीक्षा नियंत्रक कार्यालय को भेज दी गई है। दाखिले की बुलेटिन जल्द ही जारी होगी। दाखिला प्रक्रिया नवंबर से शुरू हो सकती है। पहले सप्ताह से ही ऑनलाइन आवेदन फाॅर्म भरे जाएंगे।

पीएचडी की दाखिला प्रक्रिया में पिछले साल की तुलना में इस बार कई बदलाव किए गए हैं। 2024 से 2025 के बीच तीन बार नेट क्वालिफाई करने वाले अभ्यर्थियों को आवेदन का अवसर दिया गया है। पिछली बार जून 2024 में नेट क्वालिफाई करने वाले अभ्यर्थियों को मौका मिला था। इस बार जून 2024, दिसंबर 2024 और जून 2025 के अभ्यर्थियों को शामिल किया जाएगा। इससे आवेदकों की संख्या बढ़ने की उम्मीद है।
ईसी की स्वीकृति के बाद तैयार हाे रही बुलेटिन
पीएचडी में दाखिले के लिए नई बुलेटिन की स्वीकृति एग्जीक्यूटिव काउंसिल (ईसी) से मिल चुकी है। अब विभागों की सीट के साथ ही असिस्टेंट प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और प्रोफेसर का ब्योरा तैयार कराया जा रहा है। विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि सुपरवाइजर की सूची भी बनाई जा रही है ताकि दाखिले की प्रक्रिया पूरी होते ही सुपरवाइजर के नाम तय कर दिए जाएं। यूजीसी की नियमावली के हिसाब से असिस्टेंट प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और प्रोफेसर को शोधार्थी दिए जाएंगे।