एसआईआर: वाराणसी से गायब हो जाएंगे छह लाख मतदाता, 14 लाख की मैपिंग; शहर में होगी सबसे बड़ी कटौती
Varanasi News: वाराणसी जिले में 31 लाख मतदाता हैं, लेकिन इसमें करीब 25 लाख मतदाताओं ने फॉर्म भरे हैं। ऐसे में छह लाख लोग मतदाता सूची से बाहर होंगे।
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वाराणसी जिले की मतदाता सूची में वर्षों से जमी धूल आखिर साफ होने लगी है। मंगलवार तक एसआईआर प्रक्रिया पूरी होने के बाद अनुमान है कि करीब छह लाख मतदाताओं के नाम सूची से बाहर हो जाएंगे। कुल 31 लाख मतदाताओं में से अब तक 25 लाख के एसआईआर फॉर्म भरे जा चुके हैं। 14 लाख की मैपिंग भी पूरी हो गई है। मतदाता सूची से नाम की सबसे बड़ी कटौती शहर क्षेत्र में होने के संकेत मिल रहे हैं।
अजगरा, पिंडरा, शिवपुर और सेवापुरी विधानसभा क्षेत्र में सर्वे का 100 प्रतिशत काम पूरा हो गया। कैंट और दक्षिणी विधानसभा क्षेत्र में 97%, रोहनिया में 96% और उत्तरी विधानसभा क्षेत्र में 94% काम निपट चुका है। करीब छह लाख वोटर मतदाता सूची से बाहर हो सकते हैं। ये मतदाता मर चुके हैं या शहर छोड़कर जा चुके हैं। कहीं और रह रहे हैं। वोटर कार्ड वहीं का बनवा लिया है। 11 दिसंबर तक इस काम को पूरा कर लिया जाएगा। शहरी क्षेत्र से करीब 25 और ग्रामीण क्षेत्र से 14 फीसदी मतदाता कम हो जाएंगे।
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बीएलओ ने पूरे परिवार का मतदाता सूची से नाम हटाया
बीकापुर बूथ संख्या 153 पर तैनात बीएलओ विमला देवी पर ग्रामीण दूधनाथ यादव ने पूरे परिवार का नाम मतदाता सूची से बिना पूछे हटाए जाने आरोप लगाया है। दूधनाथ यादव ने सोमवार को बीडीओ चिरईगांव को लिखित शिकायत दी। कहा कि उनके परिवार के सभी सदस्यों का नाम केवल एक ही स्थान पर मतदाता सूची में दर्ज था। फिर भी बीएलओ ने बिना पुष्टि किए उसे सूची से हटा दिया। बीएलओ से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि इनके परिवार के लोग कहीं और रहते हैं, हम कहां ढूंढेंगे। बीडीओ ने कहा कि वह जांच करा लेंगे।
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2003 वाली सूची से मैपिंग असंभव
सिरिस्ती गांव की वर्ष 2003 की मतदाता सूची में छितौना गांव के लोगों के नाम दर्ज हैं। ऐसे में वर्तमान सूची के नामों की 2003 वाली सूची से मैपिंग असंभव है। पूर्व जिला पंचायत सदस्य रमेश अज्ञात ने बताया कि वर्ष 2003 में सिरिस्ती गांव की सही मतदाता सूची उपलब्ध कराने की मांग को लेकर डीएम, एसडीएम और भारत निर्वाचन आयोग को पंजीकृत पत्र भेजा गया है।