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Bihar Assembly Elections 2025: An account of 24 seats in the Ang region, local issues may affect the results
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Bihar Assembly Elections 2025: अंग क्षेत्र के 24 सीटों का लेखा-जोखा, स्थानीय मुद्दे डाल सकते हैं नतीजों पर असर
Video Published by: ज्योति चौरसिया Updated Sun, 12 Oct 2025 01:36 PM IST
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बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है। लोगों का ध्यान खास तौर से अंग क्षेत्र के मुंगेर, लखीसराय, भागलपुर, बांका, खगड़िया और जमुई जिलों पर है, जहां विधानसभा की 24 सीट हैं। राजनीतिक दल अपने प्रचार अभियान तेज कर रहे हैं। दूसरी ओर मतदाता जमीनी मुद्दों को हवा दे रहे हैं। मुंगेर जिले में तीन विधानसभा सीट हैं। यहां मतदाताओं के लिए बेरोजगारी और पलायन प्रमुख मुद्दे हैं। बेशक यहां बड़े उद्योग हैं, फिर भी लोगों का मानना है कि निवेश आकर्षित करने और विकास को रफ्तार देने के लिए बेहतर बुनियादी ढांचा और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा संस्थान जरूरी हैं। लखीसराय जिले में दो विधानसभा सीट हैं। यहां खेती स्थानीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है, लेकिन किसानों की चिंताएं लगातार बढ़ रही हैं। मानसून में अक्सर बाढ़ आ जाती है। खेतों में पानी भर जाता है। फसल बर्बाद हो जाती है और किसानों की रोजी-रोटी खतरे में पड़ जाती है। बांका जिले में पांच विधानसभा सीट हैं। यहां के लोग खराब बुनियादी ढांचे और बिजली कटौती से परेशान हैं। मानसून में ये परेशानियां और बढ़ जाती हैं। यहां की सांस्कृतिक विरासत बेहद समृद्ध है, लेकिन बुनियादी सुविधाओं का अभाव लोगों के लिए बड़ी चिंता का विषय है। सिल्क सिटी के नाम से मशहूर भागलपुर को स्मार्ट सिटी घोषित किया गया है। इसके बावजूद ये शिक्षा, बेतरतीब ट्रैफिक और विकास की चुनौतियों से जूझ रहा है। इस जिले में सात विधानसभा सीट हैं। इस लिहाज से ये राजनीतिक तौर पर महत्वपूर्ण है। चुनावी सरगर्मियां तेज होने के साथ भागलपुर के नेताओं में विकास का सेहरा लेने की होड़ लग गई है। हर नेता अपनी-अपनी पार्टी के योगदान का बखान कर रहा है। आरजेडी का दावा है कि विकास की नींव लालू यादव के शासनकाल में रखी गई थी। बीजेपी भी क्षेत्र का विकास करने का दावा कर रही है। उसका कहना है कि शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा में हालिया सुधार की वजह उसी की प्रतिबद्धता है। जमुई जिले में चार विधानसभा सीट हैं। यहां भी खेती स्थानीय अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार है। सिंचाई की असुविधा, खाद की कमी और रोजगार के सीमित मौके विकास की राह में रोड़ा और आम लोगों में हताशा की वजह हैं। बिहार विधानसभा की 243 सीट के लिए दो चरणों में - छह और 11 नवंबर को मतदान होगा। वोटों की गिनती 14 नवंबर को होगी। अंग क्षेत्र के मतदाताओं को उम्मीद है कि राजनीतिक दल उनकी चिंताएं दूर करने में गंभीरता दिखाएं, क्योंकि चुनावी लड़ाई में स्थानीय मुद्दे नतीजों पर खासा असर डाल सकते हैं।
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