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खुराक से खिलवाड़: सब्जी वाली दाल से सब्जी ही गायब, रोटी की जगह चावल खा रहे हैं सरकारी स्कूल के बच्चे

अमर उजाला नेटवर्क, वाराणसी। Published by: प्रगति चंद Updated Fri, 28 Nov 2025 11:37 AM IST
सार

Varanasi News: वाराणसी जिले में 1143 में से 50 से ज्यादा विद्यालयों में मिड डे मील के प्रतिदिन के मेन्यू का पालन नहीं हो रहा है। इसके साथ ही खाने की गुणवत्ता भी ठीक नहीं है। 

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mid-day meal daily menu not followed in government schools in Varanasi
मिड डे मील योजना - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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वाराणसी जिले के 1143 प्राथमिक विद्यालयों में रोजाना जो मिड डे मील का भोजन परोसा जाता है, उसमें 50 से अधिक विद्यालयों में मेन्यू के अनुसार भोजन नहीं होता है। बृहस्पतिवार को इसकी पड़ताल कराई गई, तो पाया गया कि कई स्कूलों में बिना मेन्यू के पालन के ही भोजन तैयार किया गया था। कहीं पानी जैसी दाल मिली तो कहीं सब्जी भी नहीं दी गई। अधिकतर जगहों पर बच्चे बिना टाट या दरी के जमीन पर खाना खाते दिखे।

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पड़ताल में चोलापुर, दानगंज, सुंदरपुर, लोहता, केराकतपुर आदि क्षेत्र के 8 से अधिक प्राथमिक विद्यालयों में पाया गया कि बच्चे मिड डे मील योजना के तहत जमीन पर बिना टाट और दरी के भोजन कर रहे थे। केराकतपुर, दानगंज और चोलापुर के विद्यालयों में मिड डे मील के मेन्यू के विपरीत खाना बच्चों को परोसा गया। 
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बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से निर्धारित मेन्यू के अनुसार बृहस्पतिवार को रोटी और सब्जीयुक्त दाल देना तय था, लेकिन कई विद्यालयों में इसके इतर दाल चावल, रोटी दाल आदि परोसा गया। केवल कंपोजिट विद्यालय महेशपुर में मिड डे मील में मेन्यू का पालन हुआ। यहां सब्जीयुक्त दाल और रोटी परोसी गई, और यहां के खाने की गुणवत्ता ठीक पाई गई।

केस 1

mid-day meal daily menu not followed in government schools in Varanasi
मिड डे मील योजना - फोटो : अमर उजाला
केराकतपुर प्राथमिक विद्यालय में मिड डे मील में मेन्यू के विपरीत चावल और सब्जी परोसी गई, जबकि मेन्यू के अनुसार रोटी और सब्जी युक्त दाल देना चाहिए था। यहां सब्जी में आलू और सोयाबीन मिली थी, लेकिन मात्र नाममात्र की। बच्चों की थाली में सिर्फ चावल और पानी ही दिखाई दिया।

केस 2
प्राथमिक विद्यालय रसड़ा, सुल्तानीपुर में भी मिड डे मील में मेन्यू का पालन नहीं हुआ। यहां भी रोटी और सब्जी युक्त दाल की जगह चावल और सब्जी परोसी गई, और इसकी गुणवत्ता भी खराब थी। सब्जी में सब्जी कम और पानी अधिक था, जो बच्चों की थाली में देखा गया।

केस 3
नियार कंपोजिट विद्यालय में भी मेन्यू का पालन नहीं हुआ। यहां भी बच्चों को केवल चावल और पानी वाली सब्जी दी गई। खाने की गुणवत्ता यहां भी खराब थी। चावल के साथ प्लेट में सिर्फ पानी दिख रहा था।

केस 4
प्राथमिक विद्यालय गरथमा में भी मेन्यू का पालन नहीं हुआ। यहां मेन्यू के अनुसार रोटी और सब्जीयुक्त दाल के स्थान पर बच्चों को केवल चावल और अरहर की दाल दी गई। यहां सब्जी न मिलने की बात रसोइयों द्वारा कही गई।

समय-समय पर अधिकारी और नेता करते हैं जांच, फिर भी यह हाल

विद्यालयों में परोसे जा रहे मिड डे मील की समय-समय पर अधिकारी और नेता भी जांच करते रहते हैं। बीएसए और एबीएसए ने कुछ दिन पूर्व ही निरीक्षण के दौरान कुछ विद्यालयों में भोजन चखा था। इसी तरह भाजपा के कैंट विधायक सौरभ श्रीवास्तव भी हाल ही में एक विद्यालय में मिड डे मील का भोजन चख चुके हैं। इसके बावजूद स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ।

बिना ड्रेस के मिलीं सभी विद्यालयों में रसोईया
अखबार की ओर से की गई पड़ताल में अधिकतर विद्यालयों में जो रसोइयां तैनात हैं, वे निर्धारित ड्रेस में नहीं दिखीं। शासन की ओर से रसोइयों को भूरे रंग की साड़ी, हाथ में ग्लव्स और सिर पर टोपी पहनना अनिवार्य किया गया है, लेकिन किसी भी विद्यालय में इस नियम का पालन नहीं हो रहा।

हाल ही में शासन ने बढ़ाया है बजट

शासन ने महंगाई को देखते हुए मिड-डे मील की धनराशि में वृद्धि की है। पहले प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के लिए 6.19 रुपये प्रति दिन निर्धारित थे, जो अब बढ़कर 6.78 रुपये हो गए हैं। इसी तरह उच्च प्राथमिक विद्यालयों में विद्यार्थियों पर खर्च की जाने वाली धनराशि 9.29 रुपये से बढ़ाकर 10.17 रुपये कर दी गई है।

मिड डे मील का मेन्यू

  • सोमवार: रोटी, सब्जी, मौसमी फल
  • मंगलवार: चावल और दाल
  • बुधवार: तहरी व उबला दूध
  • बृहस्पतिवार: रोटी व सब्जी युक्त दाल
  • शुक्रवार: चावल और मौसमी सब्जी
  • शनिवार: चावल और मौसमी सब्जी

क्या बोले अधिकारी

मिड डे मील में खाने की गुणवत्ता बरकरार रखने के लिए सभी खंड शिक्षा अधिकारियों और प्रधानाचार्यों को सख्त निर्देश दिए गए हैं। यदि मेन्यू का पालन नहीं हो रहा या खाने की गुणवत्ता खराब है, तो इसकी जांच कराई जाएगी। इसमें संबंधित फर्म और दोषी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। -अनुराग श्रीवास्तव, बीएसए
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