सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   Uttar Pradesh ›   Varanasi News ›   Kabir devotees 3,000 from 20 states came to Varanasi and offered a ceremonial cloth at the guru tomb

Varanasi News: 20 राज्यों से आए 3000 कबीरपंथी, गुरु की समाधि पर की चादरपोशी

अमर उजाला नेटवर्क, वाराणसी। Published by: प्रगति चंद Updated Wed, 31 Dec 2025 04:34 PM IST
विज्ञापन
सार

सद्गुरु कबीर प्राकट्य धाम एवं स्मारक विकास समिति की ओर से धाम परिसर में आयोजित पुण्य स्मृति समारोह में अनुयायियों ने सुबह समाधि पर चादर व पुष्प अर्पित किए और आरती उतारी।

Kabir devotees 3,000 from 20 states came to Varanasi and offered a ceremonial cloth at the guru tomb
कबीर स्मारक में लोगों को संबोधित करते पंथ श्रीहजूर अर्धनाम साहिब। - फोटो : अमर उजाला
विज्ञापन

विस्तार
Follow Us

सद्गुरु कबीर प्राकट्य धाम लहरतारा के संस्थापक हजूर उदित नाम साहेब की 28वीं पुण्यतिथि पर मंगलवार को 20 राज्यों से आए लगभग तीन हजार कबीरपंथियों ने उनकी समाधि स्थल पर चादरपोशी कर नमन किया और उनकी स्मृतियों पर प्रकाश डाला। भजन-कीर्तन कर कबीरवाणी के माध्यम से गुरु के संदेश दिए गए।

Trending Videos


सद्गुरु कबीर प्राकट्य धाम एवं स्मारक विकास समिति की ओर से धाम परिसर में आयोजित पुण्य स्मृति समारोह में अनुयायियों ने सुबह समाधि पर चादर व पुष्प अर्पित किए और आरती उतारी। प्राकट्य धाम के आचार्य हजूर अर्धनाम साहेब ने कहा कि कबीर साहेब की साखी के भाव से ही संत, वैरागी और महापुरुष जीवन जीते हैं। उनकी जीवन यात्रा में किए गए कार्य ही उनकी सच्ची पहचान होते हैं।
विज्ञापन
विज्ञापन


उन्होंने कहा कि गुरुजनों की कृपा से ही व्यक्ति में परमार्थ के कार्य करने की चेतना जागृत होती है। तब वह ऊंचे मुकाम को देख पाता है और उसके लिए बड़े से बड़ा कार्य भी छोटा लगने लगता है। हजूर उदित नाम साहेब सद्गुरु के सच्चे सेवक थे। वे कबीर साहेब के संदेशों को जन-जन तक पहुंचाने के साथ-साथ व्यक्ति के घट के भीतर मंदिर निर्माण की चिंता करते थे। 

Kabir devotees 3,000 from 20 states came to Varanasi and offered a ceremonial cloth at the guru tomb
कार्यक्रम में शामिल लोग - फोटो : अमर उजाला

उनका कहना था कि जब मनुष्य में पवित्रता, सात्विकता और सादगी आएगी, तभी सद्गुरु उसकी सुनेंगे।आचार्य जी ने कहा कि उनके द्वारा प्रज्वलित की गई ज्योति के प्रवाह को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी हम सभी की है। यह त्याग और गुरु के पदचिह्नों पर चलकर ही संभव है। उन्होंने कहा कि सद्गुरु कबीर साहेब की जन्मस्थली प्राकट्य धाम को हजूर उदित नाम साहेब ने कबीरपंथियों को धरोहर के रूप में सौंपकर कबीर पंथ को गौरवान्वित किया है। वे एक महान महापुरुष थे।

धर्माधिकारी ने हजूर उदित नाम साहेब के जीवन को सरल एवं अनुकरणीय बताया। इस अवसर पर पटना के महंत मनभंग दास, दार्जिलिंग के सर्वानंद दास, नोएडा के हंसयोग दास, झांसी के पुष्कर दास, जोधपुर के हरिराम, दिल्ली के लालचंद सहित अन्य संतों ने भी अपने विचार रखे।शाम को चौका पूजन एवं आरती संपन्न हुई। 

संगत ने भजन-कीर्तन और कबीरवाणी का गान किया। इस अवसर पर कालूराम, सुरेश, गणेश कुशाल, देवेंद्र, ओम प्रकाश, अनिल परिहार, हितेश परिहार, पुनीत सांखला आदि उपस्थित रहे। रामनिवास और हरिराम सहित अन्य भक्तों के सहयोग से आयोजित भंडारे में अनुयायियों ने प्रसाद ग्रहण किया। कार्यक्रम के दौरान जरूरतमंदों को कंबल भी वितरित किए गए।

विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

Election
एप में पढ़ें

Followed