{"_id":"694d152b5a105d6bef089160","slug":"varanasi-first-planetarium-will-be-built-in-lahartara-2025-12-25","type":"story","status":"publish","title_hn":"Exclusive: नए साल में वाराणसी को मिलेगा पहले तारामंडल का तोहफा, लहरतारा में होगा इसका निर्माण","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
Exclusive: नए साल में वाराणसी को मिलेगा पहले तारामंडल का तोहफा, लहरतारा में होगा इसका निर्माण
राहुल दुबे, अमर उजाला ब्यूरो, वाराणसी।
Published by: प्रगति चंद
Updated Thu, 25 Dec 2025 04:13 PM IST
सार
Varanasi News: नए साल में लहरतारा में वाराणसी का पहला तारामंडल बनेगा। यह एक ऐसी जगह होती है, जहां तारों, ग्रहों और अंतरिक्ष की घटनाओं को एक बड़े गुंबद पर प्रोजेक्शन (प्रक्षेपण) के जरिये दिखाया जाता है, जिससे रात के आकाश जैसा अनुभव मिलता है।
विज्ञापन
तारामंडल
- फोटो : अमर उजाला
विज्ञापन
विस्तार
विज्ञान और भूगोल के क्षेत्र में जिज्ञासा रखने वाले छात्र, शिक्षक और शोधार्थियों के लिए अच्छी खबर है। लहरतारा के प्राथमिक विद्यालय द्वितीय के पास आधा एकड़ जमीन पर तारामंडल बनेगा। इसके लिए प्रशासन और शिक्षा विभाग ने जमीन चिह्नित कर शासन को प्रस्ताव भेज दिया है। नए साल में जनवरी 2026 से इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू हो जाएगा। तारामंडल एक ऐसी जगह होती है, जहां तारों, ग्रहों और अंतरिक्ष की घटनाओं को एक बड़े गुंबद पर प्रोजेक्शन (प्रक्षेपण) के जरिये दिखाया जाता है, जिससे रात के आकाश जैसा अनुभव मिलता है।
Trending Videos
बीएचयू के खगोल वैज्ञानिक डॉ. अलकेंद्र सिंह कहते हैं कि इसके बनने से शिक्षा, मनोरंजन, जिज्ञासा और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। खासकर छात्रों को खगोल विज्ञान की जटिल अवधारणाओं को सरल और रोमांचक तरीके से समझने में मदद मिलेगी।
विज्ञापन
विज्ञापन
उन्होंने बताया कि तारामंडल एक गोलाकार हॉल होता है, जिसकी छत पर प्रोजेक्टर की मदद से पूरे ब्रह्मांड का दृश्य, जैसे तारे, ग्रह, आकाशगंगाएं और उल्कापिंड, दिखाया जाता है। इसका उद्देश्य लोगों को खगोल विज्ञान की जानकारी देना और उन्हें अंतरिक्ष के बारे में बताना है, जिसे सामान्य आंखों से देखना मुश्किल होता है।
इसे भी पढ़ें; मुश्किल में सफर: ऑपरेशनल कारणों से आठ उड़ानें रद्द, 16 विमान देरी से आए- गए; 5000 यात्रियों को हुई परेशानी
जिले में तारामंडल बनने से छात्रों को पृथ्वी के घूर्णन (रोटेशन), ऋतुओं, चंद्रमा की कलाओं (फेज) और ब्रह्मांड के विशाल पैमाने को समझने में मदद मिलेगी। यह विज्ञान की अमूर्त अवधारणाओं को ठोस और आकर्षक अनुभव में बदल देता है।
