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Hit And Run law Protest: आखिर क्या है सरकार का नया हिट एंड रन कानून, जिसका हो रहा विरोध; वीडियो से जानें

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, वाराणसी Published by: किरन रौतेला Updated Tue, 02 Jan 2024 01:21 PM IST
सार

Hit And Run law Protest: केंद्र सरकार के हिट एंड रन केस के नए कानून के विरोध में ट्रांसपोर्टर व निजी बस संचालक भारी प्रदर्शन पर उतर आए हैं। यूपी समेत देशभर में विरोध देखने को मिल रहा है। जानिए, आखिर क्या है हिट एंड रन का नया कानून ? 

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What is the government's new Hit and Run law, which is being opposed watch video
हिट एंड रन को लेकर प्रदर्शन - फोटो : संवाद
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विस्तार
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यूपी समेत पूरे देश में हिट एंड रन कानून का विरोध हो रहा है। कई संगठन इस कानून के विरोध में सड़कों पर उतर आए हैं। यूपी के कई जिलों में मंगलवार को भी चक्का जाम और बसों-ट्रकों और ऑटो की हड़ताल देखने को मिल रही है। प्राइवेट बसों ट्रकों से लेकर सरकारी महकमें की बसें भी इसमें शामिल हैं। 

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क्या है हिट एंड रन का नए कानून?

केंद्र सरकार ने हिट एंड रन केस के लिए नया कानून बनाया है। इसके तहत अगर वाहन चालक की गलती से दुर्घटना में किसी की मौत हो जाती है और वाहन चालक मौके से फरार हो जाता है तो उसको 10 साल की कैद व सात लाख रुपये जुर्माने का प्रावधान रखा गया है। इससे बस, ट्रक, पिकअप व टेंपो चालक प्रभावित होंगे। इसी का विरोध यूपी समेत कई राज्यों में हो रहा है। मंगलवार को निजी बस संचालकों ने भी इसके विरोध में अपनी बसों को बंद कर दिया।
 

What is the government's new Hit and Run law, which is being opposed watch video
Hit And Run law Protest - फोटो : संवाद

सोमवार को ऐसा था हाल
सोमवार की सुबह कैंट बस स्टेशन से रोडवेज की 200 बसें बाहर नहीं निकलीं। ग्रामीण डिपो अनुबंधित बस चालकों ने स्टेयरिंग थामने से इन्कार कर दिया। वहीं, परिक्षेत्र की अन्य डिपो को जाने वाली बसें भी खड़ी हो गईं। सुबह के समय रोडवेज अधिकारियों से चालकों की नोकझोंक भी हुई। दोपहर एक बजे तक चालकों और परिचालकों का मान मन्नौवल चला। इसके बाद बसें डिपो से निकलनी शुरू हुईं।

सुबह के समय सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज की 50 बसें भी मिर्जामुराद-रोहनिया मार्ग पर जहां-तहां खड़ी कर दी गईं। नव वर्ष के पहले दिन बसों की कमी होने के चलते 30 से 35 हजार यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। वहीं, वाराणसी ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन ने लहरतारा में बैठक कर हड़ताल की चेतावनी दी है। नए मोटर व्हीकल एक्ट के तहत सड़क दुर्घटना में वाहन चालकों पर भारी जुर्माना और दस वर्ष की सजा का प्रावधान किया है। वाहन चालक इसके विरोध में उतर आए हैं।

सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज के चालकों और परिचालकों ने ई-बसें खड़ी कर दीं। चालक और परिचालक रामसूरत यादव, धनंजय बिंद, सर्वेश मिश्रा, दिनेश सिंह ने बताया कि इस कानून का विरोध किया जाएगा। उधर, वाराणसी परिक्षेत्र के ग्रामीण डिपो की अनुबंधित बस चालकों ने बस चलाने से इन्कार कर दिया। कहा कि नौकरी से भले निकाल दिया जाए लेकिन बस नहीं चलाएंगे। आरोप है कि एक अधिकारी ने किसी चालक के साथ अभद्रता भी की। इसे नाराज चालकों ने किसी भी बस को बाहर नहीं निकलने दिया। मिर्जामुराद ई-चार्जिंग डिपो से पहली शिफ्ट की 50 ई-बसें रूटों पर नहीं निकल सकीं। विरोध प्रदर्शन के चलते ही जहां-तहां खड़ी हो गईं। सुबह से दोपहर तक लगभग 250 बसें प्रभावित हुईं। उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम वाराणसी परिक्षेत्र के क्षेत्रीय प्रबंधक, सहायक क्षेत्रीय प्रबंधकों ने चालकों और परिचालकों को समझाया। दो बजे के बाद धीरे-धीरे बसें निकली शुरू हुई। उधर, रोहनिया में सड़क किनारे ट्रक और टैंकरों को खड़ा कर चालकों ने विरोध जताया।

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